बेल्स पाल्सी क्या है?
आधे फेस (Half of the face) की मांसपेशियां को अस्थाई रूप से कमजोर पड़ना या पैरालिसिस होना बेल्स पाल्सी कहलाता है। चेहरे को कंट्रोल करने वाले नर्व के दबने या सूजने की वजह से भी हो सकता है। ऐसा होने पर चेहरे का एक साइड दूसरे साइड की मुकाबले ज्यादा कड़ा या सूज सकता है। बेल्स पाल्सी की स्थिति पर आपको हंसने और आंखें बंद होने पर भी परेशानी महसूस हो सकती है। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जिनमे बेल्स पाल्सी की समस्या होने पर एक सप्ताह में ठीक भी हो जाते हैं।
बेल्स पाल्सी कितना सामान्य है?
बेल्स पाल्सी किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन, 16 से 60 उसाल के उम्र के लोगों में होने की संभावना ज्यादा होती है। बेल्स पाल्सी होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
बेल्स पाल्सी के लक्षण क्या हैं?
बेल्स पाल्सी के कुछ सबसे सामान्य और जल्दी नजर आने वाले लक्षणों में शामिल है:
- चेहरे पर अचानक से कमजोरी महसूस होना। ऐसा एक दिन या एक घंटे में भी हो सकता है।
- चेहरे का कमजोर पड़ना और चेहरे के मूवमेंट, हंसने और आंख बंद करने में परेशानी महसूस होना।
- मुंह से लार आना।
- जबड़े के आस-पास दर्द होना या कान के पिछले हिस्से में दर्द होना।
- एफेक्टेड एरिया का सेंसेटिव होना।
- सिर में दर्द होना।
- खाने का स्वाद कम होना।
- आंसू और लार की मात्रा कम होना।
- इन लक्षणों के साथ-साथ बेल्स पाल्सी के लक्षण दोनों साइड परेशानी महसूस होना।
हमें डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
शुरुआती निदान और उपचार इस स्थिति को बिगड़ने से रोक सकते हैं। इसलिए इस गंभीर स्थिति से बचने के लिए जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर आपको भी बेल्स पाल्सी के लक्षण नजर आते हैं या इससे जुड़े कोई सवाल हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर भी आपके हेल्थ के अनुसार ही इलाज शुरू करेंगे।
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किन कारणों से होता है बेल्स पाल्सी?
शरीर के क्रेनियल नर्व (7वें क्रेनियल नर्व को फेशियल नर्व कहते हैं) के दबने या उसमे सूजन आने की वजह से बेल्स पाल्सी होता है। इससे चेहरा कमजोर पड़ने के अलावा पैरालिसिस भी होने की संभावना हो सकती है। हालांकि, ऐसा किन कारणों से होता है वह अभी तक साफ नहीं है लेकिन, वायरल इंफेक्शन एक कारण माना जा सकता है। कुछ ऐसे भी वाइरस हैं जिनकी वजह से बेल्स पाल्सी की परेशानी हो सकती है। ऐसे वाइरस में शामिल है:
- हरपीज सिंप्लेक्स (Herpes simplex) घाव होना (cold sores) या जेनाइटल हरपीज होना।
- HIV का असर इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है।
- बॉडी ऑर्गन के सूजन का करण सारकॉइडोसिस भी हो सकता है।
- चिकनपॉक्स और खुजली हर्पीज जोस्टर वाइरस की वजह से भी हो सकता है।
- एपस्टीन-बार वायरस जो मोनोन्यूक्लिओसिस का कारण बनता है।
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किन कारणों से बढ़ सकती है बेल्स पाल्सी की समस्या?
निन्मलिखित कारणों से बढ़ सकती है परेशानी:
- प्रेग्नेंसी के दौरान।
- डायबिटीज के कारण।
- लंग इंफेक्शन के कारण।
- ब्लड रिलेशन की वजह से भी बढ़ सकती है परेशानी।
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निदान और उपचार
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए बेहतर होगा की आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
बेल्स पाल्सी का निदान कैसे किया जाता है?
बेल्स पाल्सी की परेशानी समझ आने पर डॉक्टर टेस्ट भी कर सकते हैं। आपको यह परेशानी कब से हो रही है और लक्षणों के बारे में भी डॉक्टर आपसे पूछ सकते हैं। बेल्स पाल्सी होने पर डॉक्टर और भी टेस्ट कर सकते हैं। पीड़ित व्यक्ति का MRI या CT स्कैन भी किया जा सकता है।
बेल्स पाल्सी का इलाज कैसे किया जाता है?
समय पर अगर इलाज शुरू किया गया तो इससे जल्दी निजात पाया जा सकता है। इलाज के लिए दवा या फिजिओ थेरपिस्ट की मदद से भी इलाज किया जा सकता है। कभी-कभी गंभीर स्थिति होने पर सर्जरी की जा सकती है।
- दवा : दवाओं की मदद से बेल्स पाल्सी का इलाज किया जा सकता है।
- कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स : इसमें पावरफुल एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट्स मौजूद होते हैं, जिससे सूजन जैसी समस्या कम हो सकती है।
- एंटी-वायरल ड्रग्स : बेल्स पाल्सी के इलाज के दौरान एंटी-वायरल ड्रग्स और स्टेरॉइड्स को साथ भी दिया जा सकता है।
- फिजिकल थेरेपी : फिजिकल थेरेपी की मदद से भी इलाज किया जा सकता है।
- सर्जरी : स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर सर्जरी भी कर सकते हैं।
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निम्नलिखत टिप्स को अपनाकर बेल्स पाल्सी की समस्या को कम किया जा सकता है:
- बेल्स पाल्सी में एक आंख को बंद करने में परेशानी होती है। इसलिए दिन में लुब्रिकेटिंग आईड्रॉप का इस्तेमाल और रात में आंखों पर क्रीम लगाने से आपकी आखों में नमी बनी रह सकती है। दिन में चश्मा या धूप के चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए और रात को ऑय पैच का इस्तेमाल करना चाहिए।
- एस्प्रिन जैसी दवाएं दर्द को कम करने में आपको राहत पहुंचा सकती है।
- चेहरे पर कॉटन या सॉफ्ट कपड़े को गुनगुने पानी से गीला कर चेहरे पर रखने से दर्द में राहत मिलती है।
- मसाज और और एक्सरसाइज की मदद से भी इसे ठीक किया जा सकता है। मसाज और एक्सरसाइज के लिए एक्सपर्ट्स से सलाह लें।
- एक्यूपंक्चर से बेल्स पाल्सी का इलाज किया जा सकता है। एक्यूपंक्चर एक चाइनीज थेरिपी है। जो फेशियल पैरालिसिस को और फेशियल डिसेबिल्टी को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। एक वैज्ञानिक शोध में ये बात सामने आई है कि एक्यूपंचर में प्रयोग की जाने वाली सूईयों से बेल्स पाल्सी में मरीजों को राहत मिल सकती है।
इस आर्टिकल में हमने आपको बेल्स पाल्सी से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
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