के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
जब शरीर के अंदर दो खोखली जगह जैसे, ब्लड वेसल, इंटेस्टाइन या अन्य दो खोखले आंतरिक अंग, में असामान्य रूप से कनेक्शन बन जाता है, तो उसे फिस्ट्यूला (Fistula) कहते हैं। जो कि आमतौर पर किसी चोट, सर्जरी, सूजन या संक्रमण (Infection) के कारण होता है। इसी तरह, जब त्वचा और एनस के बीच एक संक्रमित जगह या कनेक्शन बन जाता है, तो उसे एनल फिस्ट्यूला (Anal Fistula) कहते हैं और इसी को हिंदी में भगंदर (Anal Fistula) कहा जाता है।
भगंदर (Anal Fistula) आमतौर पर एनल ग्लैंड से शुरू होने वाले इंफेक्शन के कारण होता है। इस इंफेक्शन की वजह से वहां मवाद इकट्ठा होने लगती है, जो कि धीरे-धीरे निकलने लगती है या फिर एनस के बराबर वाली त्वचा के द्वारा डॉक्टर की मदद से निकलवाई जाती है। इसके बाद यहां पर त्वचा और एनस के बीच एक खोखली जगह या कनेक्शन बन जाता है।
भगंदर यानी एनल फिस्ट्यूला (Anal Fistula) के प्रकार को उसकी जगह के मुताबिक निर्धारित किया गया है। जैसे-
इसमें इंटरनल और एक्सटर्नल स्फिंक्टर मसल्स के बीच की खाली जगह से ट्रैक्ट शुरू होकर एनल की ओपनिंग के बिल्कुल पास जाकर खुलता है।
इसमें ट्रैक्ट इंटरनल और एक्सटरनल स्फिंक्टर मसल्स के बीच की खाली जगह या फिर एनस के पीछे से शुरू होता है और फिर एक्सटरनल स्फिंक्टर को क्रॉस करता हुआ एनल की ओपनिंग के एक या दो इंच बाहर जाकर खुलता है।
इसमें ट्रैक्ट इंटरनल और एक्सटरनल स्फिंक्टर मसल्स के बीच की खाली जगह से शुरू होता है और प्यूबोरेक्टल मसल के ऊपर एक बिंदु की तरफ घूमता है और इस मसल को क्रॉस करता है। इसके बाद यह प्यूबोरेक्टल और लेवेटर एनी मसल के बीच की जगह की तरफ नीचे बढ़ता है और एनस के एक या दो इंच बाहर जाकर खुलता है।
इसमें ट्रैक्ट रेक्टम या सिगमॉइड कोलन से शुरू होता है और नीचे की तरफ बढ़ते हुए लेवेटर एनी मसल से गुजरता हुआ एनस के पास जाकर खुलता है।
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भगंदर (Anal Fistula) की समस्या में निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। जैसे-
भगंदर (Anal Fistula) की वजह से हर व्यक्ति में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, इसका मतलब है कि, किसी व्यक्ति में जो लक्षण दिख रहे हों, जरूरी नहीं कि दूसरे में भी वही दिखें। इसके अलाव, यह भी जरूरी नहीं है कि, भगंदर (Anal Fistula)के रोग में यह सभी लक्षण दिखें। आपको इनमें से एक या दो या फिर किन्हीं अलग लक्षणों का सामना भी करना पड़ सकता है। अगर आपके मन में भगंदर रोग से जुड़े लक्षणों के बारे में कोई सवाल या शंका है, तो अपने डॉक्टर से चर्चा करें।
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आपके एनस यानी गुदा के अंदर कई सारी ग्रंथि होते हैं, जो फ्लूड का निर्माण करती हैं। लेकिन, कभी-कभी वह ब्लॉक या क्लॉग हो जाती हैं और वहां बैक्टीरिया (Bacteria) बनने की वजह से संक्रमित टिश्यू और द्रव्य की वजह से सूजन भरी मवाद होने लगती है। अगर इसे ठीक नहीं किया जाता, तो यह समस्या बढ़ती रहती है और यह धीरे-धीरे अपना रास्ता बनाते हुए आपकी एनस (Anus) के आसपास त्वचा के बाहर तक छेद कर देती है और इस सुरंगनुमा जगह को एनल फिस्ट्यूला (Anal Fistula) कहते हैं, जो कि आपके ग्लैंड और त्वचा के बाहरी छेद को जोड़ती है। अधिकतर समय, मवाद की वजह से भगंदर (Anal Fistula) होता है, लेकिन यह टीबी, सेक्शुअली ट्रांसमिटिड डिजीज (STDs) और बोवल को प्रभावित करने वाली अन्य बीमारियों के कारण भी हो सकता है।
निम्नलिखित लोगों को इसका सबसे ज्यादा खतरा होता है। जैसे-
सबसे पहले डॉक्टर आप में दिख रहे लक्षणों की जांच करता है और अगर उन लक्षणों के द्वारा भगंदर (Anal Fistula) का संकेत मिलता है, तो आपको निम्नलिखित टेस्ट करवाने की सलाह देता है। जैसे-
इसमें पतले और लंबे फिस्ट्यूला प्रोब डिवाइस को फिस्ट्यूला की ओपनिंग से अंदर डाला जाता है। इस दौरान एक स्पेशल डाई भी इंजेक्ट की जाती है, ताकि फिस्ट्यूला के आंतरिक छोर का पता लगाया जा सके।
डॉक्टर आपके एनल एरिया की आंतरिक स्थिति को देखने के लिए साउंड वेव्स द्वारा किए जाने वाले अल्ट्रासाउंड की मदद भी ले सकता है। इसके अलावा, वह एमआरआई जैसी इमेजिंग स्टडी की भी मदद ले सकता है।
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एनोस्कोप एक विशेष स्कोप होता है, जिसकी मदद से आपके एनल कैनाल के अंदर देखा जाता है।
इसमें एक कॉन्ट्रास्ट सॉल्यूशन को फिस्ट्यूला के अंदर इंजेक्ट करके एक्सरे निकाला जाता है।
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भगंदर (Anal Fistula) को नियंत्रित करने के लिए आपका डॉक्टर आपको कई सावधानियां बरतने को कह सकता है। जैसे-
भगंदर का उपचार करने के लिए एंटीबायोटिक्स के सेवन के साथ निम्नलिखित सर्जरी की भी जरूरत पड़ती है। जैसे-
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