गाउट (Gout) क्या है?
गाउट (Gout) गठिया या सूजन का एक रूप है जिसकी वजह से जोड़ों में तेज दर्द, लालिमा और सूजन होती है। इस बीमारी से पैर की बड़ी उंगुली सबसे ज्यादा प्रभावित होती है, लेकिन गाउट पैर (घुटने, टखने, पैर के निचले हिस्से) के अन्य जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा हाथ (कलाई और कोहनी) में भी इसका प्रभाव देखा जाता है। रीढ़ में इस बीमारी का प्रभाव शायद ही कभी दिखता है।
सामान्य भाषा में शरीर में यूरिक एसिड के जमने या बढ़ते स्तर को गाउट यानी गठिया कहा जाता है। गठिया सबसे अधिक लोगों के पैरों को प्रभावित करता है।
यदि आप गाउट से ग्रस्त हैं तो आपको अपने पैरों के जोड़ों में सूजन और दर्द महसूस हो सकता है। अचानक व तीव्र दर्द या गाउट अटैक होने पर व्यक्ति का पैर जलने जैसा प्रतीत हो सकता है।
गाउट (Gout) कितनी सामान्य बीमारी है?
200 वयस्कों में से एक व्यक्ति को गाउट प्रभावित करता है। यह बीमारी किसी भी उम्र और जेंडर के इंसान को प्रभावित कर सकती है लेकिन, पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक देखी जाती है। किशोरावस्था की तुलना में मध्यम आयु वर्ग के लोगों में इसकी संभावना अधिक होती है। कुछ जीवनशैली कारकों को नियंत्रित करके इसे कम किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से सलाह लें।
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गाउट (Gout) के लक्षण क्या हैं?
कई लोगों के खून में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, लेकिन उनमें कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसे असिम्पटोमैटिक गाउट कहा जाता है।
एक्यूट गाउट के लक्षण 3 से 10 दिन में यूरिक एसिड के बढ़ते स्तर के कारण दिखाई देने लगते हैं। आपको इस स्थिति में अत्यधिक दर्द, सूजन और जोड़ों पर गर्म महसूस होने लगता है। गाउट अटैक के बीच में लोगों को कोई लक्षण महसूस नहीं होते हैं।
- जोड़ों का दर्द जो अक्सर सुबह होता है।
- जोड़ों में सूजन।
- जोड़ों के आसपास जलन होना और उनका नरम हो जाना ।
हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हो। यदि आपको किसी भी लक्षण के बारे में किसी भी तरह की शंका हो तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।
गठिया का इलाज न करवाने पर यह क्रोनिक गाउट का रूप ले सकता है। मोटी और कठोर गांठ अंत में आपके जोड़ों को जीवनभर के लिए प्रभावित कर सकती है।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको उपर्युक्त में से कोई लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। अगर इसका उपचार समय पर न किया जाए तो जोड़ों को क्षति पहुंच सकती है। इसके अलावा, अगर आपको बुखार है और जोड़ों में जलन और सूजन है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें क्योंकि यह संक्रमण का संकेत हो सकता है।
सामान्य गठिया का क्रोनिक गाउट में तब्दील होने से रोकने के लिए इसका तुरंत इलाज करवाना बेहद जरूरी होता है।
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गाउट (Gout) का कारण क्या है?
गाउट ब्लड में मौजूद एक कैमिकल के कारण होता है जिसे यूरिक एसिड कहा जाता है। यूरिक एसिड आमतौर पर हानिरहित होता है और शरीर के अंदर बनता है। अधिकांशत: यूरिन और स्टूल के साथ यह बाहर निकल जाता है। गाउट की बीमारी से ग्रसित लोगों में रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे यूरिक एसिड के क्रिस्टल बनने लगते हैं और क्रिस्टल इकट्ठा होने से लालिमा, दर्द, जलन व सूजन की समस्या होने लगती है।
कुछ विशेष प्रकार की समस्याएं जैसे ब्लड और मेटाबोलिज्म डिसऑर्डर या पानी की कमी के कारण भी शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है।
किडनी, थायरॉइड की समस्या या अनुवांशिक विकार के कारण यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित रखना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में गाउट की स्थिति उतपन्न होने की आशंका बढ़ सकती है।
निम्न व्यक्तियों में गाउट के होने की आशंका सबसे अधिक होती है –
- मध्यम उम्र के पुरुष या मेनोपॉज के बाद की महिलाओं में
- परिवार के किसी अन्य सदस्य जैसे पिता, माता, भाई या बहन को गाउट की शिकायत होना
- शराब का सेवन करना
- प्यूरीन युक्त आहार जैसे लाल मास, जानवरों के अंग और विशेष प्रकार की मछली खाना
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जानिए जोखिम कारक
गाउट (Gout) के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। जैसे:
- मोटापा
- अत्यधिक वजन बढ़ना
- ज्यादा शराब का सेवन
- उच्च रक्त चाप
- लंबे समय से गुर्दे (एनल) की कार्य क्षमता में कमी आना
- कुछ दवाओं का प्रयोग
- डीहाइड्रेशन
- सर्जरी या चोट के बाद।
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गाउट (Gout) का निदान कैसे किया जाता है?
डॉक्टर गठिया की पहचान आपकी मेडिकल हिस्ट्री, शारीरिक परीक्षण और लक्षणों की मदद से करते हैं। गाउट का परीक्षण निम्न कारको पर निर्भर करता है –
- जोड़ो में दर्द का प्रकार
- आपको जोड़ों में कितनी बार तीव्र दर्द महसूस होता है
- प्रभावित हिस्से की लालिमा और सूजन
एक ब्लड टेस्ट के जरिए गाउट का पता नहीं लगाया जा सकता है। बल्कि, टेस्ट के लिए डॉक्टर सिरिंज से सूजन वाले जोड़ से कुछ तरल पदार्थ निकाल सकता है। इसके बाद पुष्टि के लिए इसका अध्ययन माइक्रोस्कोप के द्वारा किया जाता है।
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गाउट (Gout) का इलाज कैसे किया जाता है?
गाउट का कोई स्थाई इलाज नहीं है लेकिन, इसे नियंत्रित किया जा सकता है। उपचार के बाद आप महसूस कर सकते हैं कि दर्द और सूजन कम हो गई है और यदि आप एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं तो भविष्य में होने वाले गाउट की समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है।
गाउट (Gout) का इलाज करने के लिए इन दवाओं को इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें शामिल हैं:
- नॉन-स्टेरॉयड एंटी इंफ्लमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी) गंभीर गाउट का इलाज करने के लिए ।
- एनएसएआईडी के विकल्प के रूप में स्टेरॉयड का उपयोग किया जा सकता है।
- कॉलचिसाइन (Colchicine) गाउट के दर्द को कम करने में मदद करती है ।
- दवाएं जो ब्लड में यूरिक एसिड के लेवल को नियंत्रित करती हैं जैसे एलोप्यूरिनॉल, प्रोबेनेसिड और फेबक्सोस्टैट।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको बीमारी से निपटने में मदद कर सकते हैं-
- भोजन में प्यूरीन की मात्रा को सीमित करना।
- आहार में सेचुरेटेड फैट और कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट का उपयोग कम करना।
- सी-फूड और रेड मीट खाने से बचना।
- पर्याप्त तरल पदार्थ लेना।
- शराब का सेवन न करना विशेष रूप से बीयर।
अगर आपको कभी अचानक गाउट (Gout) का अनुभव हो और आपके पास उससे निपटने के लिए दवाएं न हो तो ये कुछ तरीके अपनाएं-
- सूजन को कम करने के लिए प्रभावित अंग को ऊपर उठाएं।
- सूजन वाली जगह पर लगभग 20 मिनट तक आइस पैक से सिकाई करें।
- आवश्यकतानुसार प्रक्रिया को दोहराएं लेकिन, सुनिश्चित करें कि प्रभावित हिस्से का तापमान प्रक्रिया को दोहराने से पहले सामान्य हो गया हो।
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गाउट से राहत के लिए कुछ घरेलू इलाज निम्न हैं :
- सौ मर्ज की एक दवा है पानी, पानी पीने से गाउट में राहत मिलता है। साथ ही सूजन और दर्द भी कम होता है। आप जितना अधिक पानी पिएंगे आपकी किडनी आपके शरीर में मौजूद नुकसानदायक चीजों को बाहर निकाल देगी।
- जोड़ों में दर्द या सूजन होने पर कपड़े में ढके हुए बर्फ से सिकाई करें। इस आइस पैक को रोजाना दिन में दो बार 10 से 15 मिनट के लिए सिंकाई करें। इसके अलावा आप अपने पैरों में फ्रोजन सब्जियों को बांध सकते हैं।
- गाउट में अगर आप स्ट्रेस लेंगे तो आपको ज्यादा परेशानी होगी। इसलिए कोशिश करें कि आप स्ट्रेस बिल्कुल न लें। आप अपना स्ट्रेस कम करने के लिए मेडिटेशन भी कर सकते हैं। साथ ही स्ट्रेस से निकलने में आपको एक्सरसाइज भाी मदद कर सकता है। इसके लिए आप अपने काम से थोड़ी छुट्टी लें, फैमिली या दोस्त के साथ टहलने जाएं। अपनी पसंदीदा किताब पढ़ें, म्यूजिक सुनें।
गाउट एक गंभीर रोग है जिसेक मध्यम लक्षणों को घरेलू उपचार की मदद से ठीक किया जा सकता है। हालांकि, अगर आपके रोग की स्थिति गंभीर है तो तुरंत डॉक्टर या किसी निकटतम अस्पताल से संपर्क करें।
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गाउट (गठिया) में क्या न खाएं और क्या खाएं
यूरिक एसिड को कम करने के लिए क्या न खाएं
गठिया में निम्न आहर से परहेज करना बेहद जरूरी होता है। यह न केवल इलाज की प्रकिया में बाधा डाल सकते हैं बल्कि गाउट की स्थिति को और भी गंभीर बना सकते हैं। कुछ विशेष प्रकार के सामान्य आहार प्राकृतिक तौर पर प्यूरिन से भरपूर होते हैं जो आगे जाके यूरिक एसिड में बदल जाते हैं।
ज्यादातर लोगों को प्यूरिन युक्त आहार से कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन अगर आपका शरीर अतिरिक्त मात्रा में यूरिक एसिड को बहार नहीं निकाल पाता है तो आपको निम्न प्रकार के आहार से परहेज करना चाहिए।
- जानवरों के अंग जैसे – गुर्दा, कलेजी और भेजा
- विशेष प्रकार की मछलियां जैसे – टूना, ट्राउट और हेरिंग
- समुद्री खाद्य पदार्थ जैसे – केकड़ा, झींगा और श्रिम्प
गठिया में क्या खाएं
जिस तरह प्यूरिन युक्त आहार यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाता है उसी तरह कई ऐसे भी आहार होते हैं जिनकी मदद से इसके स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। निम्न कुछ ऐसे आहार हैं जिन्हें गाउट में खाने से इलाज की प्रकिया में तेजी आती है।
- सभी प्रकार के फल खासतौर से चेरी
- डेरी प्रोडक्ट्स – सभी प्रकार के लेकिन खासतौर से लौ फैट वाले
- सब्जियां जैसे – आलू, मशरूम, एवोकाडो और हरी सब्जियां
- अंडे
- दाल, सोयाबीन, राजमा, चने और छोले
- सभी प्रकार का सूखा मेवा
- तेल जैसे – कैनोला, नारियल, ओलिव और फ्लैक्स ऑयल
- साबुत अनाज जैसे – ओट्स, ब्राउन राइस और दलिया
आप चाहें तो मीट और समुद्री खाद्य पदार्थों को एक सीमित मात्रा में खाया जा सकता है। बेहतर जानकारी के लिए अपनी डाइट में किसी भी प्रकार के बदलाव करने से पहले एक डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।
गाउट के लिए टिप्स
- नियमित रूप से व्यायम करें
- हाइड्रेटेड रहें (पानी की कमी न होने दें)
- शराब व धूम्रपान से परहेज करें
- विटामिन सी सप्लिमेंट्स लें
गाउट एक प्रकार का अर्थराइटिस है जिसमें व्यक्ति को अचानक व तीव्र दर्द महसूस होता है। हालांकि, सही इलाज, डाइट और व्यायाम की मदद से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इसके साथ ही कई अन्य प्रकार के जीवनशैली से जुड़े बदलावों की मदद से भी इसकी गठिया के जोखिम को कम किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
इस आर्टिकल में हमने आपको गाउट से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।