मूल बातें जानिए
वैरिकोस वेन सर्जरी क्या है ?
मनुष्य में किसी भी कारण पेट या पैर पर अत्यधिक दबाव पड़ने की वजह से वैरिकोस वेन्स की समस्या शुरू हो सकती है। ऐसा अत्यधिक मोटापा, प्रेग्नेंसी या लंबे वक्त तक खड़े रहने की वजह से भी होता है। कभी-कभी अत्यधिक कब्ज या ट्यूमर की वजह से भी वैरिकोस वेन्स की समस्या हो सकती है।
वैरिकोस वेन्स की परेशानी को कैसे समझा जा सकता है?
वैरिकोस वेन्स की समस्या होने पर दर्द महसूस नहीं किये जा सकते हैं लेकिन, इसके निम्नलिखित लक्षण समझे जा सकते हैं। जैसे-
- वेन्स का रंग गहरा पर्पल या ब्लू रंग का हो सकता है। वेन के रंगों में हो रहे बदलाव को आसानी से समझा जा सकता है।
- पैर के नर्व जो ट्विस्टेड या उभरे हुये होते हैं उनके कॉर्ड को आसानी से देखा जा सकता है।
वैरिकोस वेन्स में शुरुआत में दर्द की समस्या तो नहीं होती है लेकिन, अगर दर्द महसूस होने की स्थिति में निम्नलिखित लक्षण भी हो सकते हैं। जैसे-
- पैर में दर्द होने के साथ-साथ भारीपन महसूस होना
- पैर के निचले हिस्से में जलन, मसल्स में क्रैम्पिंग और सूजन की समस्या हो शुरू हो जाती है। जिससे व्यक्ति परेशान और असहज महसूस कर सकता है।
- ज्यादा देर तक खड़े रहने या बैठे रहने पर दर्द होना। यह काफी पीड़ादायक हो सकता है।
- नसों में या उसके आसपास खुजली होना।
- वैरिकोस वेन के आसपास की त्वचा की रंग में बदलाव देखे जा सकते हैं।
इन लक्षणों को ठीक तरह से समझें और परेशानी महसूस होने पर हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें।
वैरिकोस वेन सर्जरी क्यों की जाती है ?
ऊपर बताई गई परेशानी होने पर आप एक्सरसाइज करें और कंप्रेशन स्टॉकिंग पहने (compression stockings) लेकिन, अगर इसके बाद भी परेशानी हो रही है तो ज्यादा दिनों तक इंतजार न करें। शुरुआत में इसका इलाज दवाओं से किया जा सकता है लेकिन, ज्यादा देर करने पर वैरिकोस वेन्स में शुरू हुई परेशानी को कम करने के लिए सर्जरी की जा सकती है।
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खतरे को समझें
वैरिकोस वेन सर्जरी के साइड इफेक्ट क्या हैं ?
सपोर्ट स्टॉकिंग वैरिकोस वेन्स के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
वैरिकोस वेन्स का इलाज इंजेक्शन (foam sclerotherapy), रेडियो-फ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA) या एंडोवेनस लेजर एब्लेशन (EVLA) से किया जाता है।
वैरिकोस वेन सर्जरी के बाद वैरिकोस वेन्स में फिर से परेशानी हो सकती है।
इस सर्जरी से होने वाली परेशानी को समझना जरूरी है। पीड़ित व्यक्ति के साथ-साथ घर के सदस्यों को भी अगर बीमारी से जुड़े हुए सवाल हैं, तो डॉक्टर या सर्जन से संपर्क करना चाहिए।
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समझें क्या होता है
वैरिकोस वेन्स को दो अलग-अलग सर्जरी कर हटाया जाता है। इनमें शामिल हैं :
वेन स्ट्रिपिंग-
वेन स्ट्रिपिंग सर्जिकल प्रोसेस है, जो जेनरल या लोकल एनेस्थीसिया देकर वैरिकोस वेन्स या ने वेन से जुड़ी पुरानी बीमारी के इलाज के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में वेन्स को स्किन के नीचे से निकाला जाता है। यह प्रोजिजार ज्यादातर ग्रेट सिफैनस वेन (great saphenous vein) को निकालने के लिए किया जाता है।
फ्लेबेक्टॉमी-
इस प्रोसीजर में एक से ज्यादा जगहों पर कट कर के वैरिकोस्ड (varicosed vein) वेन्स निकाले जाते हैं। इस प्रोसीजर को माइक्रोफ्लेबेक्टॉमी (microphlebectomy), एम्बुलेट्री फ्लेबेक्टॉमी (ambulatory phlebectomy) या स्टैब एवुलशन (stab avulsion) कहते हैं।
वैरिकोस वेन सर्जरी के लिए कैसे तैयार रहें ?
पेशेंट को जेनरल एनेस्थेसिया देकर ऑपरेशन किया जाता है। ऑपरेशन में 20 मिनट से लेकर 3 घंटे तक का समय लग सकता है। डॉक्टर सुपरफिशियल वेन्स को डीप वेन से अलग करते हैं या फिर घुटने के पीछे से अलग करते हैं। कई बार बीमारी की गंभीरता को समझते हुए कई जगह कट की जाती है। स्पेशल इंस्ट्रूमेंट की मदद से भी वैरिकोस वेन्स की सर्जरी की जा सकती है।
वैरिकोस वेन सर्जरी के दौरान क्या होता है ?
सर्जरी के दिन या एक दिन बाद पेशेंट को घर जाने की इजाजत मिल सकती है। जितनी जल्दी सर्जरी की जगह (घाव) ठीक होगी, उतनी ही जल्दी पेशेंट अपने नियमित दिनचर्या में वापस लौट सकते हैं। ऐसे में एक्सरसाइज की मदद से जल्दी ठीक हुआ जा सकता है। लेकिन, एक्सरसाइज शुरू करने के पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए। इसके साथ ही अगर बीमारी से जुड़ी और कोई जानकारी है तो अवश्य अपने डॉक्टर से पूछें।
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रिकवरी
वैरिकोस वेन सर्जरी के बाद क्या होता है ?
वैरिकोस वेन सर्जरी की वजह से परेशानी जरूर होती है। परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
सुन्न करने के लिए एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जाता है। जिसका असर सर्जरी के कुछ देर बाद तक भी रहता है। इसके साथ ब्लीडिंग या ब्लड क्लॉट (deep vein thrombosis, DVT) की समस्या हो सकती है।
वैरिकोस वेन सर्जरी से होने होने वाली कुछ खास परेशानी निम्नलिखित है:
- सर्जरी की जगह पर घाव होने का डर बना रहता है। इसलिए साफसफाई का विशेष ख्याल रखें। साफसफाई की कमी और डॉक्टर द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन नहीं करने पर घाव या इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है।
- सर्जरी वाली जगह सुन्न हो सकती है या झुनझुनी महसूस हो हो सकती है।
- धागे जैसे वेन्स का बढ़ना। इसे आसानी से देखा जा सकता है।
- वैरिकोस वेन सर्जरी के बाद पैर में सूजन होने का खतरा बना रहता है।
- वैरिकोस वेन सर्जरी के बाद आर्टरीज, पैर के वेन या नर्व में इंजुरी हो सकती है।
डॉक्टर के द्वारा बताई गई सलाह अनुसार देख-भाल करने से परेशानी न के बराबर होगी और पेशेंट जल्दी ठीक हो सकते हैं।
वैरिकोस वेन सर्जरी से बचने के लिए क्या हैं घरेलू उपाय?
वैरिकोस वेन सर्जरी से बचने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपाय को फॉलो कर सकते हैं। इससे परेशानी को कम किया जा सकता है या इससे बचा जा सकता है। इस घरेलू नुस्खे में शामिल है:
- वक्त पर और नियमित एक्सरसाइज करना। आप चाहें तो अपने पैर को ऊपर की ओर लिफ्ट करने वाले एक्सरसाइज करें।
- शरीर का वजन संतुलित बनाये रखना चाहिए।
- आहार में फायबर की मात्रा का ज्यादा सेवन करना चाहिए और नमक का सेवन कम से कम करना चाहिए।
- टाइट कपड़े पहनने से बचें।
- अपने बैठने और उठने की पुजिशन को हमेशा बदलते रहें। ऐसा करने से फायदा मिल सकता है।
अगर आप वैरिकोस वेन सर्जरी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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