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3. सही मुद्रा (posture) में न रहना – यूट्रस के बढ़ने की वजह से ‘सेंटर ऑफ ग्रेविटी’ बदलता है, जिससे पॉस्चर भी बदलता है। गर्भावस्था के दौरान प्रेग्नेंट महिला कैसे बैठ रही हैं और कैसे लेट रही हैं, इसका असर भी पीठ पड़ता है। गलत पोजीशन में बैठना, ज्यादा झुकना, ज्यादा समय तक खड़े रहना आदि की वजह से हल्का-फुल्का होने वाला पीठ-दर्द बढ़ भी सकता है।
4. मांसपेशियों में बदलाव – जैसे-जैसे गर्भाशय बढ़ता है, वैसे-वैसे गुदा और पेट की मांसपेशियां (जोकि समांतर होती हैं) अलग होने लगती हैं, इसलिए गर्भावस्था में कमर-दर्द की समस्या होती है।
5. तनाव- इमोशनल स्ट्रेस, प्रेग्नेंट महिला की पीठ में मांसपेशियों में तनाव का कारण बन सकता है, जिससे प्रेग्नेंसी में कमर दर्द (Back pain in pregnancy) या ऐंठन की समस्या हो सकती है। यह आप खुद भी महसूस कर सकती हैं गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेस लेने पर पीठ-दर्द बढ़ जाता है।
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