परिभाषा
क्या है केमिकल बर्न?
केमिकल बर्न तब होता है जब आपकी त्वचा और आंखें एसिड या बेस जैसे किसी केमिकल के संपर्क में आती है। केमिकल बर्न को कॉस्टिक बर्न भी कहा जाता है। यह आपकी त्वचा और शरीर के भीतर रिएक्शन कर सकता है। यदि आपने केमिकल पी लिया तो यह आपके आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
यदि गलती से आपने केमिकल मुंह में डाल लिया है तो सबसे पहले अपना मुंह चेक करें कि कोई कट या बर्न तो नहीं है। ऐसी स्थिति में आप लोकल पॉइजन कंट्रोल सेंटर को फोन कर सकते हैं या तुरंत अस्पताल की इमरजेंसी सेवा से मदद ले सकते हैं। केमिकल बर्न घर, स्कूल या ऑफिस कहीं भी हो सकता है। केमिकल बर्न दुर्घटनावश या किसी हमले का परिणाम हो सकता है। ऐसे बिजनेस और मैन्यूफेक्चरिंग प्लांट जहां बड़ी मात्रा में केमिकल का इस्तेमाल होता है, वहां केमिकल बर्न का खतरा अधिक होता है।
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कारण
केमिकल बर्न का कारण क्या है?
अधिकांश केमिकल जिससे जलने की आशंका होती है उसमें स्ट्रॉन्ग एसिड औ बेस शामिल हैं। खतरनाक रसायनों के लेबल पर लिखी मेडिकल इन्फॉर्मेशन इसकी विषाक्तता की पुष्टि करता है। अपने कॉमन सेंस का इस्तेमाल और थोड़ी सी सावधानी बरतकर आप अपने परिवार को केमिकल बर्न के खतरे से बचा सकते हैं। घर में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों से केमिकल बर्न का खतरा रहता है जिसमें शामिल हैः
- ब्लीच
- कॉन्क्रीट मिक्स
- ड्रेन और टॉयलेट क्लिनर्स
- मेटल क्लिनर्स
- पूल क्लोरीनेटर
- कार बैटरी एसिड
- अमोनिया
- डेन्चर क्लीनर
- दांत सफेद करने वाले उत्पाद
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लक्षण
केमिकल से जलने के लक्षण क्या है?
केमिकल बर्न के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि केमिकल बर्न कैसे हुआ है। यदि केमिकल निगलने से बर्न हुआ है तो इसके लक्षण त्वचा के केमिकल के संपर्क में आने से होने वाले बर्न से अलग होंगे। केमिकल बर्न के लक्षण निर्भर करते हैः
- आपकी त्वचा कितनी देर तक केमिकल के संपर्क में रही।
- केमिकल क्या सांसों के जरिए गया है या आपने निगला है।
- केमिकल से संपर्क के दौरान क्या आपकी त्वचा में खुले घाव या कट थे।
- केमिकल का संपर्क शरीर के किस हिस्से में हुआ है।
- इस्तेमाल हुए केमिकल की मात्रा और शक्ति
- क्या रसायन गैस, तरल या ठोस था
उदाहरण के लिए यदि आपने अल्कलाइन केमिकल निगल लिया है तो आपके पेट के अंदर जलन होगा। यह त्वचा पर होने वाले केमिकल बर्न से अलग लक्षण पैदा करेगा।
आमतौर पर केमिकल बर्न होने पर दिखने वाले सामान्य लक्षण हैं-
- काली या डेड स्किन, जो आमतौर पर एसिड से होने वाले केमिकल बर्न में देखा जाता है।
- इरिटेशन, त्वचा का लाल होना और प्रभावित हिस्से में जलन।
- प्रभावित हिस्से में दर्द या उसका सुन्न होना।
- केमिकल के आंखों के संपर्क में आने पर विजन में बदलाव हो सकता है या आपको दिखना ही बंद हो जाता है।
यदि आपने केमिकल निगल लिया है तो यह लक्षण दिख सकते हैं:
- अनियमित हृदय गति
- सिर दर्द
- लो ब्लड प्रेशर
- कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक
- सांसों का उखड़ना
- खांसी
- चक्कर आना
- मांसपेशियों में मरोड़
निदान
केमिकल बर्न को कैसे डायग्नोस किया जाता है?
आपका डॉक्टर कई कारकों के आधार पर डायग्नोसिस करता है। इसमें शामिल हैं-
- प्रभावित हिस्से में दर्द का स्तर
- प्रभावित हिस्से में हुए क्षति की मात्रा
- कितना गहरा जला है
- संभावित संक्रमण के लक्षण
- सूजन कितना है
केमिकल बर्न के प्रकार
- डॉक्टर इंजरी की सीमा और गहराई के आधार पर केमिकल बर्न को अलग-अलग कैटेगरी में बांटता हैः
- त्वचा की ऊपरी परत या एपीडर्मिस में हुई इंजरी सुपरफेशियल बर्न कहा जाता है। इसे फर्स्ट डिग्री बर्न कहते हैं।
- त्वचा की दूसरी परत या डर्मिस में हुई क्षति या जलन को पार्शियल थिकनेस इंजरी या डर्मल इंजरी कहा जाता है।
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उपचार
केमिकल बर्न का इलाज कैसे किया जाता है?
यदि संभव हो केमिकल बर्न के तुरंत बाद फर्स्ट एड दें। इसका मतलब है कि जलन पैदा करने वाले केमिकल को त्वचा से हटाने के लिए उसे 10-20 मिनट तक नल के चलते पानी में धोएं। यदि केमिकल आंखों के संपर्क में आ जाए तो आंखों को 20 मिनट तक लगातार धोएं फिर इमरजेंसी सर्विस की मदद लें।
केमिकल के संपर्क में आने वाले किसी भी कपड़े और ज्वेलरी निकाल दें। जले हुए हिस्से को साफ कॉटन के कपड़े या सूखे स्टेराइल कपड़े से ढीला बांध लें। यदि जलन त्वचा के ऊपर है और कम है तो आप आईब्रूफेन या एसिटामिनोफेन जैसी दवा ले सकते हैं। यदि घाव गंभीर है तो तुरंत मेडिकल इमरजेंसी सर्विस की मदद लें। इन स्थितियों में आपको तुरंत हॉस्पिटल जाने की जरूरत है-
- यदि घाव 3 इंच से लंबा और गहरा है।
- चेहरा, हाथ, पैर, कमर या नितंब जला हो।
- अहम जॉइंट जैसे घुटने आदि जल गए हों।
- यदि दर्द ओटीसी पेन मेडिकेशन से नियंत्रित नहीं होता है।
- यदि शॉक के लक्षण दिखें। इसमें शामिल हैं सांस उखड़ना, चक्कर आना और लो ब्लड प्रेशर।
हालात की गंभीरता को देखते हुए आपका डॉक्टर बर्न के इलाज के लिए निम्न तरीके इस्तेमाल कर सकता है-
- एंटीबायोटिक्स
- एंटी इच मेडिकेशन
- डिब्राइडमेंट, इसमें गंदगी और मरे हुए उतकों की सफाई और उन्हें निकालना शामिल है।
- स्किन ग्राफ्टिंग, जिसमें शरीर के दूसरे हिस्से से त्वचा निकालकर जले हुए हिस्से पर लगाई जाती है।
- इंट्रावेनस (आईवी) फ्लूड्स
गंभीर रूप से जलने पर
गंभीर रूप से जलने पर रिहैब्लिटेशन की जरूरत होती है। इस तरह के रिहैब्लिटेशन में शामिल हैं-
- स्किन रिप्लेसमेंट
- पेन मैनेजमेंट
- कॉस्मेटिक सर्जरी
- ऑक्यूपेशनल थेरेपी
- काउंसलिंग
- पेशेंट एजुकेशन
केमिकल बर्न से बचाव?
कुछ बातों को ध्यान रखकर और सावधानी बरतकर केमिकल बर्न से बचा सकता हैः
- केमिकल्स को बच्चो की पहुंच से दूर रखें।
- इस्तेमाल के बाद केमिकल को सही तरीके से सुरक्षित जगह पर रखें।
- केमिकल का इस्तेमाल खुली-हवादार हिस्से में करें।
- केमिकल को उसकी ओरिजनल कंटेनर में लेबल के साथ ही रखें।
- एक केमिकल को दूसरे में मिक्स न करें।
- सिर्फ सुरक्षित कंटेनर वाले केमिकल ही खरीदें
- केमकिल्स को खाने-पीने की चीजों से दूर रखें।
- घर की सफाई में केमिकल का इस्तेमाल कर रहे हैं हो पूरा प्रोटेक्शन लें।
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