जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर (Generalized Anxiety Disorder) क्या है?
इस डिसऑर्डर से पीड़ित लोग (या जीएडी) बिना किसी कारण के जीवन की रोजमर्रा की घटनाओं के बारे में चिंता करते रहते हैं। वे हमेशा किसी बुरी घटना की उम्मीद करते हैं और सेहत , पैसा ,परिवार ,ऑफिस और स्कूल आदि के बारे में चिंता करना बंद नहीं करते। ऐसे में दैनिक जीवन में भय, चिंता और खौफ की स्थिति बनी रहती है। आखिरकार यह चिंता व्यक्ति की सोच पर हावी हो जाती है जिसके कारण सोशल एक्टिविटी , करियर ,स्कूल , रिश्ते और दैनिक जीवन में परेशानियां आने लगती हैं।
जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर (Generalized Anxiety Disorder) कितना आम है?
ओल्ड ऐज वालो में जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर सबसे आम डिसऑर्डर है। हालांकि अधिकतर ऐसे लोग किसी बीमारी या दर्दनाक घटनाओं से ताल्लुक रखने वाले होते हैं। महिलाओं में इसकी संभावना दोगुना होती है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर (Generalized Anxiety Disorder) के लक्षण क्या हैं?
- अत्यधिक चिंता और तनाव
- समस्याओं का एक अवास्तविक दृष्टिकोण
- बेचैनी
- चिड़चिड़ापन
- मांसपेशी में तनाव
- सिर दर्द
- पसीना आना
- कॉन्सन्ट्रेट करने में दिक्क्त होना
- जी मिचलाना
- बार-बार बाथरूम जाने की जरूरत
- थकान
- आसानी से चौंका जाना
- इसके अलावा, जीएडी वाले लोगों में अक्सर अन्य डिसऑर्डर जैसे कि पैनिक या फोबिया, क्लीनिकल डिप्रेशन या दवा या शराब के दुरुपयोग के साथ अतिरिक्त समस्याएं होती हैं।
ऊपर बताए गए लक्षणों के अतिरिक्त कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। अगर आपको खुद में कोई लक्षण नजर आता है तो कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
मुझे अपने डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको निम्न में से कोई भी परेशानी है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
- यदि आप ऐसा महसूस करते हैं कि आप बहुत ज्यादा चिंता करते हैं और यह आपके काम , रिश्ते और दैनिक जीवन में परेशानी का कारण है।
- आप उदास रहते हैं साथ ही ड्रिंकिंग और ड्रग्स के आदी हैं तो आपको और भी मेन्टल हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं।
- अगर आप सुसाइड का सोचते हैं या कोशिश करते हैं तो तुरंत इलाज करवाएं।
- चिंताएं अपने आप दूर नहीं होंगी साथ ही वक्त के साथ स्थिति और खराब होती जाएगी। हालत गंभीर होने से पहले प्रोफेशनल हेल्प लें ताकि इलाज आसानी से हो सके।
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जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर (Generalized Anxiety Disorder) का क्या कारण है ?
कई मेंटल हेल्थ कंडीशन के साथ -साथ जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर का भी सटीक कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन, इसमें अनुवांशिक के साथ -साथ अन्य रिस्क फैक्टर भी शामिल हैं।
इन चीजों से बढ़ सकता है जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर (Generalized Anxiety Disorder) का खतरा
- एक व्यक्ति जिसका स्वभाव डरपोक या नकारात्मक है या जो किसी भी खतरनाक चीज से बचता है, वह दूसरों की तुलना में जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर का जल्दी शिकार हो सकता है।
- परिवारों में कई और लोगों को जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर हो सकता है। उससे भी आप प्रभावित हो सकते हैं।
- महिलाओं में जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर पुरुषों की तुलना में ज्यादा होता है।
जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर (Generalized Anxiety Disorder) का निदान कैसे किया जाता है?
- जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर के निदान के लिए हो सकता है आपका डॉक्टर शारीरिक परीक्षण करें ।
- यदि डॉक्टर को किसी बीमारी के लक्षण लगें तो वह आपका ब्लड टेस्ट , यूरिन टेस्ट और अन्य कई टेस्ट करवा सकता है।
- वह आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में सवाल पूछेगा।
- कुछ सवाल मनोवैज्ञानिक भी हो सकते हैं।
कई विशेषज्ञ मानसिक रोगों का निदान करने के लिए अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित डायग्नोसटिक एंड स्टेटिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर (DSM-5) में बताए गए क्राइटेरिया का उपयोग करते हैं।
जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर के लिए DSM-5 में शामिल क्राइटेरिया:
- कम से कम छह महीने तक सप्ताह के अधिकांश दिनों में घटनाओं और गतिविधियों के बारे में अत्यधिक चिंता करना।
- चिंता की भावना को नियंत्रित करने में कठिनाई।
- वयस्कों में निम्नलिखित लक्षणों में से कम से कम तीन और बच्चों में निम्न में से एक: बेचैनी, थकान, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, चिड़चिड़ापन, मांसपेशियों में तनाव या नींद की समस्या।
- चिंता जो किसी अन्य मेंटल हेल्थ कंडिशन से संबंधित नहीं है, जैसे कि पैनिक अटैक य पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD)।
जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर अक्सर अन्य मेंटल हेल्थ कंडिशन के साथ होता है। ऐसे में इसका निदान और उपचार दोनों ही काफी चुनौतीपूर्ण बन जाता है। कभी -कभी इस डिसऑर्डर के साथ कुछ और भी डिसऑर्डर शामिल होते हैं।
- भय
- पैनिक डिसऑर्डर
- डिप्रेशन
- मादक द्रव्यों का सेवन
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जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर (Generalized Anxiety Disorder) का इलाज कैसे किया जाता है?
जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर के लिए दो मुख्य उपचार हैं – मनोचिकित्सा और दवाइयां। उपचार के दोनों तरीकों को अपनाने से आपको ज्यादा फायदा होगा। हालांकि यह पता चलने में थोड़ा समय जरूर लगता है कि आपके लिए सबसे अच्छा क्या है।
मनोचिकित्सा
इसे टॉक थेरेपी या मनोवैज्ञानिक परामर्श के रूप में भी जाना जाता है। इसमें चिकित्सक के साथ बात बात करके टेंशन पर काबू करने की कोशिश की जाती है और यह एक प्रभावी उपचार हो सकता है।
कॉग्निटिव बिहेवियर थेरिपी जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर को दूर करने का सबसे प्रभावी तरीका है। यह चिंता पर कंट्रोल कर नार्मल लाइफ में धीरे -धीरे वापस आने में काफी मदद करती है। इसमें आपको खुद की भावनाओं पर काबू करना सिखाया जाता है। जिससे हालत में सुधार होता है।
दवाएं
जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर के इलाज के लिए कई प्रकार की दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। जिनमें से कुछ के बारे में यहां बताया गया है लेकिन, इनके फायदे , नुकसान और रिस्क के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
एंटीडिप्रेसेंट्स, सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई) और सेरोटोनिन नोरेपेनेफ्रिन रीप्टेक इनहिबिटर (एसएनआरआई) वर्गों की दवाइयां फर्स्ट लाइन ट्रीटमेंट है। एंजायटी डिसऑर्डर का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एंटीडिप्रेसेंट्स के उदाहरणों में एस्किटालोप्राम (लेक्साप्रो), डुलोक्सेटिन (सिम्बल्टा), वेनालाफैक्सिन (एफेफेक्टर एक्सआर) और पैरॉक्सिटिन (पैक्सिल, पीजेवा) शामिल हैं। आपका डॉक्टर अन्य एंटीडिप्रेसेंट्स की भी सलाह दे सकता है।
बसपरोन नामक एक एंटी -एंजायटी दवा है जिसका उपयोग रेगुलर बेसिस पर किया जा सकता है। इससे पूरी तरह से फायदा मिलने में कई सप्ताह का समय लग सकता है।
कुछ परिस्थितियों में एंजायटी के लक्षणों से राहत के लिए आपका डॉक्टर इनमें से एक दवा लिख सकता है। उदाहरणों के लिए अल्प्राजोलम (नीरवम, जानाक्स), क्लॉर्डियाजेपॉक्साइड (लिब्रियम), डायजेपम (वेलियम) और लॉराजेपम (अतीवन) । बेंजोडायजेपींस का उपयोग आमतौर पर केवल शार्ट टर्म ही करना होता है। जिससे एक्यूट एंजायटी को ठीक किया जाता है। इनकी आदत पड़ सकती है इसलिए ये दवाइयां अच्छा विकल्प नहीं हैं।
जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
- फिजिकली एक्टिव रहें चाहें तो इसके लिए डेली रुटीन सेट करें ताकि आप सप्ताह के अधिकांश दिन फिजिकली एक्टिव रहें। व्यायाम तनाव को दूर करने में काफी मददगार है। यह आपको स्वस्थ रखने के लिए भी काफी फायदेमंद है।
- शराब और अन्य नशीली चीजों बचें यह चिंता को बढ़ाते हैं।
- धूम्रपान न करें , चाय और कॉफी भी काम पिएं क्योंकि निकोटिन और कैफीन एंग्जायटी को बढ़ा सकते हैं।
- ध्यान और योग का सहारा लें। यह एंजायटी को कम करने में कारगर है।
- नींद बहुत जरूरी है। आराम करने के लिए पर्याप्त नींद लें और अगर नींद नहीं आती है तो अपने डॉक्टर को दिखाएं।
- हेल्दी डाइट -सब्जी , फल ,साबुत अनाज और मछली खाएं यह एंजायटी को कम कर सकता है लेकिन, इस पर काफी रिसर्च की जरूरत है।
यदि आपके कोई प्रश्न हैं, तो बेहतर समाधान के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।