डब्लूएचओ (WHO) के आपातकाल घोषित करने के बाद इंडियन आर्मी ने मानसर के पास सुविधा केंद्र बनाया है, जिसमे वुहान से आ रहे लगभग 300 भारतीय छात्रों को रखा जाएगा। कोरोना वायरस( 2019-nCoV) की जांच के लिए छात्रों की निगरानी के लिए एक टीम भी रखी जाएगी ताकि संक्रमण के बारे में पता लगाया जा सके। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने चीन (वुहान) से आने वाले लगभग 600 भारतीय परिवारों के लिए ITBP छावला कैंप, नई दिल्ली के पास एक सुविधा केंद्र बनाया है। एयरपोर्ट से परिवार और बच्चों को इसी सुविधा केंद्र में लाया जाएगा। कोरोना वायरस ( 2019-nCoV) को फैलने से रोकने के लिए बचाव बहुत जरूरी है।
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कोरोना वायरस ( 2019-nCoV) के बारे में जानते हैं आप ?
कोरोना वायरस इंसानों समेत सभी मैमल्स (Mammals) में रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को पैदा कर सकता है। इस वायरस का नाम कोरोना वायरस ( 2019-nCoV) इस वजह से पड़ा, क्योंकि इलेक्ट्रोन माइक्रोस्कॉप से देखने पर ये विषाणु क्राउन शेप में दिखता है। अधिकतर कोरोना वायरस हानिकारक नहीं होते हैं। लेकिन, कोरोना वायरस के सार्स (SARS) और मार्स (MERS) प्रकार इंसानों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। जानवरों में पहला कोरोना वायरस पहली बार 1937 में पक्षियों में संक्रमित ब्रोंकाइटिस वायरस के रूप में मिला था और इसके बाद पहला ह्यूमन कोरोना वायरस 1960 में सामान्य जुकाम से ग्रसित मरीजों की नाक में पाया गया। कोरोना वायरस को कोरोना बियर से जोड़कर भी देखा गया था। कोरोना बियर को कोरोना वायरस फैली की वजह बताया जा रहा था, जो कि गलत है। इस वायरस को इसलिए भी खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि इसके लक्षण की जानकारी आसानी से नहीं हो पाती है।