
सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए क्वारेंटाइन, सोशल डिस्टेंसिंग और सेल्फ-आइसोलेशन (quarantine, social distancing and self isolation) के बारे में बार-बार जोर दिया है। क्योंकि, अभी तक कोरोना वायरस का इलाज या रोकथाम (Coronavirus treatment) करने के लिए कोई दवा या वैक्सीन नहीं मिल पाई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने फिर लोगों को सेल्फ आइसोलेशन और क्वारेंटाइन की जरूरत के बारे में बताया है। इसकी महत्वपूर्णता को बताते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने यह भी बताया कि, सेल्फ-आइसोलेशन न करने पर एक कोरोना के पेशेंट 30 दिन में कितने स्वस्थ लोगों को संक्रमित कर सकता है। आइए, जानते हैं कि आखिर पूरी जानकारी क्या है?
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कोरोना के पेशेंट (Corona Patient) : एक पेशेंट इतने लोगों को कर सकता है संक्रमित
स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी ने इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research) द्वारा कराई गई एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि, अगर देश में लॉकडाउन, क्वारेंटाइन या सेल्फ आइसोलेशन नहीं किया गया होता, तो आज देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा होती। लेकिन, लॉकडाउन की वजह से कोरोना पेशेंट के बढ़ने की रफ्तार कम है। वहीं उन्होंने कहा कि, अगर कोई संक्रमित व्यक्ति सेल्फ-आइसोलेशन नहीं करता, तो आइसीएमआर (ICMR) की स्टडी के मुताबिक 30 दिन में वह करीब 406 स्वस्थ लोगों को संक्रमित कर सकता है। लेकिन, लॉकडाउन और सेल्फ आइसोलेशन की वजह से लोगों के बाहर निकलने की प्रक्रिया को 75 प्रतिशत कम करके यह संख्या 30 दिन में औसतन 2.5 व्यक्ति रह जाती है।
जानें वायरस फैलने की दर
आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक, किसी वायरस के फैलने की दर को मेडिकल भाषा में ‘आर नोट’ यानी R0 कहा जाता है। वर्तमान समय में देश में कोरोना वायरस के फैलने की दर 1.5 से लेकर 4 R0 है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि, अगर संक्रमण होने की इस दर को 2.5 मान लिया जाता है, तो एक कोरोना पेशेंट ऊपर बताई गई संख्या में स्वस्थ लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसी कारण सरकार बार-बार लोगों से लॉकडाउन और सेल्फ आइसोलेशन फॉलो करने का आग्रह और जोर दे रही है। कोरोना वायरस ने दुनिया में तबाही मचा रखी है।
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कोरोना के पेशेंट के लिए ट्रेनों में आइसोलेशन बेड
स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी ने बताया कि, भारतीय रेलवे ने कोरोना पेशेंट के लिए 2,500 डिब्बों में करीब 40,000 आइसोलेशन बेड (Isolation Bed) तैयार किए गए हैं। इसके अलावा, प्रतिदिन 375 अलगाव बेड भी तैयार किए जा रहे हैं और यह तैयारी देशभर में 133 जगहों पर चल रही है। इसके अलावा, आईसीएमआर के मुताबिक, कोरोना वायरस के अबतक 1,07,006 टेस्ट किए गए हैं। वर्तमान में 136 सरकारी प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं और 59 निजी प्रयोगशालाओं को अनुमति दी गई है। इसके अलावा, गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि, देश में आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की स्थिति संतोषजनक है। गृह मंत्री ने आवश्यक वस्तुओं और लॉकडाउन उपायों की स्थिति की समीक्षा की है और जमाखोरी व कालाबाजारी को रोकने के लिए उचित निर्देश देने व कदम उठाए हैं।
सरकार की अन्य तैयारियां
- जॉइंट सेक्रेटरी के मुताबिक, मध्यम से लेकर संभावित कोरोना पेशेंट (Corona Patient) के लिए स्कूलों, कॉलेजों और होटलों में कोविड केयर सेंटर का निर्माण किया गया है। जिसकी वजह से कुछ अस्पतालों को पूरी तरह से गंभीर मामलों पर ध्यान देने में सहायता मिलेगी।
- मध्यम मामलों के लिए समर्पित कोविड हेल्थ सेंटर में एक पूरे अस्पताल या अस्पताल के एक ब्लॉक में जाने और आने का अलग रास्ता दिया गया है और हर बेड के लिए ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम मौजूद है।
- इसके अलावा गंभीर कोरोना पेशेंट और वृद्ध मरीजों के लिए पूरे-पूरे अस्पताल या अस्पताल के एक ब्लॉक में आने-जाने का अलग रास्ता है। इसके अलावा, इन सेंटरों में हर बेड पर ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम के साथ वेंटीलेटर और आईसीयू की सुविधा भी मौजूद है।
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कोरोना के पेशेंट : डब्ल्यूएचओ के आंकड़े
डब्ल्यूएचओ ने अपनी दैनिक सिचुएशन रिपोर्ट 78 में कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़े पेश किए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 7 अप्रैल 2020 को सुबह 10 बजे तक दुनियाभर में 12,79,722 कोरोना के मरीज पाए जा चुके हैं, जिसमें से 72,614 लोगों की जान जा चुकी है।
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कोरोना वायरस से सावधानी
कोरोना वायरस इंफेक्शन से बचने के लिए भारत सरकार ने लोगों के लिए कुछ सलाह दी है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के साथ इन एहतियात रूपी सलाह को फॉलो करने से आप कोरोना वायरस संक्रमण से काफी हद तक बच सकते हैं।
- कोविड-19 का संक्रमण हाथ के जरिए जल्दी फैलता है। हाथों को रोजाना कई बार साफ करें।
- लॉकडाउन कोरोना संक्रमण को कम करने का जरिया है। सभी लोग लॉकडाउन का पालन करें।
- बेवजह मुंह या आंख में हाथ न लगाएं और अगर जरूरत पड़ती है तो पहले हाथों को अच्छे से साफ करें।
- अगर आप छींक आ रही है या फिर खांसी आ रही है तो टिशू का यूज जरूर करें।
- कोरोना के लक्षण अगर आपको दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कोरोना से बचने के लिए सावधानी रखना जरूरी है।
- कोरोना वायरस महामारी के बारे में सही जानकारी जरूर प्राप्त करें।
- मास्क को साफ रखना इसलिए जरूरी है, ताकि कोरोना का संक्रमण न फैले।
- डिस्पोजल मास्क का दोबार प्रयोग न करें। अगर कॉटन का मास्क है तो उसे एक बार यूज के बाद धुल लें।
- फेस मास्क को उतारते समय टच न करें।
- मास्क के यूज के बाद तुरंत डस्टबिन में फेंक दें।
- बच्चों को घर के अंदर ही रखें। बिना वजह से घर का कोई भी सदस्य बाहर न निकले।
- कॉटन के कपड़े या फिक हैंकी का यूज भी मास्क की तरह से किया जा सकता है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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