आप सोच रहे होंगे कि अब तक कोरोना वायरस का संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के साथ ही वायु के माध्यम से फैल रहा था, लेकिन क्या किसी ने सोचा होगा कि दाढ़ी और कोरोना वायरस का भी संबंध है? अगर नहीं, तो बता दें कि ये बात सच है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया है और इस बारे में लोगों को अवेयर भी किया जा रहा है।
आज दाढ़ी और कोराना वायरस के बारे में बात करना इसलिए भी जरूरी हो गया है क्योंकि साल 2017 में अमेरिका के नेशनल पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की ओर से जारी की गई जानकारी में ये कहा था कि पुरुषों के लिए दाढ़ी बढ़ाना खुद को सुरक्षित रखना है। अब जब यही CDC एक दाढ़ी और कोरोना वायरस के बारे में अवेयरनेस फैलाने के लिए लोगों को अवेयर कर रहा है तो ये बात कुछ लोगों को परेशान कर सकती है, लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम आपको दाढ़ी और कोरोना वायरस के संबंध के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
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दाढ़ी और कोरोना वायरस का संबंध
करीब 40 देशों में कोरोना वायरस फैल चुका है और हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ चुका है। ऐसे में डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की ओर से एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमे दाढ़ी के कारण कोरोना वायरस के फैलने की बात की जा रही है। दरअसल दाढ़ी लंबी होने के कारण मास्क सही से नहीं लग पाता है, जिसके कारण कोरोना वायरस के फैलने के चांसेज बढ़ जाते हैं। CDC ने फोटो के माध्यम से ये समझाने की कोशिश की है कि दाढ़ी रखने से मास्क पहनने में परेशानी होती है और वो पूरी तरह स्किन को छू नहीं पाता है। इस कारण से मास्क अपना काम बेहतर तरीके से नहीं कर पाता और कोरोना वायरस का खतरा बढ़ जाता है।
CDC की ओर से एक चार्ट शेयर किया गया है, जिसमे ये बताया गया है कि किन तरीकों से दाढ़ी रखना बेहतर होगा। साथ ही ये भी बताया गया है कि अगर आप दाढ़ी नहीं रखते हैं तो आप सुरक्षित रहेंगे। अब आप खुद ही सोच लें कि स्टाइल ज्यादा जरूरी है या फिर वायरस से बचाव। हम जानते हैं कि आप अब दाढ़ी और कोरोना वायरस के इस संबंध को जरूर समझ गए होंगे। इस बात पर गौर करें कि दाढ़ी को इस तरह से रखें कि ये स्किन और मास्क के बीच में बिल्कुल भी न आएं। आप खुद भी ऐसा करें और अपने संबंधि को भी इस बारे में जानकारी शेयर करें।
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कोरोना वायरस से मच रही है तबाही
कोरोना वायरस (2019-nCoV) ऑस्ट्रेलिया, मकाउ, हांगकांग, फ्रांस, जापान, मलेशिया, नेपाल, सिंगापुर, ताईवान, साउथ कोरिया, थाईलैंड, यूनाइटेड स्टेट्स और वियतनाम आदि में फैल चुका है। भारत में भी इसके तीन केस पाए गए थे। समय रहते ट्रीटमेंट मिल जाने के कारण पेशेंट पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। भारत में अब कोरोना वायरस से संबंधित कोई भी केस नहीं है। भारत ने एयरपोर्ट पर सख्त स्क्रीनिंग से लेकर इलाज के लिए मेडिकल सुविधाओं को मजबूत बनाए रखा है। साथ ही देश भर में कोरोना वायरस को लेकर अवेयरनेस प्रोग्राम भी किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि देश के 21 एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स की स्क्रीनिंग हो रही है। जिसमें भी कोरोना वायरस का संक्रमण पाया जाता है, उन्हें अलग बनाए गए कैंपों में रखा जाएगा और उसका इलाज किया जाएगा। ऐसा करने से वायरस के फैलने का खतरा कम हो जाता है।
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कोरोना वायरस (2019-nCoV) से बचाव के लिए तुरंत इलाज है जरूरी
जैसा कि स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी है कि एयरपोर्ट पर हर पैसेंजर की स्क्रीनिंग हो रही है। शक होने पर तुंरत उसकी मेडिकल जांच की जा रही है। ऐसा करके ही कोरोना वायरस (2019-nCoV) को फैलने से रोका जा सकता है। भारत में कोरोना वायरस के तीन मामलों के दौरान मरीजों को तुरंत ट्रीटमेंट दिया गया था, जिसके कारण वो सभी पूरी तरह से ठीक हो गए। अगर आपको भी अपने आसपास कोई भी व्यक्ति संक्रमित दिखे तो बेहतर होगा कि उसे तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट दिलाएं। साथ ही खुद के बजाव के लिए मास्क जरूर पहनें।
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ये बातें रखें याद
कोरोना वायरस (2019-nCoV) से संक्रमित नहीं भी हैं तो आपको बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। इंफेक्शन महसूस होने पर उसे नजरअंदाज न करें। बेहतर होगा कि इंफेक्शन के बाद लक्षणों पर गौर करें। अगर इंफेक्शन लंबा रहता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नाक का बहना (runny nose),सिरदर्द की समस्या, खांसी आना, गले में खराश महसूस होना (sore throat), बुखार महसूस होना, अस्वस्थ्य होने का सामान्य एहसास आदि लक्षणों के दिखने पर डाक्टर से जांच कराएं।
- आराम करें और ज्यादा मेहनत वाला काम न करें।
- अधिक मात्रा में पानी पिएं।
- स्मोकिंग न करें और साथ ही ऐसे स्थान में न रहे जहां स्मोकिंग हो रही हो।
- दर्द और बुखार को कम करने के लिए एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन या नेप्रोक्सेन लें। बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिसिन न लें।
- साफ ह्यूमिडिफायर (humidifier) या कूल मिस्ट वेपोराइजर का इस्तेमाल करें।
- रेस्पिरेट्री फ्लूइड्स जैसे कि नोज म्युकस और ब्लड सैंपल को टेस्ट के लिए लिया जा सकता है। समय पर जांच कराएं।
अगर आप विदेश से लौटें हैं और किसी भी प्रकार के उपरोक्त लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जिस भी व्यक्ति को जुखाम, बुखार और इंफेक्शन की समस्या हो, उससे दूरी बनाकर रखें। ट्रेवलिंग हो या फिर घर, छींकते या खांसते समय रुमाल का प्रयोग करें।सरकार की तरफ से जो भी एडवाइजरी जारी की जाए, उसका पालन करें।
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