परिभाषा
एड्रीनोकॉर्टिकोट्रॉपिक हार्मोन (Adrenocorticotropic Hormone) क्या है?
एड्रेनोकोर्टिकोट्रोपिक हार्मोन (ACTH) का उपयोग एंटिरियर पिट्यूटरी ग्लैंड के काम की जांच करने और कुशिंग सिंड्रोम (ओवरप्रोड्यूस कोर्टिसोल ओवरप्रोडक्शन) और एडिसन रोग के कारणों को खोजने के लिए किया जा सकता है।
एड्रेनोकोर्टिकोट्रोपिक हार्मोन शरीर का एक महत्वपूर्ण हार्मोन है जो एंटिरियर पिट्यूटरी द्वारा बनाया जाता है। सबसे पहले, हाइपोथैलेमस में कॉर्टिकोट्रोफिन रिलीजिंग हार्मोन (सीआरएच) का उत्पादन किया जाता है। यह हार्मोन पिट्यूटरी ACTH उत्पादन को उत्तेजित करता है। फिर, ACTH कोर्टिसोल का उत्पादन करने के लिए एडर्नल कॉरटेक्स को उत्तेजित करता है। यदि रक्त में कोर्टिसोल का स्तर बहुत अधिक है, तो यह CRH और ACTH का उत्पदान अधिक नहीं होने देगा।
कुशिंग सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों में दो मामले हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
- पहला, यह एक हाई ACTH के कारण होता है: आमतौर पर फेफड़े, पैनक्रियाज, थाइमस या अंडाशय में पिट्यूटरी के अंदर या बाहर होने वाले ट्यूमर के कारण हो सकता है।
- दूसरा, अगर कुशिंग सिंड्रोम वाले मरीजों में ACTH का स्तर सामान्य है, तो यह अक्सर एडर्नल या कार्सिनोमा के कारण होता है जो कोर्टिसोल के अतिरिक्त स्राव को बढ़ाता है।
यदि आप एडिसन की बीमारी से पीड़ित हैं, तो ACTH का उच्च स्तर इंगित करता है कि इसका कारण एडर्नल ग्लैंड में स्थित है, जैसे कि एडर्नल घावों का संक्रमण, रक्तस्राव या ऑटोइम्यून, एडर्नल ग्लैंड को सर्जिकल हटाने, जन्मजात एंजाइम की कमी या लंबे समय में एक्सोजेनल स्टेरॉयड का उपयोग करने के बाद एडर्नल सप्रेशन। एडर्नल इनसफियेंसी वाले मरीजोंं में यदि ACTH सामान्य स्तर से कम है, तो यह हाइपोपिट्यूटैरिसम के कारण हो सकता है।
यह ध्यान दिया जाता है कि ACTH कोर्टिसोल के स्तर में दिन के समय के अनुसार परिवर्तन होता है। शाम के सैंपल का कॉन्संट्रेशन (8 से 10 बजे) आम तौर पर सुबह के सैंपल (4 से 8 मिनट) की तुलना में आधे से दो-तिहाई के बराबर होता है। दिन के दौरान बदलाव नहीं होता जब बीमार (विशेष रूप से ट्यूमर) पिट्यूटरी या एडर्नल ग्लैंड को प्रभावित करता है। इसी तरह तनाव की वजह से दिन के समय होने वाला बदलाव कम या खत्म हो जाता है।
एड्रीनोकॉर्टिकोट्रॉपिक हार्मोन क्यों किया जाता है?
ACTH टेस्ट किया जाता है जब डॉक्टर को कॉर्टिसोल की कमी या अधिकता के लक्षण या संकेत दिखते हैं।
कॉर्टिसोल के कम होने का संकेत है:
- अकारण वजन घटना
- हाइपोटेंशन
- भूख कम लगना
- कमजोरी
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
- त्वचा का रंग काला पड़ना
- टेंपरेट में बदलाव
- असहज होना
कॉर्टिसोल बढ़ने पर ये लक्षण दिखते हैं:
- मुंहासे
- मोटा गोल चेहरा
- फैट
- बढ़ते बाल और चेहरे के बाल
- महिलाओं में असामान्य मासिक धर्म
एहतियात/चेतावनी
एड्रीनोकॉर्टिकोट्रॉपिक हार्मोन से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
कारक जो परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं:
- तनाव (चोट, पायरोजेन्स या हाइपोग्लाइसीमिया) और प्रेग्नेंसी कॉन्संट्रेशन को बढ़ा सकते हैं।
- हाल ही में की गई रेडिएशन इमेजिंग के तरीके का असर भी ACTH कॉन्संट्रेशन पर पड़ता है।
- ACTH का कॉन्संट्रेशन बढ़ाने वाली दवाओं में शामिल है- एमिनोग्लुटेथिमाइड, एम्फैटेमिन, एस्ट्रोजेन, इथेनॉल, इंसुलिन, मेट्रैपोन, स्पिरोनोलैक्टोन और वैसोप्रेसिन।
- कोर्टिकोस्टेरॉयड ACTH स्तर को घटा सकता है।
इस सर्जरी से पहले इससे जुड़ी चेतावनी और एहतियातों को समझना जरूरी है। किसी तरह का सवाल होने या अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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प्रक्रिया
एड्रीनोकॉर्टिकोट्रॉपिक हार्मोन के लिए कैसे तैयारी करें?
डॉक्टर आपको प्रक्रिया के बारे में बताएगा। टेस्ट के दिन से पहले आधी रात के बाद से आपको कुछ नहीं खाना होगा।
यदि आप स्लीप डिसऑर्डर से पीड़ित हैं तो डॉक्टर को बताएं क्योंकि यह ब्लड में कॉर्टिसोल के स्तर को प्रभावित करता है। सोने की सामान्य आदतों के साथ ACTH स्तर सुबह 4 से 8 के बीच सबसे अधिक होता है और रात को 9 बजे के करीब सबसे कम होता है।
छोटी बांह के कपड़े पहनें इससे नर्स को ब्लड सैंपल लेने में आसानी होगी। .
एड्रीनोकॉर्टिकोट्रॉपिक हार्मोन के दौरान क्या होता है?
ब्लड टेस्ट करने के लिए डॉक्टर:
- बांह के ऊपर बैंडेज या बैंड बांधता है जिससे रक्तप्रवाह रुक जाए।
- सुई लगाने वाली जगह को दवा से साफ करेगा।
- नस में सुई लगाएगा। एक से अधिक बार सुई लगाई जा सकती है।
- सुई से अटैच ट्यूब में ब्लड एकत्र होगा। ट
- ब्लड सैंपल लेने के बाद बांह पर बांधी गई पट्टी खोल जी जाती है।
- सुई लगाने वाली जगह पर रुई या पट्टी लगाई जाती है और उसे थोड़ा दबाने के लिए कहाा जाता है।
- ACTH एंजाइम्स का कॉन्संट्रेशन कम होने से बचाने के लिए ब्लड ट्यूब को ठंडा रखें। .
एड्रीनोकॉर्टिकोट्रॉपिक हार्मोन के बाद क्या होता है?
सुई लगाते समय आपको कोई दर्द महसूस नहीं होता है। कुछ लोगों को दर्द महसूस हो सकता है, लेकिन जब सुई नस तक पहुंचकर ब्लड निकालने लगती है तो अधिकांश लोगों को दर्द महसूस नहीं होता है। डॉक्टर या नर्स ब्लड सैंपल लेते हैं।
टेस्ट के बाद आप अपनी दिनचर्या शुरू कर सकते हैं।
डॉक्टर ब्लड सैंपल को बर्फ में रखता है और जांच के लिए जल्दी लैब में भेजता है। ACTH एक पेप्टाइड है जो प्लाज्मा में अस्थिर होता है और इसे -20 ° C पर संग्रहित किया जाना चाहिए ताकि इससे परीक्षण के परिणाम गलत न आएं।
एड्रीनोकॉर्टिकोट्रॉपिक टेस्ट से जुड़े किसी सवाल और इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
परिणामों को समझें
मेरे परिणामों का क्या मतलब है?
सामान्य परिणाम
- सुबह के समय AM: <80 pg / ml or <18 pmol / L (SI units).
- दोपहर में PM: <50 pg / ml or <11 pmol / L (SI units).
कॉन्संट्रेशन बढ़ सकता है:
- एडिसन बीमारी (प्राइमरी एडर्नल इनसफिसिएंसी)
- कुशिंग सिंड्रोम (एडर्नल हाइपरप्लासिया डिपेंडेंट)
- एक्टॉपिक ACTH सिंड्रोम
- तनाव
- एड्रेनोजेनिटल सिंड्रोम (हाइपरप्लासिया जन्मजात एडर्नल ग्लैंड)
कॉन्संट्रेशन कम हो सकता है :
- सेकंडरी एडर्नल फेलियर (हाइपोपीट्यूटैरिजम)
- कुशिंग सिंड्रोम
- हाइपोपीट्यूटैरिजम
- ग्लैंड कार्सिनोमा ट्यूमर
- स्टेरॉयड का इस्तेमाल
सभी लैब और अस्पताल के आधार पर एड्रीनोकॉर्टिकोट्रॉपिक टेस्ट की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकली सलाह या उपचार की सिफारिश नहीं करता है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो कृपया इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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