के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
इंट्रावेनस पायलोग्राम टेस्ट (IVP) को अंतःशिरा मूत्रमार्ग भी कहा जाता है। यह एक रेडियोलॉजिकल प्रक्रिया होती है जिसका उपयोग गुर्दे, मूत्रवाहिनी और मूत्राशय सहित मूत्र प्रणाली की असामान्यताओं की जांच करने के लिए किया जा सकता है। इसमें गुर्दे, मूत्रवाहिनी और मूत्राशय के एक्स-रे को देखने के लिए नसों के जरिए शरीर में आयोडीन युक्त विपरीत सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही, इनका इस्तेमाल शरीर के दूसरे हिस्से के लिए भी किया जा सकता है। इंट्रावेनस पायलोग्राम टेस्ट में एक्स-रे और डाई का इस्तेमाल करके आपकी किडनी और यूरेटर ट्रैक्ट को दिखाया जाता है। यह आपकी किडनी, ब्लैडर और यूरेटर की फोटो खींचता है। यूरेटर एक ट्यूब है जो यूरिन को किडनी से ब्लैडर में ले जाता है। यदि आपको यूरिनरी ट्रैक्ट या पेट में दर्द की समस्या है तो आपका डॉक्टर इंट्रावेनस पायलोग्राम टेस्ट के लिए कह सकता है। IVP डॉक्टर के क्लिनिक या अस्पताल में किया जा सकता है।
इंट्रावेनस पायलोग्राम किडनी, यूरेटर और ब्लैडर की जांच के लिए किया जाता है। इसकी मदद से डॉक्टर यह पता लगाता है कि यह तीनों चीजें सही तरह से काम कर रही हैं या नहीं। यदि आपके साइड या पीठ में दर्द, पेशाब में खून आ रहा है, जो यूरिनरी ट्रैक्ट डिऑर्डर से संबंधित हो सकता है, तो डॉक्टर इंट्रावेनस पायलोग्राम टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।
इंट्रावेनस पायलोग्राम का इस्तेमाल यूरिनरी ट्रैक्ट को प्रभावित वाली स्थितियों के निदान के लिए किया जा सकता है, जिसमें शामिल हो सकते हैंः
स्ट्रक्चरल किडनी डिसऑर्डर जैसे- मेडलरी स्पंज किडनी- यह किडनी के अंदर की छोटी ट्यूब में होने वाला जन्मजात दोष है।
पहले इंट्रावेनस पायलोग्राम टेस्ट यूरिनरी ट्रैक्ट डिसऑर्डर के मूल्यांकन के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन किडनी अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन के आने से, जिसमें समय कम लगता है और एक्स-रे डाई की भी जरूरत नहीं पड़ती है, इंट्रावेनस पायलोग्राम का उपयोग कम हो गया है।
हालांकि, इंट्रावेनस पायलोग्राम अब भी उपयोगी निदान उपकरण है खासतौर पर-
IVP से थोड़ा जोखिम जुड़ा है।
कॉन्ट्रास्ट डाई किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकती है। आमतौर पर यह अस्थायी होता है, लेकिन कुछ लोगों को स्थाई नुकसान भी होता है। आपको डाई से रिएक्शन भी हो सकता है, तब भी जब आपको इससे पहले कभी कोई एलर्जिक रिएक्शन न हुआ है।
एक्स-रे के दौरान आप थोडा रेडिएशन के संपर्क में आते है। यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो रेडिएशन की थोड़ी मात्रा भी भ्रूण को हानि पहुंचा सकती है। हालांकि ऐसी जटिलाताएं कम ही होती हैं।
इंट्रावेनस पायलोग्राम टेस्ट के बारे में किसी तरह का संदेह या सवाल होने पर टेस्ट से पहले डॉक्टर से बात करें।
इंट्रावेनस पायलोग्राम टेस्ट से पहले अपने डॉक्टर को बताएं, यदि आपकोः
इंट्रावेनस पायलोग्राम टेस्ट से कुछ घंटे पहले आपको कुछ खाने और पीने से मना किया जाता है। आपका डॉक्टर टेस्ट से एक दिन पहले शाम को आपको लैक्सेटिव लेने की सलाह दे सकता है।
इंट्रावेनस पायलोग्राम से पहले आपकी हेल्थ केयर टीम का एक सदस्यः
इंट्रावेनस पायलोग्राम के लिए परीक्षण टेबल पर पीठ के बल लेटना होता है। एक्स-रे मशीन आमतौर पर टेबल के एक हिस्से से जुड़ी होती है। इमेज इंटेन्सिफायर- मशीन का वह हिस्सा जो छवियों को प्राप्त करता है, आपके पेट के ऊपर रखा जाता है। जब आप परीक्षण टेबल पर सहज हो जाते हैं, तो प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है।
इंट्रावेनस पायलोग्राम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद IV लाइन को आपके हाथ से निकाल दिया जाता है और आप अपनी सामान्य दिनचर्या शुरू कर सकते हैं।
इंट्रावेनस पायलोग्राम के बारे में किसी तरह का संदेह होने और दी गई सलाह को अच्छी तरह समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
IVP खत्म होने के बाद, एक्स-रे इमेज आने में लगने वाला समय सभी लैब में अलग-अलग होता है। इमेज आने के बाद रेडियोलॉजिस्ट इसकी समीक्षा करता है। आपके डॉक्टर को इसकी एक प्रति भेजी जाती है। आमतौर पर परिणाम आने में 1 या 2 दिन का समय लगता है। डॉक्टर परिणाम के बारे में आपसे चर्चा करने के बाद आगे के उपचार के बारे में बताएगा।
सभी लैब और अस्पताल के आधार पर इंट्रावेनस पायलोग्राम की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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