मूल बातें जानिए
हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) उस सर्जरी को कहते हैं, जिसमें महिलाओं के यूटेरस (जिसे वॉम्ब भी कहते हैं) को निकाल दिया जाता है। जरूरत के हिसाब से डॉक्टर फैलोपियन ट्यूब और ओवरी भी निकाल सकते हैं। हिस्टरेक्टॉमी के बाद आपको पीरियड्स नहीं होते और आप प्रेग्नेंट भी नहीं हो सकती हैं। हिस्टरेक्टॉमी की मदद से फीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम (Female reproductive system) में होने वाली बीमारियों का इलाज किया जाता है।
हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) की जरूरत कब पड़ती है?
हिस्टरेक्टॉमी की जरूरत इनमें से किसी एक स्थिति में पड़ती है :
- यूटेरीन फाइब्रोइड्स : यूटेरीन फाइब्रोइड्स यूटेरस की वॉल में होने वाली ग्रोथ को कहते हैं। कुछ महिलाओं को इससे दर्द और ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है।
- बहुत ज्यादा वजायनल ब्लीडिंग : हार्मोन लेवल में बदलाव, इन्फेक्शन, कैंसर या फिर फाइब्रोइड्स, जो बहुत ज्यादा ब्लीडिंग को बढ़ावा देते हैं।
- यूटेरीन प्रोलैप्स : ऐसी कंडिशन जिसमें यूटेरस अपनी जगह छोड़कर वजायनल कैविटी में आ जाता है, उसे यूटेरीन प्रोलैप्स कहते हैं। ये उन महिलाओं में ज्यादा कॉमन है, जो बहुत बार नॉर्मल डिलिवरी करवा चुकी हैं। लेकिन, यह मेनोपोज और ओबेसिटी के कारण भी हो सकता है। प्रोलैप्स की वजह से कई बार यूरिनरी, बोवेल और पेल्विक रीजन में परेशानियां आ सकती हैं।
- एंडोमेट्रिओसिस (Endometriosis) में यूटेरस को लाइन करने वाली वॉल यूटेरस से निकल कर बाहर की तरफ आ जाती है। इससे पीरियड्स के समय बहुत दर्द होता है और जरूरत से ज्यादा ब्लीडिंग होती है।
- यूटेरस, सर्विक्स, ओवरी और एंडोमेट्रियम (यूटेरस की लाइनिंग ) में कैंसर होने पर यूटेरस, सर्विक्स, ओवरी में कैंसर होने पर हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) की मदद से इलाज किया जा सकता है।
- इसके अलावा, कीमोथैरेपी और रेडिएशन से भी कैंसर का इलाज किया जा सकता है। आपके डॉक्टर इलाज से पहले आपके कैंसर टाइप और कैंसर स्टेज के बारे में बात जरूर करेंगे।
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बचाव के तरीके
हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) करवाने से पहले आपको क्या पता होना चाहिए?
हर कोई इस प्रोसीजर को नहीं करवा सकता। आपको हिस्टरेक्टॉमी ट्रीटमेंट यूटेरीन फाइब्रोइड केस में नहीं करना चाहिए अगर :
- आप फ्यूचर में मां बनने का सोच रही हैं। अगर आप अभी यंग स्टेज में हैं और मां बनना चाहती हैं, तो आपको ये सर्जरी नहीं करवानी चाहिए, क्योंकि ये सर्जरी रिवर्सेबल नहीं है। एक बार यूटेरस के निकाल देने के बाद आप दोबारा मां नहीं बन पाएंगी।
- अगर आपके पास रिकवरी के लिए ज्यादा समय नहीं है, उस कंडिशन में भी आपको ये सर्जरी नहीं करवानी चाहिए। हिस्टरेक्टॉमी करवाने के बाद आपको रिकवर होने में कम से काम छह हफ्तों का समय लगेगा, जिससे आपका डेली रूटीन प्रभावित होगा। ऐसी महिलाएं जो स्कूल, काम या घर को संभालती हैं, उनके लिए इतना समय दे पाना मुश्किल होगा। इससे उनकी रोज की जिंदगी पर भी असर पड़ेगा। रिकवरी के बाद भी नॉर्मल लाइफस्टाइल में आने के लिए पेशेंट को काफी समय लगेगा।
- अगर आप अभी मेनोपॉज की स्टेज में नहीं पहुंची हैं। हिस्टरेक्टॉमी के समय अगर ओवरी को निकाल दिया जाता है, तो हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है। हार्मोनल लेवल बिगड़ने से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल कम हो जाता है। ये दो होर्मोनेस हार्ट, ब्रेन, ब्रेस्ट और हड्डियों को मजबूत रखते हैं। इसलिए, ओवरी निकालने के बाद इन पर असर पड़ता है। अगर ओवरी को छोड़कर भी हिस्टरेक्टॉमी की जाए, तो पेशेंट को प्रीमैच्योर ओवेरियन फंक्शन फेलियर (Premature ovarian function failure ) हो सकता है।
- हिस्टरेक्टॉमी करने वाली ज्यादातर महिलाओं में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। हिस्टरेक्टॉमी करवाने वालीं 9-13 प्रतिशत महिलाओं में इन्फेक्शन पाया गया है। इसके साथ ही, आसपास के अंगो में खराबी, नर्व डैमेज, हैमरेज और अनेस्थेटिक कॉम्पलिकेशन भी देखी गई हैं।
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हिस्टरेक्टॉमी, की कॉम्पलिकेशन और साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) एक सेफ सर्जिकल प्रोसीजर है, लेकिन जैसा कि सभी बड़ी सर्जेरीस में थोड़ा बहुत रिस्क होता है, इसमें भी थोड़े बहुत रिस्क हैं। कुछ लोगों में एनेस्थेटिक की वजह से एडवर्स रिएक्शन हो जाता है और कई लोगो में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग और ऑपरेटेड साइट के आसपास इंफेक्शन भी देखा गया है।
इसके अलावा, इन अंगों में इंज्यूरी का खतरा बढ़ सकता है :
- ब्लैडर में
- आंतों में
- ब्लड वेसल्स में।
ये सारे रिस्क आमतौर पर देखे नहीं गए है। लेकिन, अगर ये किसी केस में हो जाते हैं, तो इन्हें सही करने के लिए आपको दूसरी सर्जरी भी करवानी पड़ सकती है।
हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) करने से पहले इससे जुड़े बचाव के तरीके, प्रभाव और होने वाली समस्याओं के बारे में जानना बहुत जरूरी है और ज्यादा जानकारी या सवालों के लिए डॉक्टर से जरूर मिलें।
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प्रक्रिया
हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) से पहले क्या तैयारियां करनी चाहिए?
हिस्टेरेक्टॉमी से एक महीने पहले
- हिस्टरेक्टॉमी के बारे में जितनी भी जानकारी हासिल कर सकते हैं, जरूर करें। साथ ही, बाद में रिकवरी कैसे करनी है ये भी जान लें।
- अगर आपका वजन बहुत ज्यादा (Excessive weight gain) है, तो उसे काम करें। बढ़े हुए वजन से सर्जरी और अनेस्थीसिया से जुडी परेशानियां बढ़ सकती है। ओबेसिटी सर्जरी टाइम और ब्लड लॉस बढ़ा सकती हैं।
- स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को सर्जरी के समय सांस लेने में परेशानी हो सकती है। साथ ही, रिकवरी भी स्लो होती है। इसलिए, कोशिश करें कि स्मोकिंग (Smoking) छोड़ें।
- रेगुलर दवाओं के बारे में डॉक्टर को बताएं और उनसे पूछें अगर उसमें किसी बदलाव की जरूरत है या नहीं।
- अपनी सभी मेडिकल कंडिशंस जैसे डायबिटीज, नींद, हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) को कंट्रोल में करें, ताकि सर्जरी के समय कोई परेशानी न आए।
- सर्जरी के बाद, आपको आराम करने के लिए काम से छुट्टी लेनी पड़ेगी। इसलिए, पहले से ही लीव एप्लिकेशन जरूर डाल दें।
हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) से एक हफ्ते पहले
- बहुत सारा पानी पिएं। इससे सर्जरी से होने वाली बाकी प्रॉब्लम नहीं होगी। साथ ही, बॉडी भी हाइड्रेट (Hydrate) रहेगी।
- ऑपरेशन के बाद लगने वाली दवाओं को पहले ही खरीद के रख लें। इससे घर वापस आते समय कहीं भी रुकने की असुविधा नहीं होगी।
- अपनी मेंस्ट्रुअल साइकल (Menstrual cycle) के बारे में चिंता न करें, उससे सर्जरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
- घर पर इजी रिकवरी के लिए तैयारी कर ले, सर्जरी के बाद कुछ हफ्तों के लिए रेडी तो कुक मील मार्केट से लेकर रख लें।
- ऑपरेशन के बाद किसी दोस्त को आपको ड्राइव करके घर लाने की जिम्मेदारी दें, क्योंकि डॉक्टर्स आपको खुद ड्राइव करने की परमिशन नहीं देंगे। ये इसलिए, क्योंकि उस समय आपको एनेस्थीसिया दिया जाएगा, जिसका असर काफी देर तक रहता है।
हिस्टरेक्टॉमी से एक दिन पहले
- ज्यादा हेवी खाना न खाएं। इससे ऑपरेशन के समय और ऑपरेशन के बाद परेशानी नहीं होगी।
- मेडिकल इंफॉर्मेशन इकट्ठी कर लें। मेडिकल दवाओं की लिस्ट, एक्स रे, टेस्ट रिपोर्ट्स और इमेजिंग रिजल्ट्स के साथ एलर्जी की रिपोर्ट्स।
- अपने डॉक्टर की सलाह से ही कुछ भी खाएं या पिए। ऑपरेशन के 12 पहले आपको कुछ भी लेने से मना किया जाएगा।
- सर्जरी से पहले अपनी नींद पूरी करें और स्ट्रेस न लें। बहुत–सी महिलाएं स्ट्रेस (Stress) लेने लगती हैं। इससे स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होता है। ये शरीर की दर्द झेलने की क्षमता और इम्युनिटी को कमजोर कर देता है।
हिस्टरेक्टॉमी के दिन हॉस्पिटल जाते समय इन बातों का रखें ख्याल
ब्रेकफास्ट न करें। जब तक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट आपको कुछ भी खाने या पीने को न कहें, तब तक कुछ भी न खाएं और न पिए। यहां तक कि ब्रश करते समय पानी भी अंदर न लें।
हॉस्पिटल में ज्वेलरी पहन कर न जाएं
अगर आप बीमार हैं, तो डॉक्टर को बताकर ऑपरेशन की डेट आगे बढ़वा दें। कोई भी बीमारी जैसे निमोनिया या फ्लू जो रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करती है, आपके ऑपरेशन को टाल सकती है।
हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) के समय क्या होता है?
औसतन एब्डोमिनल या हिस्टरेक्टॉमी में 60 -90 मिनट लगते हैं। लेप्रोस्कोपिक हिस्टरेक्टॉमी में 70 -110 मिनट लग सकते हैं। सर्जरी के समय से रिकवरी के समय पर कोई असर नहीं पड़ता।
हिस्टरेक्टॉमी बहुत सारे तरीकों से की जा सकती है। सभी में लोकल या जनरल एनास्ठेटिक की जरूरत पड़ती है। जनरल एनेस्थेटिक से आपको नींद आएगी और आपको पूरे ऑपरेशन किसी दर्द का एहसास नहीं होगा। वही, लोकल एनेस्थेटिक केवल निचले हिस्से को सुन्न करेगी, जबकि आप पूरी तरह होश में रहेंगे। डॉक्टर्स लोकल एनस्ठेटिक के साथ सेडेटिव भी देते हैं, जिससे आपको नींद आ जाए और आप ऑपरेशन के समय रिलैक्स रहें।
एब्डोमिनल हिस्टरेक्टॉमी (Abdominal Hysterectomy)
इस तरह की सर्जरी में डॉक्टर एब्डोमेन में कट लगाकर यूटेरस को बहार निकलते हैं। ये कट बड़ा होता है और वर्टीकल या हॉरिजॉन्टल लगाया जाता है। इसके घाव जल्दी भर जाते हैं और ज्यादा निशान नहीं छोड़ते।
वैजिनल हिस्टरेक्टॉमी (Vaginal Hysterectomy)
इस सर्जरी में वैजाइना में कट लगाकर यूटेरस को निकाला जाता है। बाहर कोई भी कट नहीं होता, इसलिए कोई भी निशान नहीं दिखाई देता।
लैप्रोस्कोपिक हिस्टरेक्टॉमी (Laparoscopic Hysterectomy)
इस तरह की सर्जरी लैप्रोस्कोप की मदद से की जाती है। लैप्रोस्कोप एक हाई लाइट इंटेंसिटी का डिवाइस होता है, जिससे बॉडी के अंदर डालकर इमेज को स्क्रीन पर देखा जा सकता है। ये इंस्ट्रुमेंट एब्डोमेन में तीन चार छोटे कट करके डाला जाता है। उसके बाद डॉक्टर्स कंप्यूटर की मदद से यूटेरस को देख सकते हैं। यूटेरस को एक बार की जगह कई बार काटा जाता है और एक–एक हिस्सा बाहर निकाला जाता है।
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हिस्टरेक्टॉमी के बाद (After Hysterectomy) क्या होता है ?
ऑपरेशन के बाद आपको पांच से छह दिन हॉस्पिटल में रखा जाएगा। दर्द की दवा देंगे और आपके लक्षण जैसे हार्ट रेट और ब्रीथिंग को मॉनिटर करेंगे। आपसे हॉस्पिटल में चलने को भी कहा जाएगा। चलने से पैरों में ब्लड क्लॉटिंग (Blood clotting) का खतरा नहीं होता।
अगर आपकी वैजाइनल हिस्टरेक्टोमी हुई है, तो ब्लीडिंग को रोकने के लिए गॉज लगाया जाएगा। कुछ दिनों बाद गॉज को निकाल दिया जाएगा। वैजाइना से ब्लड और भूरे रंग का पानी लगभग दस दिन तक आता रहेगा। ऐसे में आप मैंस्ट्रुअल पैड (Menstrual pad) का इस्तेमाल कर सकती हैं।
अगर आपकी वैजाइनल या लैप्रोस्कोपिक सर्जरी हुई है, तो आप तीन से चार हफ्तों में रेगुलर काम कर सकेंगे। एब्डोमिनल हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) में रिकवरी पांच से छह हफ्तों में होगी। इसमें रिकवरी पहले दो टाइप की सर्जरी के हिसाब से ज्यादा समय लेगी। और किसी जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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रिकवरी
हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) के बाद आपको क्या करना चाहिए?
आपको आराम करना है और पांच से छह हफ्तों तक कोई भी भारी सामान नहीं उठाना है। आप टब बाथ और सेक्शुअल इंटरकोर्स कर सकते हैं। हालांकि, आपकी रिकवरी आपके पहले की हेल्थ पर निर्भर करेगी। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह लें।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से बात जरूर करें।
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