लोगों के लिए कमर दर्द या लोअर बैक पेन एक बड़ी समस्या है। आमतौर पर कमर दर्द में बैक की मसल्स या तो ओवर स्ट्रेच हो जाती हैं या फिर वो अत्याधिक कॉन्ट्रैक्ट हो जाती हैं। मसल्स के कॉन्ट्रैक्ट होने पर उनमें जकड़न जैसा अहसास होता है। कई बार कमर की इंटरनल मसल्स डैमेज होने से आपको कमर दर्द का अहसास होता है। इस आर्टिकल में आपको कमर दर्द और इससे छुटकारा पाने में मददगार स्ट्रेचिंग एक्सरसाइजेज की जानकारी मिलेगी।
कमर की मांसपेशियां (Back Muscles)
तीन प्रकार की मांसपेशियां स्पाइन के कार्यों में मदद करती हैं। यह एक्सटेंसर्स, फ्लेक्सर्स और ओबलिक हैं। इन्हें बैक की मांसपेशियों के नाम से भी जाना जाता है। एक्सटेंसर्स मांसपेशियां स्पाइन (Back Muscles) के पिछले हिस्से से जुड़ी होती हैं। इनसे वजन उठाने और खड़े होने में मदद मिलती है। इन मांसपेशियों में लोअर बैक की बड़ी मांसपेशी इरेक्टर स्पाइन भी शामिल है। इरेक्टर स्पाइन रीढ़ और ग्लूटेल मसल्स को खड़ा रखती है।
वहीं, फ्लेक्सर मांसपेशियां रीढ़ के हड्डी के सामने वाले हिस्से से जुड़ी होती हैं। यह कमर को फ्लेक्स, मुड़ने, आगे बढ़ने, उठाने, अर्धाकार बनाने में मदद करती है। ओबलिक की मासपेशियां रीढ़ के साइड वाले हिस्से से जुड़ी होती हैं। इनकी मदद से रीढ़ एक तरफ से दूसरी तरफ घूमना और सही पॉश्चर बना पाती है। इन मांसपेशियों में किसी भी तरह की ओवर स्ट्रेचिंग या ओवर कॉन्ट्रैक्शन होने पर आपको कमर दर्द की समस्या होती है।
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बैक फ्लेक्सन्ट स्ट्रेच (Back Flexion Stretch)
कमर के दर्द को दूर करने की यह एक उम्दा स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज है। इसे करने के लिए आपको चटाई पर पीठे के बल लेट जाना है। इसके बाद दोनों घुटनों को मोड़कर अपने सीने की तरफ खींचना है।
इसके साथ ही आपको हल्के से अपने सिर को आगे की तरफ ले जाना है। ऐसा करने से आपको कमर के मिडिल और लोअर हिस्से में स्ट्रेचिंग का अहसास होगा। इस पर नोएडा फिटनेस फर्स्ट जिम के फिटनेस इंस्ट्रक्टर शुभम ने कहा, ‘लोअर बैक में कमर की स्ट्रेचिंग बेहद ही जरूरी होती है। स्ट्रेचिंग करने से कमर की मांसपेशियों को राहत मिलती है। इससे ओवर स्ट्रेच मसल्स को सामान्य स्थिति में लाने में मदद मिलती है। ओवर स्ट्रेच मसल्स या ओवर कॉन्ट्रैक्टेड मसल्स ज्यादातर मामलों में कमर दर्द का कारण होती हैं।’ शुभम अमेरिकन काउंसिल ऑफ एक्सरसाइज से सर्टिफाइड फिटनेस इंस्ट्रक्टर हैं।
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नी टू चेस्ट स्ट्रेच (Knee to Chest Stretch)
चटाई पर पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद घुटने मोड़ लें। आपकी दोनों हील्स जमीन पर होनी चाहिए। इसके बाद दोनों हाथों को एक घुटने पर रखकर उसे अपनी चेस्ट की तरफ खींचे। ऐसा करने से आपके हिप्स में मौजूद ग्लूटस (gluteus) और पिरिफोर्मिस (piriformis) मसल्स की स्ट्रेचिंग होगी। इससे लोअर बैक के दर्द में राहत मिलती है।
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नीलिंग लंजेस स्ट्रेच (Kneeling Lunge Stretch)
लंजेस स्ट्रेच करने के लिए अपने दोनों पैरों पर सीधा खड़े हो जाएं। इसके बाद एक पैर को आगे की तरफ निकालें। ऐसा करते वक्त आपकी बॉडी का भार सभी हिस्से में बराबर रूप से बंटा होना चाहिए। इसके बाद आगे वाले पैर को मोड़कर 90 डिग्री का कोण बना लें। इसमें आपके दोनों हाथ आगे वाले पैर की थाई पर रहेंगे। फिर आपको धीरे-धीरे आगे की तरफ मुड़ना है।
ऐसा करते वक्त आपके पिछले पैर का घुटना जमीन से जाकर हल्का करीब आ जाएगा। यह लंजेस की पुजिशन है। इससे हिप फ्लेक्सर्स की मासपेशियां स्ट्रेच होंगी। यह मांसपेशियां पेल्विक से जुड़ी होती हैं।
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चेयर स्ट्रेच (chair seated forward bending)
चेयर स्ट्रेचिंग कमर दर्द में काफी असरदार है। इसे करने के लिए आपको घर या दफ्तर की कुर्सी पर बैठना है। आपके दोनों पैर जमीन में सीधे पैरलर होने चाहिए। इसके बाद आपको हल्का-हल्का आगे की तरफ मुड़ना है। ऐसा करते वक्त आपकी इरेक्टर स्पाइन की मसल्स की स्ट्रेचिंग होगी। इस स्ट्रेचिंग से लोअर बैक की अकड़न काफी हद तक दूर होती है।
अंत में हम यही कहेंगे कि कमर आपकी बॉडी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें किसी भी प्रकार की दिक्कत होने से आपकी दिनचर्या प्रभावित हो सकती है। आसान सी एक्सरसाइज करके आप इससे राहत प्राप्त कर सकते हैं लेकिन, अगर परेशानी गंभीर हो और इन एक्सरसाइजेस से कोई फायदा न हो तो डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।
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