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ल्युसिड ड्रीमिंग: जानें सपनों की अनोखी दुनिया में जाने का रास्ता

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Suniti Tripathy द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/03/2021

    ल्युसिड ड्रीमिंग: जानें सपनों की अनोखी दुनिया में जाने का रास्ता

    ल्युसिड ड्रीमिंग क्या है ?

    क्या आपने इंसेप्शन फिल्म देखी है? अगर हां, तो आप पहले से ही ल्युसिड ड्रीमिंग को समझते होंगे। अगर आपने ये फिल्म नहीं भी देखी तो आपको बता दें कि ये ऐसी रोचक स्थिति है जिसमें आप अचानक किसी सपने को देखेंगे और आपको महसूस होगा कि आप उस सपने को जी रहें है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें हमारा दिमाग पूरी तरह से सपने की दुनिया को असली मान बैठता है और हम समझ जाते हैं कि वो सपना ही, लेकिन फिर भी वो उस ख्वाब को देखना चाहते हैं।

    एक महान पोएट एडगर एलन पो  ने लिखा है कि ‘ जैसा हम देखते हैं या जैसा हमें लगता है वो सपनों के अंदर एक सपना ही है’।

    सत्य और सपनों के बीच के अंतर को दिखाती हुई सच्चाई है ल्युसिड ड्रीम्स। इस स्थिति में होने पर सपना देखते वक्त आपको पता होगा कि आप सपना देख रहे हैं। ब्राजिल में हुए एक शोध में पाया गया है कि 1,427 लोगों में से लगभग 25 वर्ष की आयु वाले 77 प्रतिशत लोग ल्युसिड ड्रीम्स की स्थिति से गुजरे।

    ल्युसिड ड्रीम्स क्याें दिखते हैं?

    रैपिड आई मूवमेंट स्लीप के दौरान ऐसे सपना देखना आम है। कुछ लोगों में ये जल्दी-जल्दी होते हैं लेकिन अक्सर लोग जिज्ञासा के चलते कई बार ऐसे सपने देखने की कोशिश भी करते हैं। इन सपनों में लोग अक्सर वही देखते हैं, जो वे देखना चाहते हैं। सपना देखते वक्त मरीज अपनी सारी महत्वाकांक्षाओं और इच्छाओं को अपने हिसाब से पूरा करता है। ये बहुत अनोखा अनुभव है जिसमें आप अपने मन के अनुसार अपने सपनों को ढाल सकते हैं। एक तरह से ये खुद के भीतर झांकने जैसा ही है। कई लोगों में अपने सपनों को नियंत्रित करने की काबीलियत आ जाती है पर ये सबके साथ नहीं होता।

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    क्या आप भी करना चाहते हैं अपनों सपनों पर काबू ?

    साइकोफिजियोलॉजिस्ट स्टीफेन ला बर्ज की थ्योरी के आधार पर ये कहा जा सकता है कि ल्युसिड ड्रीमिंग स्वास्थ्य से जुड़ी हुई कई परेशानियों का हल भी है। उनके अनुसार रात को खराब सपने आना, घबराहट और बेचैनी जैसे विभिन्न लक्षणों को ल्युसिड ड्रीमिंग की मदद से खत्म किया जा सकता है। 

    ल्युसिड ड्रीमिंग को कैसे महसूस?

    असल में सपना देखते समय अपने दिमाग को स्थिर रखने से और ध्यान केंद्रित करने से आप ल्युसिड ड्रीमिंग कर सकते हैं। नीचे दिए हुए कुछ आम तरीकों से आप ल्युसिड ड्रीम में हैं या नहीं इसका पता कर सकते हैं।

    आइने में खुद को देखकर : नींद में अगर आप आइने में खुद को सामान्य देख पा रहे हैं, तो आप ल्युसिड ड्रीमिंग कर रहे हैं। 

    कठोर चीजों को छूकर : अगर आप सो रहे हैं लेकिन फिर भी आप चीजों को छूने का अहसास कर रहे हैं तो आप ल्युसिड ड्रीमिंग कर रहे हैं। कई बार लोग इस दौरान अपने एक हाथ की अंगुलियां दूसरे हाथ में फसा भी सकते हैं।

    हांथों की स्थिति : अपने हांथों को ध्यान से देखें ? क्या आपको हांथ सामान्य स्थिति में दिख रहे हैं?

    सांस लेने की स्थिति : सोते समय अगर नाक को छूने पर आप को एहसास हो रहा है कि आप सांस ले रहे हैं तो आप ल्युसिड ड्रीम की स्थिति में हैं। इनमें से कोई भी एक रियैलिटी चेक चुन लें और समय- समय पर इसे दोहराएं। इसे एक से ज्यादा बार दोहराने से आप ल्युसिड ड्रीमिंग में हैं या नहीं इसका पता लगाया जा सकता है। 

    ल्युसिड ड्रीमिंग से बाहर कैसे आया जा सकता है? 

    • मदद के लिए पुकारें : अगर आपक कोई डरावना ल्युसिड ड्रीम देख लें और वापस से रियैलिटी में आना चाहते हैं तो मदद के लिए पुकारें इससे आप असल में जाग जाएंगे। 
    • बार-बार पलकें झपकाने से भी आप असल जिंदगी में जाग सकते हैं। 
    • अपने सपने में सो जाएं। अगर आप सपने में सो जाते हैं तो आप असल जिंदगी में जाग जाएंगें।

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    ल्युसिड ड्रीमिंग के कुछ फायदे 

    ल्युसिड ड्रीमिंग के बहुत से फायदे हो सकते हैं जैसे कि :

    लगभग 50 से 85 प्रतिशत लोग नाइटमेयर की समस्या से गुजरते हैं। बार- बार ये समस्या होने से तनाव और चिड़चिड़ेपन की शिकायत रहती है और कई बार लोग डिप्रेशन जैसी समस्या से भी गुजरते हैं। इसके साथ ही ल्युसिड ड्रीमिंग आपको इन समस्याओं से भी बचाएगी :

    • तनाव 
    • डिप्रेशन 
    • चिड़चिड़ापन 
    • सोने में परेशानी होना 
    • दवाओं की समस्या होना 
    • ड्रग एब्यूज 

    ल्युसिड ड्रीमिंग के बहुत से फायदे हैं लेकिन इसके कई हानिकारक प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे कि :

    सोने में परेशानी होना : ये स्थिति ऐसी है जिसमें आप असल में हमेशा जाग रहे होते हैं। ऐसे में शरीर को आराम नहीं मिलता। शरीर को आराम न मिलने पर कई बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही आपका दैनिक जीवन भी असंतुलित हो जाएगा। 

    असलियत और सपनों के बीच फर्क न कर पाना : कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति सपने और असलियत के बीच अंतर करने में असक्षम हो जाता है। ऐसा होने पर कई मानसिक समस्याएं आ सकती है। 

    सोते समय पैरेलिसिस होना : कई बार सपनों में खो जाने पर आप असल जिंदगी में निष्क्रिय  हो सकते हैं। 

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    अपने डॉक्टर से कब मिलें ?

    कुछ स्थितियों में आपको डॉक्टर की सलाह लेनी पड़ेगी। जैसे कि :

    • बा -बार खराब सपने आने पर। 
    • बार-बार नींद टूटने पर। 
    • अगर आपके सपनों की दुनिया में ऐसा कुछ है जिससे आप भागना चाहते हैं तो कई बार आपको सोने से डर लगेगा ऐसी स्थिति में भी डॉक्टर की सलाह जरूरी है । 
    • भावनात्मक बदलाव होने पर भी डॉक्टर से सलाह लें। 
    • सोने में परेशानी होने पर भी डॉक्टर से मिलें। बिना डॉक्टर की सलाह के खुद से नींद की दवाएं न लें। 

    ल्युसिड ड्रीमिंग की मदद से आप अपने ख्यालों को जैविक रूप में जी सकते हैं। ये बहुत ही विचित्र लेकिन अद्भुत अनुभूति है, बशर्ते आप इसमें खोएं नहीं। ल्युसिड ड्रीमिंग करने वाले लोगों को असलियत और ख्वाबों के बीच अंतर करना आना चाहिए। हर इंसान के ल्युसिड ड्रीमिंग अलग अनुभव होता है इसलिए कभी अपने सपनों या ख्यालों की तुलना दूसरे से न करें। या फिर ऐसा न समझें कि जैसा एक मरीज के साथ हुआ वैसा ही आपके साथ भी होगा। 

    इस विषय से जुड़ी किसी भी जानकारी या सवाल के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें।

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