हार्ट यानी कि हृदय का हमारे शरीर में अहम रोल होता है। शरीर में विभिन्न अंगों में ऑक्सीजन युक्त रक्त को एक स्थान से दूसरे स्थान में पहुंचाने का काम हार्ट करता है। अगर शरीर के विभिन्न अंगों में ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंचेगा, तो उस ऑर्गन को नुकसान पहुंचने के साथ ही वह आर्गन काम करना भी बंद कर सकता है। इस तरह से हार्ट का हमारे शरीर में अहम रोल होता है। आजकल की लाइफस्टाइल के चलते लोगों को हार्ट संबंधी बीमारियों का अधिक सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हार्ट अटैक, तेजी गति से हार्ट का धड़कना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। हार्टबीट को रेगुलर बनाएं रखने के लिए पेसमेकर का इस्तेमाल किया जाता है। पेसमेकर दुनिया में अधिक मात्रा में इस्तेमाल किए जाने वाला उपकरण है। ह्युमन हार्ट के संबंध में कई रिसर्च हो चुकी हैं। इस संबंध हुए एक शोध में अहम जानकारी मिली है कि ह्युमन हार्ट में एक ऐसा सिस्टम है, जो अंग को खुद को फिर से चालू करने की अनुमति देता है। ये पेसमेकर के रिप्लेसमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में क्या अहम जानकारी मिली है। सबसे पहले जानते हैं कि पेसमेकर का ह्युमन हार्ट (Human Heart) में क्या अहम रोल होता है।
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ह्युमन हार्ट (Human Heart) में पेसमेकर का अहम रोल ?
भागदौड़ भरी जिंदगी में लाइफस्टाइल कहीं ना कहीं बिगड़ चुकी है, जिस कारण से व्यक्ति ना तो सही से सो पाता है ना तो खाने में पौष्टिक आहार ले पाता है। रेगुलर एक्सरसाइज की भी कमी शरीर में कई बीमारियों के जोखिम को बढ़ाने का काम करती है। इन कारणों से एक नहीं बल्कि कई समस्याएं शरीर में पनपने लगती है। हार्ट से संबंधित समस्याएं भी उन्हीं में से एक है। हार्ट मसल्स को जब संकेत मिलता है, तब हार्टबीट (Heartbeat) प्रॉपर तरीके से काम करती है। अगर किसी कारण से ऐसा नहीं हो पाता है, तो व्यक्ति की हार्टबीट अनियमित हो जाती है। ऐसी कंडीशन में डॉक्टर पेसमेकर का इस्तेमाल करते हैं। पेसमेकर एक प्रकार का उपकरण है, जो हार्ट मसल्स को मैसेज भेजने का काम करता है। इस तरह से हार्टबीट प्रॉपर तरीके से काम करना शुरू कर देती है।
पेसमेकर दिल की धड़कन को सामान्य बनाने का काम करता है। पेसमेकर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं, जिनमें सिंगर चेंबर पेसमेकर, ड्यूल चेंबर पेसमेकर और बीवेंट्रीकल पेसमेकर मुख्य है। पेसमेकर लेफ्ट या फिर व्हाइट कॉलर बोन के नीचे लगाया जा सकता है। पेसमेकर करीब 10 से 12 साल तक काम कर सकता है। पेसमेकर कितनी लंबी आयु तक काम करेगा, यह बात उस पर पड़ रहे प्रेशर पर काफी हद तक निर्भर करती है।आइए जानते हैं हार्ट को लेकर क्या रिसर्च सामने आई है।
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ह्युमन हार्ट के संबंध में क्या मिली अहम जानकारी?
साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिंस के जर्नल में प्रकाशित खबर के मुताबिक स्टार ट्रेक: द नेक्स्ट जेनरेशन” के एक एपिसोड में, लेफ्टिनेंट वर्फ बुरी तरह से घायल हो गए हैं, लेकिन जब यह पता चलता है कि उनके शरीर में बहुत सारे अनावश्यक हिस्से और अंग हैं और वो उन्हें रिजनरेशन के लिए मदद कर रहे हैं, तो ऐसे में शोधकर्ताओं का विश्वास करना मुश्किल हो गया। ये कोई साइंस फिक्शन नहीं है लेकिन इस पर विश्वास करना कठिन हो सकता है।
ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी वेक्सनर मेडिकल सेंटर (Ohio State University Wexner Medical Center) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया कि मानव हृदय में दिल की धड़कन को नियंत्रित करने के लिए अपनी फेल-सेफ बैकअप “बैटरी” प्रणाली होती है। इस संबंध में टेस्ट यानी परिक्षण जारी है। अगर ये परिक्षण सही साबित होते हैं, तो भविष्य में लोगों को कम ही मकैनिकल पेसमेकर की जरूरत पड़ेगी। ये जानकारी इसलिए भी अहम क्योंकि दुनियाभर में मैकेनिकल पेसमेकर का इस्तेमाल करने वालों की तादात बहुत अधिक है। केवल अमेरिका में ही हर साल 2 लाख लोगों को पेसमेकर की जरूरत पड़ती है।
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नैचुरल पेसमेकर से क्या हैं उम्मीदें?
ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन में फिजियोलॉजी और सेल बायोलॉजी के एक असिस्टेंट प्रोफेसर वादिम फेडोरोव ने कहा, “भविष्य में हम कुछ ऐसा डेवलप करना चाहते हैं, जिसका चिकित्सक स्वागत करें।” आगे फेडोरोव कहते हैं कि इम्प्लांटेड पेसमेकर हार्ट के डिफेक्टिव पेसमेकर के कामों को बदलकर काम करता है। सिनोट्रायल नोड (sinoatrial node), या साइनस नोड (sinus node), हार्ट के नैचुरल पेसमेकर हैं।
ये राइट एट्रियम (upper chamber of the heart) के ऊपर छोटी स्पेशलाइज्ड सेल्स होती हैं। ये इलेक्ट्रिकल इम्पल्स भेजने का काम करती हैं, जो हार्टबीट का कारण बनता है। हार्ट निरंतरता को बनाएं रखने का काम करता है। अनियमित दिल की धड़कन या एरथमिया हार्ट डिजीज से संबंधित समस्याओं के कारण पैदा होता है। ये आहार या हॉर्मोन में बदलाव या फिर इलेक्ट्रोलाइट इम्बैंलेस से जुड़ा भी हो सकता है। ऑप्टिकल और मॉलीक्यूलर मैपिंग से पता चलता है कि एसए नोड कई पेसमेकर, विशेष कार्डियोमायोसाइट्स (specialized cardiomyocytes) का घर है, इलेक्ट्रिकल हार्टबीट के साथ ही इम्पल्स भी पैदा करता है।
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अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि नैचुरल पेसमेकर को एक बैटरी की तरह समझा जा सकता है, तो इसका जवाब थोड़ा टेक्निकल हो सकता है। जी हां! मान लीजिए कि किसी दिन आपकी कार स्टार्ट नहीं हो रही है फिर आपको पता चलता है कि कार की बैटरी तो बिल्कुल ठीक है लेकिन कनेक्टर केबल में कुछ समस्या है। ऐसे में आप केबल को साफ करके या फिर बदल कर समस्या को सुलझाने की कोशिश करते हैं। नैचुरल पेसमेकर खुद को शुरू करने का काम कर सकता है। इस संबंध में अभी भी स्टडी हो रही है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस शोध को पढ़कर बहुत अच्छा लगा होगा क्योंकि अगर ऐसा संभव होता है, तो यकीनन हार्ट के पेशेंट के लिए यह जरूर अच्छी खबर होगी। इस रिचर्स के दौरान नैचुरल पेसमेकर किन चुनौतियों को पैदा करता है, ये जानना भी वैज्ञानिकों के लिए जिज्ञासा से भरा हो सकता है।
इस आर्टिकल में हमने आपको ह्युमन हार्ट (Human Heart) में पेसमेकर से संबंधित अहम जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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