इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम एक शार्ट टेस्ट है, जिसे हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को मॉनिटर करने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल असामान्य हार्ट बीट या हार्ट डैमेज की जांच करने के लिए भी किया जा सकता है।
इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
इकोकार्डियोग्राम हार्ट का अल्ट्रासाउंड है। इसमें साउंड वेव्स का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि हार्ट की तस्वीर बनाई जा सके।
स्ट्रेस टेस्ट (Stress test)
हार्ट डिजीज डायग्नोसिस (Heart Disease Diagnosis) के दौरान डॉक्टर रोगी को तब भी जांचते हैं, जब वो कोई एक्टिविटी कर रहे हों। स्ट्रेस टेस्ट के दौरान रोगी को स्टेशनरी बाइक चलने या ट्रेडमिल पर कुछ देर चलने की सलाह दी जाती है। इस दौरान डॉक्टर मरीज की हार्ट रेट के बढ़ने पर स्ट्रेस के प्रति उनके शरीर की प्रतिक्रिया को जांचेंगे।
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हार्ट डिजीज डायग्नोसिस में करॉटिड अल्ट्रासाउंड (Carotid ultrasound)
करॉटिड डुप्लेक्स स्कैन में साउंड वेव्स का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि गर्दन के दोनों तरफ करॉटिड आर्टरीज की तस्वीर बनाई जा सके। इससे रोगी की आर्टरीज में प्लाक के बिल्डअप और स्ट्रोक के जोखिम के बारे में जाना जा सकता है।
हॉल्टर मॉनिटर (Holter monitor)
अगर डॉक्टर को रोगी के 24 से 48 घंटे से अधिक समय तक हार्ट को मॉनिटर करना हो, तो वो आपको एक डिवाइस को पहनने की सलाह दे सकते हैं, जिसे हॉल्टर मॉनिटर कहा जा सकता है। यह छोटी सी मशीन इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) की तरह काम करती है। इससे डॉक्टर रोगी की हार्ट अब्नोर्मलिटीज की जांच कर सकते हैं।
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हार्ट डिजीज डायग्नोसिस में चेस्ट एक्स-रे (Chest X-ray)
चेस्ट एक्स-रे में कम मात्रा में रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है। ताकि, छाती की इमेज बनाई जा सके, जिसमें हार्ट भी शामिल है। यह टेस्ट आपके डॉक्टर को सांस की तकलीफ या सीने में दर्द का कारण निर्धारित करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही सीटी स्कैन (CT scan) भी कराया जा सकता है।