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हार्ट डिजीज और तनाव में एक्सरसाइज की क्या भूमिका है? जानिए यहां...

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/12/2021

    हार्ट डिजीज और तनाव में एक्सरसाइज की क्या भूमिका है? जानिए यहां...

    तनाव, आज के समय में हजारों बीमारियों का कारण देखा गया है,फिर चाहें वो डायबिटीज हो, ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो या किसी प्रकार की हार्ट डिजीज। लोगों में बढ़ते तनाव के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि तनाव पर काबू कैसे पाया जाए। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि तनाव से किस तरह से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है और हार्ट डिजीज और तनाव में एक्सरसाइज (Stress And Exercise in Heart Disease) क्यों फायदेमंद है। जिन लोगों को एक हार्ट अटैक पड़ चुका है, उनमें तनाव दूसरे हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। स्ट्रेस, केवल हार्ट डिजीज का रिस्क नहीं बढ़ाता है, बल्कि डायबिटीज और हाय ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। तनाव से अटैक और स्ट्रोक (Attacks and strokes due to stress) का खतरा बहुत अधिक जाता है। तो आइए जानें कि हार्ट डिजीज और तनाव में एक्सरसाइज (Stress And Exercise in Heart Disease) में क्या संबंध है।

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    तनाव, मानसिक स्वास्थ्य और हार्ट में संबंध (Relationship between stress, mental health and heart)

    अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल सर्कुलेशन में एक वैज्ञानिक के अनुसार आपका मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति, आपके शारीरिक स्वास्थ्य, हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम कारकों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। तनाव के कारण, हृदय रोग और स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम के कारकों में शामिल हैं:

  • अधिक धूम्रपान करना
  • शारीरिक गतिविधियों में कमी
  • आहार में गड़बड़ी होना
  • अत्यधिक वजन होना
  • निर्धारित अनुसार दवाएं नहीं लेना
  • तनाव को बढ़ाने वाले कारकों में शामिल हैं:

    तनाव आपके शरीर एड्रेनालाईन नामक एक हाॅर्मोन को रिलीज करता है, जो अस्थायी रूप से आपकी श्वास और हृदय गति को तेज करता है और आपके रक्तचाप को बढ़ाता है।

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    क्रोनिक स्ट्रेस क्या है (What is chronic stress)?

    क्रोनिक स्ट्रेस तब होता है, जब तनाव स्थिर रहता है और आपका शरीर एक समय में कई दिनों या हफ्तों के लिए हाय गियर ऑफ और ऑन रहता है। यानि कि यह आता-जाता रहता है और लंबे समय तक आपमें चलता है। क्रोनिक स्ट्रेस से उच्च रक्तचाप की हो सकता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।

    हार्ट डिजीज और तनाव में एक्सरसाइज लाभदायक माना जाता है। स्ट्रोक और अटैक का खतरा किसी भी व्यक्ति को कहीं भी और कभी हो सकता है। तनाव से अटैक और स्ट्रोक के खतरे से बचने के लिए जरूरी है कि आप स्ट्रेस (Stress) से पहले बचें। जो इसके होने का सबसे बड़ा कारण है। फिर चाहें वो प्रोफेशनल लाइफ में हो या पर्सनल लाइफ के स्ट्रेस से हो। हर किसी को स्ट्रेस मैनेज करना आना चाहिए। इसके लिए आप अपने घर वालों और दोस्तों की मदद भी ले सकते हैं। बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने पर आप प्रोफेशनल काउंसलर से मिलें और थेरिपी (Therapy) लें।

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    क्या स्ट्रेस मैनेजमेंट से हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है (Can stress management reduce the risk of heart disease?)?

    स्ट्रेस मैनेजमेंट आपके दिल के स्वास्थ्य और पूरी सेहत, दोनों के लिए अच्छा है। नकारात्मक मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य / मानसिक स्वास्थ्य हृदय रोग और स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ होता है। नकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों में शामिल हैं:

    • अवसाद का होना
    • तनाव महसूस होना
    • चिंता होना
    • क्रोध आना
    • निराशावाद जैसे भाव आना

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    ये स्थितियां हमारे शरीर में संभावित हानिकारक प्रतिक्रियाओं से जुड़ी हैं जैसे:

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    सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य वाले लोगों में हृदय रोग के विकास के कम जोखिम से जुड़े स्वास्थ्य कारक होने की संभावना अधिक होती है:

    • कम रकत चाप
    • बेहतर ग्लूकोज नियंत्रण
    • कम सूजन
    • कम कोलेस्ट्रॉल

    हृदय रोग और स्ट्रोक में तनाव कैसे योगदान देता है, इसके बारे में अधिक जानने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत जरूरी है। यह तनाव, चिंता और अवसाद को दूर कर सकता है। आप वॉक, ध्यान या योग जैसी एक्टिविटीज कर सकते हैदं।

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    हार्ट डिजीज और तनाव में एक्सरसाइज:  तनाव से अटैक और स्ट्रोक

    जैसा कि तनाव से अटैक और स्ट्रोक खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इन मरीजों को अपने लाइफस्टाइल और खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तनाव का स्ट्रोक और अटैक से बहुत गहरा संबंध है। मस्तिष्क में स्ट्रोक या हार्ट अटैक की कंडीशन (Heart Attack Condition) तब होती है, जब ऑक्सिजन की आपूर्ति हो जाती है। जिस कारण मस्तिष्क में रक्त का रिसाव, मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनी में थक्का या मस्तिष्क को ऑक्सिजन की आपूर्ति और हदय में ऑक्सिजन की आपूर्ति होने लगती है। तनाव जब बहुत अत्यधिक हो जाता है, तब इसका प्रभाव सबसे पहले हार्ट (Heart) और ब्रेन (Brain) पर ही पड़ता है।

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    तनाव के लक्षण (Stress Symptoms)

    जब किसी व्यक्ति में तनाव और स्ट्रेस अधिक होने लगता है, ताे उसमें इस तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे समय रहते रोकना बहुत जरूरी है। इन लक्षणों को ध्यान देने पर आप तनाव से अटैक और स्ट्रोक के खतरे से बच सकते हैं।

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    हार्ट डिजीज और तनाव में एक्सरसाइज (Exercise in Heart disease)

    ऐसी कोई बीमारी नहीं है कि व्यायाम से लाभ नहीं होता है। हार्ट पेशेंट यदि यह सोचते हैं कि, सिर्फ इसलिए कि आपको दिल का दौरा पड़ा है, आप कंजेस्टिव हार्ट फेल्योरया अन्य हृदय रोग के शिकार है, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको आस-पास बैठना होगा और कुछ भी नहीं करना होगा। वास्तव में, नियमित व्यायाम (सप्ताह में 150 मिनट से अधिक) के साथ आप हेल्दी लाइफ जी सकते हैं। इससे आप हृदय की कार्यप्रणाली में सुधार कर सकते हैं और यहां तक कि कुछ दवाओं से भी छुटकारा पा सकते हैं, जो आप ले रहे हैं। लेकिन कोई भी दवा डॅाक्टर की अनुमति के बिना बंद न करें। व्यायाम के हृदय संबंधी लाभों में शामिल हैं:

  • अपने दिल और हृदय प्रणाली को मजबूत बनाना
  • ऑक्सिजन का संचार अच्छा होता है
  • अपने दिल की विफलता के लक्षणों में सुधार होता है
  • रक्तचाप कंट्रोल में रहता है
  • कोलेस्ट्रॉल का लेवल कंट्रोल रहने में मदद मिलती है।
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    आपके डॉक्टर के साथ चर्चा करने के लिए चीजें (Things to discuss with your doctor)

    हार्ट डिजीज और तनाव में एक्सरसाइज में बहुत गहरा संबंध है। कोई भी व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। आपका डॉक्टर आपकी फिटनेस और शारीरिक स्थिति के स्तर की चेकअप मदद कर सकता है। इसके अलावा अपनी संतुष्टि के लिए आप डॉक्टर से निम्न सवाल पूछ सकते हैं, जैसे कि:

    • मैं कितना व्यायाम कर सकता हूं?
    • मैं हर हफ्ते कितनी बार व्यायाम कर सकता हूं?
    • मुझे किस प्रकार का व्यायाम करना चाहिए?
    • मुझे किस प्रकार की गतिविधियों से बचना चाहिए?
    • क्या मुझे अपने व्यायाम कार्यक्रम के आसपास एक निश्चित समय पर अपनी दवाएं लेनी चाहिए?
    • क्या व्यायाम करते समय मुझे अपनी नब्ज लेनी होगी?

    आपके डॉक्टर तनाव परीक्षण या इकोकार्डियोग्राम करने या आपकी दवाओं के बारे में आपको बताएंगे । किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले हमेशा पहले अपने डॉक्टर से जांच कराएं। यहां आपने जाना कि हार्ट डिजीज और तनाव में एक्सरसाइज में बहुत गहरा संबंध है। लेकिन कोई भी एक्सरसाइज अपने मन से न करें। अपने डॉक्टर से बात करें।

    डिस्क्लेमर

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