सीने में कान लगाने पर दिल की धड़कन साफ सुनाई देती है लेकिन अगर किसी कारण से आपको खुद के दिल की धड़कन जोर से महसूस होने लगे, तो यकीनन आप डर जाएंगे। जी हां! कई बार ऐसा होता है कि आप सोते हुए जाग जाते हैं सिर्फ इसलिए क्योंकि आपको दिल की धड़कन तेज महसूस होने लगती है। अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो यह रेसिंग हार्ट (Racing Heart) की समस्या है। आइए जानते हैं कि रेसिंग हार्ट (Racing Heart) क्या है और यह किन कारणों से ये समस्या हो सकती है।
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रेसिंग हार्ट (Racing Heart) से क्या है मतलब?
दिल की धड़कन तेज होने के एक नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं। कई बार विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी दिल की धड़कनों को बढ़ाने का काम कर सकती है और इसे ही रेसिंग हार्ट (Racing Heart) कहते हैं। यानी फास्ट हार्ट रेट कई कारणों से हो सकता है। जानिए रेसिंग हार्ट किन कारणों से हो सकता है।
स्ट्रेस से रेसिंग हार्ट (Racing Heart) की समस्या
चिंता एक नहीं बल्कि कई बीमारियों का कारण हो सकती है। जब किसी कारण से स्ट्रेस हो जाता है, तो हमारे शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन रिलीज होता है। इस कारण से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। व्यक्ति जितनी ज्यादा चिंता करेगा, उतना अधिक स्ट्रेस हॉर्मोन रिलीज होगा और साथ ही दिल की धड़कनें भी तेज हो जाएंगी। एंग्जाइटी के कारण भी सांस लेने में दिक्कत होना, सोने में दिक्कत होना, अधिक चिंता का एहसास होना आदि लक्षण दिखने लगते हैं। हो सकता है कि सोते समय अगर आपको कोई डरावना सपना आया हो, तो इस कारण से भी आपको रेसिंग हार्ट (Racing Heart) की समस्या हो सकती है और अचानक आपकी नींद खुल जाती है।
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शराब की वजह से रेसिंग हार्ट (Racing Heart) की समस्या
शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। जो लोग अधिक मात्रा में रात में शराब पीते हैं, उनकी दिल की धड़कन तेज हो जाती है। आप जितनी तेजी के साथ शराब पिएंगे, हार्टबीट भी उतनी ही तेजी से बढ़ जाएगी और आपको रेसिंग हार्ट (Racing Heart) का एहसास होने लगेगा। लंबे समय तक शराब का सेवन करने के कारण हॉर्ट संबंधित कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसमें कार्डियक एरिथिमिया भी मुख्य हो सकता है। आपको दिल की तेज धड़कन के कारण नींद खुल जाने की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
शुगर की वजह से रेसिंग हार्ट (Racing Heart)
खानपान के दौरान किसी भी चीज का संतुलित मात्रा में सेवन करना शरीर के लिए बेहतर रहता है। अगर आप किसी चीज की मात्रा को अधिक लेते हैं, तो हो सकता है कि इससे आपको स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़े। शुगर भी उन्हीं में से एक है। अगर आप शक्कर अधिक मात्रा में लेते हैं, तो ब्लड शुगर स्पाईक की समस्या हो जाती है। इस कारण से इंसुलिन को तेजी से काम करना पड़ता है और साथ ही स्ट्रेस की समस्या भी बढ़ जाती है। स्ट्रेस के कारण से शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन रिलीज होता है और आपको रेसिंग हार्ट (Racing Heart) की समस्या हो जाती है।
ज्यादा कैफीन बढ़ा देती है दिल की गति (Racing Heart)
अगर कैफीन थोड़ी मात्रा में लिया जाए, तो यह आपके स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाएगा लेकिन अधिक मात्रा में लिया जाता है, तो हार्ट रेट को बढ़ा देता है। कैफीन चाय कॉफी और एनर्जी ड्रिंक में पाई जाती है। इसके कारण हार्टबीट तेजी से बढ़ने लगती है। साथ ही नींद ना आने की समस्या, बार-बार पेशाब आना, चिड़चिड़ापन आदि समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। अधिक कैफीन का सेवन रेसिंग हार्ट (Racing Heart) का कारण बन सकता है।
बुखार भी बन सकता है रेसिंग हार्ट (Racing Heart) का कारण
अगर किसी व्यक्ति को सर्दी या बुखार की समस्या होती है, तो इस कारण से भी हार्ट रेट तेज हो जाता है। हमारा शरीर तापमान को कंट्रोल में करने के लिए कुछ प्रोसेस को ट्रिगर करता है। बॉडी टेम्परेचर को सामान्य बनाए रखने के लिए शरीर को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, जिसके कारण हार्ट रेट बढ़ जाता है। अगर आपको बुखार हुआ है, तो हो सकता है कि आपको रेसिंग हार्ट (Racing Heart) जैसी समस्या का सामना करना पड़ जाए।
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नींद की कमी बढ़ा सकती है दिल की धड़कन
अगर आप पर्याप्त मात्रा में नींद लेते हैं, तो कई बीमारियां आपसे दूर रहती हैं। वहीं नींद की कमी के कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है, जो लोग पर्याप्त मात्रा में रोजाना नींद नहीं लेते हैं, उनकी हार्टबीट बढ़ जाती है। ऐसे व्यक्तियों को रेसिंग हार्ट की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही कॉन्सन्ट्रेट करने में प्रॉब्लम होना, सिर दर्द होना आदि समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।
रेसिंग हार्ट (Racing Heart) को कैसे किया जाता है डायग्नोज?
रेसिंग हार्ट को डायग्नोज करने के लिए डॉक्टर फिजिकल एग्जामिनेशन कर सकते हैं और साथ ही डॉक्टर आपसे उन लक्षणों के बारे में भी पूछेंगे, जो आपने कुछ ही दिनों में महसूस किए हैं। डॉक्टर कुछ टेस्ट जैसे की चेस्ट एक्स-रे, इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम, इकोकार्डियोग्राम, एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट, कोरोनरी एंजियोग्राफी (coronary angiography) आदि करा सकते हैं। ऐसा करने से रेसिंग हार्ट के सही कारणों के बारे में भी जानकारी मिल सकती है। डॉक्टर आपको उचित उपायों के बारे में भी जानकारी देंगे।
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लंबे समय तक नींद न आए तो हो जाएं सावधान
रेसिंग हार्ट के साथ जागना आम तौर पर गंभीर नहीं माना जाता है और ट्रीटमेंट की आवश्यकता नहीं होती है। यदि यह कभी-कभी होता है या केवल कुछ सेकंड तक रहता है, तो बिल्कुल भी परेशान न हो। लेकिन अगर आप को इस समस्या का सामना लंबे समय से करना पड़ रहा है और इस कारण से कई दिक्कतें भी हो रही हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर को बताना चाहिए। हार्ट संबंधी बीमारियों के बारे में जानकारी जांच के बाद ही मिलती है। आपको डॉक्टर से बिना देरी किए मिलना चाहिए और उन्हें अपनी समस्या के बारे में बताना चाहिए।
इस आर्टिकल में हमने आपको रेसिंग हार्ट (Racing Heart) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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