हायपरटेंशन को हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) भी कहा जाता है। जिसमें आर्टरीज में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। यह दबाव बढ़ने से आर्टरीज में ब्लड फ्लो को बनाए रखने के लिए हार्ट को सामान्य से अधिक काम करना पड़ता है। आमतौर पर 120/80 mmHg से ज्यादा ब्लडप्रेशर को हायपरटेंशन कहा जा सकता है। हायपरटेंशन के कारण कई जटिलताओं का जोखिम बढ़ सकता है जैसे हार्ट अटैक (Heart Attack), स्ट्रोक (Stroke) आदि। हाइपरटेंशन की स्थिति में ट्रीटमेंट के लिए कई दवाइयां प्रयोग में लाई जाती हैं। उन्हीं में से एक हैं हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers in Hypertension)। आइए जानें हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स के प्रयोग के बारे में विस्तार से। इसकी शुरुआत करते हैं अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स(Alpha-beta blockers) की जानकारी से।
अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers) क्या हैं?
अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers), बीटा ब्लॉकर्स की सबक्लास से संबंधित है, जिसका प्रयोग हायपरटेंशन के उपचार में किया जाता है। बीटा ब्लॉकर्स को बीटा-एड्रीनर्जिक ब्लॉकिंग एजेंट (Beta-Adrenergic Blocking Agents) के रूप में भी जाना जाता है। यह दवाइयां नोरएपिनेफ्रीन (Norepinephrine) और एपिनेफ्रीन (Epinephrine) को नर्वस पर बीटा रिसेप्टर्स से बाइंड होने से रोकती हैं। नोरएपिनेफ्रीन (Norepinephrine) और एपिनेफ्रीन (Epinephrine) दो ऐसे हॉर्मोन्स हैं, जो सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम (Sympathetic Nervous System) की रेगुलेशन में भूमिका निभाते हैं। अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers) ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करती हैं ताकि ब्लड अच्छी तरह से फ्लो कर सके। इससे हायपरटेंशन की समस्या से राहत मिलती है। इससे हार्ट की कई समस्याओं जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि का जोखिम भी कम हो सकता है। आइए जानते हैं कि हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers in Hypertension) के कुछ उदाहरणों और उनके साइड इफेक्ट्स के बारे में।
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हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स का सेवन और उनके साइड इफेक्ट्स (Benefits and side effects of Alpha-beta blockers in Hypertension)
हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स को प्रभावी माना जाता है, लेकिन इन्हें लेते हुए खास चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अगर आप इनके साथ किसी अन्य दवा का सेवन करते हैं तो इससे दूसरी दवा के प्रभाव पर असर हो सकता है। जानिए हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers in Hypertension) के बारे में विस्तार से:
एसेबुटोलोल (Acebutolol)
हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers in Hypertension) में सबसे पहली मेडिसिन है एसेबुटोलोल। एसेबुटोलोल का ब्रांड नेम सेक्टरल (Sectral) है। इस दवा के प्रयोग से हार्ट और सर्क्युलेशन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। एसेबुटोलोल का प्रयोग हायपरटेंशन (Hypertension) और हार्ट रिदम डिसऑर्डर्स (Heart Rhythm Disorders) के उपचार में भी किया जा सकता है, लेकिन गंभीर हार्ट समस्याओं जैसे गंभीर हार्ट फेलियर में इसे लेने की सलाह नहीं दी जाती है। अगर आपको एलर्जी है, आप कोई और मेडिसिन ले रहे हैं या किसी अन्य गंभीर समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको इस दवा को लेने से पहले अपने डॉक्टर को अवश्य बताना चाहिए।
यही नहीं, अगर आप गर्भवती (Pregnant) हैं या ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) करा रही हैं तो भी इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। क्योंकि, इसे लेने से आप कई साइड-इफेक्ट्स महसूस कर सकती हैं। इसके दुष्प्रभावों में सांस लेने में समस्या, हार्टबीट का धीमा होना, सिरदर्द, थकावट, सोने में समस्या आदि शामिल हैं।
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एटेनोलोल (Atenolol)
एटेनोलोल (Atenolol) का ब्रांड नेम है टेनोर्मिन (Tenormin)। इस दवा को लेने से हार्ट और ब्लड सर्क्युलेशन पर असर हो सकता है। इसका प्रयोग एंजाइना (Angina) और हायपरटेंशन के उपचार के लिए किया जाता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा कम हो सकता है। इन्हें लेते हुए खास चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है जैसे बिना डॉक्टर की सलाह के इन दवाइयों का सेवन करने से बचें। अगर आप इनका सेवन कर रहे हैं तो बिना डॉक्टर से पूछें, इन्हें लेना बंद भी न करें। क्योंकि, ऐसा करने से आपकी स्थिति बदतर हो सकती है।
अगर आपकी कोई सर्जरी होने वाली है तो सर्जन को पहले ही बता दें कि आप एटेनोलोल (Atenolol) ले रहे हैं। इस ड्रग को लेने के बाद आप कुछ दुष्प्रभावों का अनुभव भी कर सकते हैं जैसे असामान्य या धीमी हार्टबीट, सांस लेने में समस्या, थकावट या तनाव आदि। अगर आप इन साइड इफेक्ट्स का अनुभव करते हैं तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है।
बीटाक्सोलोल (Betaxolol)
हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers in Hypertension) में अगली दवा है बीटाक्सोलोल (Betaxolol) जिसका ब्रांड नेम करलोन (Kerlone) है। यह दवा भी आर्टरीज को रिलैक्स करने में मदद करती है जिससे ब्लड फ्लो सही से हो पाता है। इन दवाइयों को हार्ट की समस्याओं के लिए प्रभावी माना गया है जैसे हाय ब्लड प्रेशर। ब्लड प्रेशर के सही रहने से कई हार्ट कंडिशस से भी बचा जा सकता है। बीटाक्सोलोल (Betaxolol) को प्रेग्नेंसी में लेना गर्भ में शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है और भ्रूण के लिए हार्ट व लंग्स की समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इसलिए, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली माताओं को इन्हें लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इन ड्रग्स को लेने के कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे सिरदर्द, हार्टबीट का स्लो होना, कमजोरी या थकावट,सेक्स ड्राइव का कम होना, नपुंसकता आदि।
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बिसोप्रोलोल (Bisoprolol)
बिसोप्रोलोल का प्रयोग हार्ट पेन (Heart Pain) और हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) के ट्रीटमेंट के लिए किया जा सकता है। इसका ब्रांड नेम है जबेटा (Zebeta)। हार्ट और ब्लड सर्क्युलेशन को सही बनाए रखने में यह मेडिसिन बेहद लाभदायक मानी जाती है। इस दवा के बारे में इस बात का ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर की सलाह के न तो इसे लेना शुरू करें और न ही लेना बंद करें। अपनी मर्जी से इसे लेना शुरू या बंद करने से रोगी के हालत बदतर हो सकती है। अगर आपको कोई अन्य बीमारी है या आप गर्भवती हैं, तो इस बारे में भी डॉक्टर से बात कर लें।
गंभीर हार्ट फेलियर जैसी स्थिति में इस दवा को न लेने की सलाह दी जाती है। अगर आप अच्छा महसूस कर रहे हैं तो भी इस दवा को लेना जारी रखें। हाय ब्लड प्रेशर के अक्सर कोई लक्षण नहीं होते हैं। ऐसे में रोगी को यह दवा पूरी उम्र लेनी पड़ सकती है। कुछ लोग इस दवा से कई साइड इफेक्ट्स का अनुभव भी कर सकते हैं जैसे सिरदर्द, थकावट, जोड़ों में दर्द, सूजन, खांसी आदि। इन स्थितियों में भी तुरंत मेडिकल हेल्प लेना अनिवार्य है।
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कर्टेलोल (Carteolol)
हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers in Hypertension) कितने लाभदायक है, यह तो आप जान ही गए होंगे। उन्हीं मेडिसिन्स में एक है कर्टेलोल (Carteolol)। कर्टेलोल को इसके ब्रांड नेम कार्ट्रोल (Cartrol) से भी जाना जाता है। यह दवा भी हाय ब्लड प्रेशर यानी हायपरटेंशन को कम करने में लाभदायक है। ब्लड प्रेशर के सही रहने से हार्ट संबंधी कई समस्याओं से राहत मिल सकती है। इस ड्रग का सेवन तभी करें, अगर डॉक्टर से कहा हो। अगर आपको अस्थमा (Asthma), गंभीर क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease), गंभीर लिवर डिजीज (Severe Liver Disease) या गंभीर हार्ट प्रॉब्लम (Sever Heart Disease) है, तो इस दवा को लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लेनी जरूरी है।
इसके साथ ही यह भी जानें कि आपके लिए इसकी कितनी डोज सही रहेगी। कर्टेलोल की अधिक डोज से आपकी कंडिशन बदतर हो सकती है। बेहोशी, स्लो हार्टबीट, डिप्रेशन, सेक्स ड्राइव में कमी, नपुंसकता आदि इस दवा के साइड इफेक्ट्स हैं, जिनका अनुभव कुछ लोग कर सकते हैं।
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कार्वेडिलोल (Carvedilol)
हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers in Hypertension) में अगली मेडिसिन है कार्वेडिलॉल जिसके ब्रांड नेम कोरग (Coreg) और कोरग सीआर (Coreg CR) है। यह दवा एल्फा और बीटा ब्लॉकर्स के रूप में जानी जाने वाली दवाइयों की एक क्लास के अंतर्गत आती है। यह हायपरटेंशन के उपचार के साथ ही हार्ट फेलियर के ट्रीटमेंट में भी प्रयोग की जाती हैं। इस दवा का प्रयोग एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial Fibrillation) के उपचार के लिए भी किया जा सकता है, लेकिन इनका सेवन केवल तभी करें, अगर डॉक्टर ने सलाह दी हो। इसके साथ ही गर्भावस्था, स्तनपान, कोई गंभीर मेडिकल कंडिशन, एलर्जी आदि की स्थिति में इन्हें लेने से बचें।
कार्वेडिलॉल (Carvedilol) अन्य दवाइयों के साथ रियेक्ट कर सकती है। यानी, यह अन्य दवाइयों के प्रभाव को बदल सकती है। ऐसे में अगर आप किसी अन्य दवा को ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर को इस बारे में अवश्य बताएं। इस दवा के साइड इफेक्ट्स में छाती में दर्द, ड्राय आइज, वजन का बढ़ना, थकावट, छाती में दर्द, डायरिया आदि शामिल है।
यह आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है। हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स या किसी भी अन्य दवा का सेवन अपनी मर्जी से न करें। किसी भी मेडिसिन को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। अन्यथा यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। यही नहीं, हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers in Hypertension) को लेने के कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। जानिए, इन साइड इफेक्ट्स के बारे में विस्तार से।
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हाय ब्लड प्रेशर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नीचे दिय इस क्विज को खेलिए।
अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स के साइड इफेक्ट्स (Side effects of Alpha-beta blockers)
हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स को फायदेमंद माना जाता है, लेकिन डॉक्टर इन ड्रग्स की सलाह उन लोगों को नहीं देते हैं जिन्हें अस्थमा (Asthma), सांस लेने में समस्या (Difficulty in Breathing), लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure) आदि समस्याएं हो। इसके अलावा अन्य स्थितियों में भी इन्हें लेने से बचना चाहिए। अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स को लेने के बाद कुछ लोग इन साइड इफेक्ट्स का अनुभव कर सकते हैं:
- एनर्जी का कम होना (Low Energy)
- हाथों और पैरों का ठंडा होना (Have Cold hands and feet)
- चक्कर आना (Be dizzy)
- वजन का बढ़ना (Weight Gain)
- सोने में समस्या (Trouble sleeping)
- हाथों, पैरों और एड़ियों में सूजन (Swelling in Hands, feet, and ankles)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of breath)
- व्हीज़िंग (Wheezing)
- तनाव (Depression)
हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है कि हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers in Hypertension) का सेवन करने के बाद हर मरीज इन साइड इफेक्ट्स का अनुभव करें। कुछ लोगों को इन्हे लेने के बाद कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन, अगर आपको इनमें से कोई भी परेशानी होती है तो आप तुरंत मेडिकल हेल्प लें। क्योंकि, यह समस्याएं किन्हीं स्थितियों में गंभीर भी हो सकती हैं।
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यह तो थी हायपरटेंशन में अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स (Alpha-beta blockers in Hypertension) के बारे में पूरी जानकारी। लेकिन ध्यान रखें कि यह दवाइयां हायपरटेंशन के उपचार का केवल एक हिस्सा है। इन दवाइयों को लेने का साथ-साथ आपको अपनी डायट और अन्य चीजों का भी ध्यान रखना चाहिए। जैसे नियमित व्यायाम करना, तनाव से दूर रहना, पर्याप्त आराम करना और डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करना। इसके साथ ही नियमित चेकअप भी जरूरी है। एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने से आपको जल्दी रिकवर होने और अपने जीवन की गुणवत्ता को सुधारने में मदद मिलेगी।
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