विश्वभर में महामारी कोरोना वायरस की जो अवस्था है, ऐसे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है कि क्वॉरेंटाइन आने वाले दिनों में कब तक रह सकता है। सरकार की सहूलियत के हिसाब से लोग घरों में रह रहें हैं। वहीं, ऐसे भी लोगों की कमी नहीं है, जिन्हें घर में रहने के लिए सरकार को पुलिस और आर्मी की भी जरूरत पड़ रही है। लॉकडाउन में बोरियत सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि छोटे और बड़े बच्चों के लिए भी सिर दर्द बना हुआ है। लॉकडाउन में बोरियत से छोटे बच्चों सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कई पैरेंट्स का कहना है कि वो लॉकडाउन में बोरियत से बचने के लिए इंटरनेट और फोन पर तरह-तरह के ऑनलाइन गेम्स खेल लेते हैं। लेकिन, अपने छोटे बच्चों को फोन की लत नहीं लगा सकते हैं। ऐसे में उनकी समस्या है कि वो बच्चों को लॉकडाउन में बोरियत से कैसे बचाएं।
तो चलिए लॉकडाउन में बोरियत से छोटे बच्चों के बचाने के लिए दिमाग को शार्प करने वाले कुछ गेम्स से अपने छोटे बच्चों को रूबरू करवाते हैं। लॉकडाउन में बोरियत के दौरान इन ब्रेन स्टॉर्मिंग इनडोर गेम्स से बच्चों का दिमाग भी तेज होगा, वे कुछ नया भी सीखेंगे और मोबाइल फोन के आदी भी नहीं होंगे।
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लॉकडाउन में बोरियत दूर करने के लिए सिखाएं छोटे बच्चों को ब्रेन स्टॉर्मिंग इनडोर गेम्स
ब्रेन स्टॉर्मिंग इनडोर गेम्स से आपका बच्चा घर में ही खुछ मजेदार खेल खेल सकता है और खुद को लॉकडाउन में बोरियत की समस्या से भी बचा कर रख सकता है।
ब्रेन स्टॉर्मिंग इनडोर गेम्स क्या हैं?
ब्रेन स्टॉर्मिंग इनडोर गेम्स में कई तरह के गेम्स शामिल हैं। जैसे- किसी पहेली को सुलझाना, क्लू सॉल्व करना, क्रासवर्ड्स गेम्स खेलना, पज्जल सॉल्व करना, जनरल नॉलेज के सवाल के जवाब ढूंढना आदि।
ब्रेन स्टॉर्मिंग इनडोर गेम्स खेलने के क्या फायदे हैं?
ब्रेन स्टॉर्मिंग इनडोर गेम्स अगर कोई बचपन से ही खेले, तो ब्रेन बहुत शार्प बन सकता है। उनकी याददाश्त तेज होने के साथ ही वो क्रिएटिव और काफी शांत स्वाभाव के भी हो सकते हैं। ब्रेन स्टॉर्मिंग इनडोर गेम्स के अन्य फायदे भी हैं, जैसेः
- बच्चा किसी भी फैसले को लेने से पहले शांत मन से काफी सोच-विचार करने वाला बन सकता है
- हर परिस्थिति को समझकर ही भविष्य के बारे में फैसला ले सकता है
- हर चीज और घटना के बारे में खुद को हमेशा जागरूक रख सकता है
- लेटरल एंड क्रिटिकल थिंकिंग
- अपनी उम्र के अन्य बच्चों के मुकाबले क्रिएटिव होना
- एक साथ कई भाषाओं को जल्दी से सीखने की क्षमता रखना, आदि।
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लॉकडाउन में बोरियत दूर करने के लिए आपके बच्चे के लिए बेस्ट ब्रेन स्टॉर्मिंग इनडोर गेम्स
1. पहेलियां सुलझाना
अगर आपके बच्चे की उम्र दो साल से आठ साल के बीच है, तो पहेलिंया सुलझाना उसके लिए काफी मजेदार हो सकता है। लॉकडाउन में बोरियत दूर करने के लिए आप अपने बच्चे के साथ पहेलियों के खेल में पूरे परिवार को भी शामिल कर सकते हैं। पहेलियों में आप बच्चे से परिवार के ही किसी सदस्य की आदत, पसंद या किसी अजीब हरकत से उसकी पहचान करने के लिए कह सकते हैं।
पहेलियां खेलने के फायदे
पहेलियां सुलझाते समय बच्चे को पहेली के हर एक शब्द और हर एक हरकत को बहुत अच्छे से सुनना और समझना होता है। इसके बाद वो इसे सुलझाने के लिए अपने आस-पास की चीजों पर गौर करेगा साथ ही, अपने दिमाग पर जोर लगाकर उस पहेली से जुड़ी हर बात या घटना को याद करने की कोशिश करेगा। ऐसा करने से बच्चे के ब्रेन पर जोर पड़ता है। इससे ब्रेन की नसों में खून का संचार भी तेज होता है, तो मेमोरी को तेज करने में मददगार साबित हो सकत है।
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2. सुडोकू
सुडोकू, एक ऐसा खेल जिसे खेलने के लिए जल्दी बड़े लोग भी तैयार नहीं होते हैं। इसमें नौ डिब्बे होते हैं। और हर डिब्बों में नौ-नौ ब्लॉक होता है। सभी डिब्बों में 1 से लेकर 9 तक की गिनती लिखनी होती है। कुछ-कुछ ब्लॉक में पहले से ही गिनती लिखी गई होती है। जिसमें खाली जगहों की गिनती भरती होती है। इसके साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि सभी सुडोकू के बॉक्स में राइट से लेफ्ट भी 1 से लेकर 9 तक की गिनती लिखनी होती है। जिनमें से एक भी गिनती किसी दूसरे बॉक्स से दोहराई नहीं जानी चाहिए। यानि आपको हर तरफ 1 से 9 तक की गिनती ही लिखनी होती है, जिसमें ऊपर से नीचे और दाएं से बाएं, सभी कॉलम और बॉक्स शामिल हैं। साथ ही, एक भी गिनती एक भी कॉलम या बॉक्स में दोहराई भी नहीं जानी चाहिए। सुडोकू खेलने में आपके बच्चे को कई घंटों से लेकर कई दिनों और कई हफ्तों का भी समय लग सकता है। जिसे खेलने में आप भी अपने दिमाग इस्तेमाल कर सकते हैं।
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सुडोकू खेलने के फायदे
लॉकडाउन में बोरियत दूर करने के लिए छोटे बच्चों से लेकर किसी भी उम्र के बच्चे यह खेल खेल सकते हैं। सुडोकू में हर बॉक्स और कॉलम में गिनती बहुत ही ध्यान से लिखनी होती है। सुडोकू के गेम में कोई भी तुक्के या स्मार्टनेस से काम नहीं कर सकता है। सुडोकू जैसे ब्रेन स्टॉर्मिंग इनडोर गेम्स खेलने से आपका बच्चा लॉकडाउन में बोरियत से बचा तो रहेगा ही साथ ही, इसे खेलने से किसी भी काम को करने में उसके मन लगाने की क्षमता भी बढ़ेगी। साथ ही, इस खेल की विशेषता भी है कि इसे खेलने से आपका बच्चा अपनी उम्र के दूसरों बच्चों के मुकाबले हमेशा तीन से चार कदम आगे रह सकता है। साथ ही, सुडोकू के जरिए उसे यह सीख भी मिल सकती है कि किसी भी काम को करने के लिए शॉर्टकट का सहारा लेना हर बार फायदेमंद नहीं होता है।
3. वर्ड हंट
वर्ड हंट गेम में चित्रों के साथ फ्लैशकार्ड को शामिल किया जाता है। उस तस्वीर में क्या है इसके बारे में तस्वीर के नीचे आधे-अधूरे शब्दों में लिखा हो सकता है। या सही चीजों को उनके सही नाम से मिलाने के लिए दिया गया हो सकता है। उदाहरण के लिए, फ्लैशकार्ड में मछली की तस्वीर हो सकती है। जहां पर बच्चे को मछली की तस्वीर के साथ-साथ कई अन्य जानवरों के तस्वीर और नाम दिए गए हो सकते हैं। जिनमें से आपके बच्चे को मछली चित्र देखकर मछली का नाम पहचाना हो सकता है। ये कई तरह से खेले जा सकते हैं।
वर्ड हंट के फायदे
अगर आपका बच्चा पांच साल तक की उम्र का है, तो लॉकडाउन में बोरियत दूर करने के लिए उसके लिए यह सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। इस गेम से न सिर्फ आपका बच्चा लॉकडाउन में बोरियत से बचा रहेगा बल्कि नई चीजों को सीखने में उसे काफी मदद मिलेगी।
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इनके अलावा भी आप अपने बच्चे को लॉकडाउन में बोरियत दूर करने के लिए कई ब्रेन स्टॉर्मिंग इनडोर खेल खेलने के लिए दे सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
- चेस (शतरंज)
- नेस्टिंग और स्टैकिंग खिलौने (इनमें नबंर्स, शब्दों, और अच्छरों को क्रमों में लगाना शामिल हो सकता है।)
- ब्लॉक्स को जोड़ना (इनमें किसी चित्र के टुकड़ों को उसके सही स्थान पर जोड़ना शामिल होता है।)
- वन वर्ड स्टोरी गेम्स (इनमें बच्चों को
- चीजों को ढूंढना
इसके अलावा आप अपने बच्चे को एक टॉस्क भी दे सकते हैं कि, वो एक ही शब्द को कितनी अलग-अलग भाषाओं में बोल सकता है।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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