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स्वाइन फ्लू से कैसे बचाएं बच्चों को?

स्वाइन फ्लू से कैसे बचाएं बच्चों को?

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार साल 2012 से 2019 के शुरुआती महीने तक भारत में इन्फ्लूएंजा के मामले 5 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। इन्फ्लूएंजा के कारण होने वाली मौतों की संख्या 2012 में 405 से दोगुनी से ज्यादा हो गई है। वहीं इस साल 2019 में यह आंकड़ा अबतक 1,072 हो चूका है। बड़ों के साथ-साथ बच्चों में इसका खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में स्वाइन फ्लू से बच्चों को कैसे दूर रखा जाए, यह माता-पिता के लिए चिंता का विषय है। आज जानेंगे और समझेंगे की बच्चों में स्वाइन फ्लू न हो, उसके लिए किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, सबसे पहले जानते हैं स्वाइन फ्लू क्या है?

बच्चों में स्वाइन फ्लू: क्या है स्वाइन फ्लू?

स्वाइन फ्लू या H1N1 वायरस (swine flu) एक भयंकर संक्रामक रोग है। व्यक्ति की श्वास प्रणाली पर हमला करने वाला रोग प्रमुख रूप से शूकर (सुअर) में पाया जाता है। पहले ये बीमारी सिर्फ सुअरों को होती थी, लेकिन फिर ये इंसानों भी फैलने लगी। पहले ये बीमारी सुअरों के साथ सीधे संपर्क में रहने वाले लोगों को फैली इसके बाद ये इंसानों से इंसानों में फैलने लगी।

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बच्चों में स्वाइन फ्लू :  माता-पिता किन-किन बातों का रखें ख्याल?

  • बच्चों को रोज नहाएं या नहाने की आदत डालें। नहाने के पानी में एंटीसेप्टिक लिक्विड या पानी में नीम के पत्ते भी डाल कर नहा सकते हैं।
  • नाश्ता (ब्रेकफास्ट) में बच्चे को पौष्टिक आहार दें जैसे उबले हुए अंडे, दूध, ओट्स या ब्राउन ब्रेड आदि।
  • दोपहर के खाने (लंच) में बच्चों को जंक फूड या नूडल्स देने के बजाए रोटी (पराठा/पूरी), हरी सब्जी दें। आप चाहें तो बच्चों को हरी सब्जियों से बना स्टफ पराठा भी दे सकते हैं। बच्चे बड़े ही स्वाद से खा सकते हैं। ठीक इसी तरह रात के खाने का भी ध्यान रखें और खाने के बाद और सोने से पहले गर्म दूध जरूर पीने की आदत डालें।
  • बच्चों को विटामिन-सी युक्त फल खिलाएं। इन फलों में शामिल है कीवी, लीची, अमरुद, चेरी, ब्लैक्बेरी, पपीता या पपाया, संतरा और स्ट्रॉबेरी। फलों के नियमित सेवन करने से फायदा मिल सकता है।
  • छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखें जैसे बच्चे का स्कूल या डे केयर सेंटर बंद हो जाता है तो आप क्या करेंगे? ऐसी स्थिति में बच्चे के साथ कौन रहेगा, उसके पौष्टिक खाने-पीने की व्यवस्था रखें।
  • बच्चे के खिलौने भी साफ रखें। क्योंकि इससे भी इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।
  • बच्चे को अगर सर्दी-जुकाम है तो बच्चे की नाक की सफाई करें। सर्दी-जुकाम की समस्या  अगर ज्यादा दिनों तक रहती है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • बच्चे को हाथ धोकर खाना खाने की आदत लगाएं।
  • खेलने के बाद बच्चों का हाथ पैर धोएं।
  • गंदगी वाले स्थान पर बच्चों को जाने से रोकें।

इन सभी बातों का ध्यान रखें और साथ ही बच्चों के लक्षणों को भी समझें। लक्षण दिखने पर लापरवाही बिल्कुल भी न करें।

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और पढ़ें : स्वाइन फ्लू होने से बचाव के लिए कैसी हो डायट?

बच्चों में स्वाइन फ्लू के लक्षण: जानिए संक्रामक बीमारी के लक्षण

लक्षणों को ध्यान रखकर बच्चों की देख-रेख आसानी से की जा सकती है। लेकिन, अगर किसी कारण बच्चे की सेहत बिगड़ती है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर को संपर्क करें।

और पढ़ें :डेंगू और स्वाइन फ्लू के लक्षणों को ऐसे समझें

बच्चों में स्वाइन फ्लू की जांच

अगर आपको बच्चे में स्वाइन फ्लू के लक्षण नजर आते हैं तो आप बच्चे को तुरंत अस्पताल लें जाएं। डॉक्टर आपके बच्चे की जांच करेगा। अगर बच्चे को पहले से अस्थमा हो या फिर बच्चे ने हाल ही में कहीं ट्रैवल किया है जहां संक्रमण को खतरा अधिक हो, तो आप इस बारे में डॉक्टर को जानकारी जरूर दें। डॉक्टर बच्चे की नाक से या गले से कुछ फ्लूड सैंपल के रूप में लेगा स्वाइन फ्लू के लिए जांच करेगा। अगर बच्चे में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर कुछ मेडिकेशन की सलाह देगा। साथ ही कुछ सावधानी रखने की सलाह भी दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से परामर्श करें।

बच्चों में स्वाइन फ्लू का ट्रीटमेंट

डॉक्टर बच्चों में स्वाइन फ्लू के ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर एसिटामिनोफेन दे सकते हैं। एसिटामिनोफेन दर्द और बुखार को कम करती है। आप डॉक्टर से इस बारे में जानकारी लें कि बच्चे को कितनी मात्रा में देना है और कितनी बार देना है। बताए गए निर्देशों का पालन करें। अगर सही तरीके से एसिटामिनोफेन न लिया जाए तो ये लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही डॉक्टर इबुप्रोफेन लेने की सलाह भी दे सकता है। ये सूजन, दर्द और बुखार को कम करने में मदद करते हैं। छह साल से कम उम्र के बच्चों को ये दवा नहीं दी जाती है। वहीं 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को एस्पिरिन न देने की सलाह दी जाती है। बच्चे में स्वाइन फ्लू के लक्षण एक हफ्ते बाद तक ठीक हो जाते हैं। आप डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर लें और साथ ही बिना डॉक्टर से पूछे बच्चे को दवा न दें।

और पढ़ें : सबका ध्यान कोरोना पर ऐसे में कोहराम न मचा दें बरसात में होने वाली बीमारियां

उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको बच्चे में संक्रामक बीमारी के लक्षण दिख रहे हो तो आप उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। कोरोना महामारी में आपको अधिक ख्याल रखने की आवश्यकता है। इस आर्टिकल में स्वाइन फ्लू से संबंधित जानकारी दी गई है। भले ही लोग कोरोना महामारी के कारण अन्य बीमारियों के बारे में न सोच पा रहे हो, लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि मौसम बदलने के साथ ही अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। अगर आप लापरवाही बरतेंगे तो संक्रामक बीमारी आसानी से आपको अपनी चपेट में ले सकती है।

हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बच्चों में स्वाइन फ्लू संबंधी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

H1N1 Influenza in Children  https://www.drugs.com/cg/h1n1-influenza-in-children.html   Accessed on 3/10/2019

H1N1 Influenza in Children https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/swine-flu/symptoms-causes/syc-20378103   Accessed on 3/10/2019

Influenza   https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3032190/Accessed on 3/10/2019

Influenza, The flu season cdc.gov/flu/about/season/flu-season.htm   Accessed on 3/10/2019

World Health Organization. (2010). H1N1 in post-pandemic period who.int/mediacentre/news/statements/2010/h1n1_vpc_20100810/en Accessed on 3/10/2019

Current Version

05/05/2021

Hello Swasthya Medical Panel द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Nikhil deore


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


Hello Swasthya Medical Panel द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/05/2021

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