के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
ये मनुष्यों और जानवरो में विभिन्न मेटाबोलिक प्रक्रिया में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, साथ ही क्रेब्स साइकिल (Krebs cycle) में भी इसका योगदान रहता है। ये एक जैविक कंपाउंड है, जो प्राकृतिक रूप से मानव शरीर में पाया जाता है। इसके अलावा मेटाबोलिज्म बढ़ाने के लिए डाइट्री सप्लीमेंन्ट(Dietary Supplement) में भी इस्तेमाल किया जाता है।
इसमें पोषक तत्वों जैसे की एमिनो एसिड्स(amino acids),ग्लूकोज (glucose), फैटी एसिड्स (fatty acids), को ऑक्सीडेशन (oxidation) और शरीर को ऊर्जा और सेल के विकास में मदद करता है।
AKG एंटीऑक्सीडेंट एजेंट की तरह काम करता है, जो सीधे हाइड्रोजन पेरोक्साइड(hydrogen peroxide) के साथ प्रतिक्रिया करता है। इस क्रिया में सक्सिनेट, पानी और कार्बन डाइऑक्साइड के साथ मिल कर प्रतिक्रिया करता है और भरपूर मात्रा में ATP का निकासी करता है, जो मेटाबोलिज्म(पाचन क्रिया) में सहायक है।
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AKG कई बार इंट्रोवेनियसली यानि नसों में दिया जाता है ताकि ह्रदय को होने वाली क्षति को काम किया जा सके। इसके मुख्य उपयोग इस प्रकार से हैं।
कैल्शियम अल्फा कीटोग्लूटरेट का डोज़ किडनी प्रॉब्लम में लेना, मरीज़ की स्थिति में सुधार कर सकता है। ऐसा लैब टेस्ट में सिद्ध हुआ है कि कैल्शियम अल्फा-कीटोग्लूटरेट हेमोडायलिसिस (hemodialysis) को असरकारक बना देता है।
इस्केमिआ-रेपरफूज़न इंजरी तब होती है जब अनियमित और सीमित खून के बहाव कि वजह से टिश्यू को किसी प्रकार का नुकसान होता है। ह्रदय कि सर्जरी के समय खून की बहाव में समस्या को रोकने के लिए अल्फा कीटोग्लूटरेट को नसों में दिया जाता है।
अल्फा कीटोग्लूटरेट को नियमित रूप से 5 हफ्तों या उससे ज्यादा समय तक लेने पर खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर होता है। काफी सारे हेल्थ सप्लीमेंट इसे इस्तेमाल करते हैं, क्योकि ये मासपेशियों को सुदृढ़ करने और शारीरिक संरचना के निर्माण में सहायक है। कुछ रीसर्च के हिसाब से ये शरीर में मौजूद अमोनिया को काम कर के मांसपेशियों को सजग करता है। हेमोडायलिसिस (hemodialysis) के मरीज़ो में ये प्रत्यक्ष रूप से अमोनिया काम करने में सहायक है, जिसके आधार पर ये माना जाता है।
टेंडन के अत्यधिक उपयोग की वजह से कई बार दर्द की शिकायत हो सकती है। ऐसी स्थिति में शॉक वेव थेरेपी के साथ अल्फा-कीटोग्लूटरेट सम्बंधित प्रोडक्ट का इस्तेमाल आराम पहुंचा सकता है। इस बारे में कोई वैज्ञानिक तथ्य उपलब्ध नहीं है की अल्फा-कीटोग्लूटरेट टेंडन पर किस प्रकार से काम करता है, पर काफी लाभकारी माना गया है।
चूहों पर की गयी शोध में ये पाया गया कि सोडियम सेलेनाईट (sodium selenite) द्वारा विकसित होने वाले कैटरैट्स को इसकी मदद से कम किया जा सकता है।
रिसर्च में ये मालूम पड़ा है कि इसमें नाइट्रोजन मेटाबोलिज्म(nitrogen metabolism) पर असर करता है। साथ ही इसमें रक्षा करने वाले एजेंट्स होते हैं जो कि अमोनिया के निहित toxicity (ज़हर) को कम कर के किडनी को सुरक्षा देते हैं।
लैब में चूहों पर कि गयी शोध में ये पता चला कि ये एक नेचुरल एंटीडोट है जो कि अमोनिया से सुरक्षा प्रदान करता है। साथ ही ये अमोनिया से होने वाले फेफड़ों के नुकसान से बचता है।
कुछ और रीसर्च में ये पता चला है कि अल्फा-कीटोग्लूटरेट में यीस्ट द्वारा निर्मित कार्बोहायड्रेट स्ट्रेस (carbohydrate stress) को कम कर के यीस्ट के इन्फेक्शन से बचाव करता है। ये यीस्ट, डीप फ्रीज किये गए खाने के सामान को पिघलाने के समय पर आ सकते हैं।
ये मालोनडीएलडीहाईड (malondialdehyde -MDA) को कम करता है और आंतो कि एन्टिओक्सीडेटिव(antioxidative) कि क्षमता को बढ़ता है। जिससे पेट कि तकलीफो में आराम मिलता है।
कई बार हड्डियां खाने में मौजूद कैल्शियम को सोख नहीं पाती हैं। अल्फा-कीटोग्लूटरेट, हड्डियों को कैल्शियम को सोखने में मदद करता हैं, जिससे हड्डियों के टिश्यू ठीक से निर्मित होते हैं।
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अल्फा-कीटोग्लूटरेट को दो विधियों से दिया जाता हैं।
1 सीधे मुँह से
2 इंटरवेयस इंजेक्शन के द्वारा
दोनों ही तरीके वयस्कों के लिए सुरक्षित हैं अगर इसे डॉक्टर के सलाह के मुताबिक लिया जाये।
इस बारे में किसी प्रकार कि जानकारी उपलब्ध नहीं हैं कि ये गर्भावस्था और स्तनपान के लिए सुरक्षित हैं या नहीं, ऐसी स्थिति में इसका सेवन न करने कि सलाह दी जाती हैं।
इस बारे में किसी प्रकार कि कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हैं।
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क्रोनिक किडनी डिजीज(chronic kidney disease) के लिए 1.187 ग्राम अल्फा-कीटोग्लूटरेट को 0.813 ग्राम कैल्शियम कार्बोनेट के साथ हफ्ते में ३ बार इस्तेमाल किया जा सकता हैं। इसके अलावा 4.5 ग्राम कैल्शियम अल्फा-कीटोग्लूटरेट को नियमित रूप से रोज़ाना इस्तेमाल किया जा सकता हैं।
इस्केमिआ-रेपरफूज़न इंजरी (ischemia-reperfusion injury) ऐसी स्थिति में डॉक्टर IV यानि intravenously(नसों में) दिया जाता हैं।
अल्फा-कीटोग्लूटरेट को खरीदते समय इस बात को भी ध्यान में रखे कि प्रोडक्ट के ऊपर “ह्य्पोएलर्जेनिक (hypoallergenic)’ लिखा हो अगर आपको किसी भी प्रकार कि एलर्जी हो।
अल्फा-कीटोग्लूटरेट यु तो हर प्रकार से सुरक्षित हैं, पर किसी भी प्रकार का डोज़ लेने से पहले ये जरुरी हैं की आप डॉक्टर की सलाह जरूर ले.
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