backup og meta

Alopecia Areata: अलोपेसिया अरीटा क्या है?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Mishita sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/06/2020

Alopecia Areata: अलोपेसिया अरीटा क्या है?

परिचय

अलोपेसिया अरीटा क्या है?

एक सामान्य मनुष्य के 100 बाल एक दिन में गिरना आम बात हैं, परन्तु अलोपेसिया अरीटा (alopecia areata) एक ऐसी स्थिति है जिसमें बाल बहुत ज्यादा मात्रा में अलग अलग जगहों से झड़ने लगते हैं। सामान्यतः ये तब तक नज़र में नहीं आता जब तक हल्का गंजापन न दिखाई देने लगे। अतः शुरुआती दिनों में लोग इस पर ध्यान नहीं देते।

अलोपेसिया अरीटा एक ऑटोइम्यून रोग है जो की इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी की वजह से होती है। इस स्थिति में शरीर का इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी शरीर पर ही हमला करती है, और बालो के फॉलिकल्स (follicles) को नुक्सान पहुँचती है। जिसकी वजह से फॉलिकल्स कमजोर होते हैं और बाल झड़ने लगते हैं।

ये समस्या किसी भी स्त्री पुरुष को हो सकती हैं, चाहे वो किसी भी उम्र का हो लेकिन फिर भी ज्यादातर मामले 30 की उम्र से पहले के देखे गए हैं।

अलोपेसिया अरीटा की स्थिति में कुछ लोगो को स्पॉट बाल्डनेस यानि अलग अलग जगह से बाल झड़ते हैं तो कुछ लोगो में ये काफी अधिक होता हैं। सर के सारे बालो के झाड़ जाने को अलोपेसिया अरीटा टोटलिस (alopecia areata totalis) के नाम से जाना जाता हैं, वही पुरे शरीर के बाल के झाड़ जाने को अलोपेसिया अरीटा यूनिवर्सलिस (alopecia areata universalis) के नाम से जाना जाता हैं। अलोपेसिया अरीटा की ये दोनों ही स्थिति बहुत दुर्लभ हैं।

यह भी पढ़ेंः प्रेग्नेंसी में रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से कैसे बचाव करें?

कारण

अलोपेसिया अरीटा होने के क्या कारण है?

अलोपेसिया अरीटा होने का मुख्य कारण है इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी। ये स्थिति तब उत्पन्न होती है जब सफ़ेद रक्त कणिकाएं (white blood cell) जो शरीर में रोग प्रतिकारक शक्ति को बनाये रखती है। वो गड़बड़ी के कारण बालो के फॉलिकल्स(follicles) के सेल को क्षति पहुंचने लगती  है। जिसकी वजह से वो सेल सिकुड़ने लगती है, और नए बालो को उगाने में असमर्थ हो जाती है।

डॉक्टर ये पता नहीं लगा पाए हैं की इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी के क्या कारण हो सकते हैं।

कुछ रिसर्च के मुताबिक अलोपेसिया अरीटा वंशानुगत भी है। जिन लोगो के परिवार में पहले से अलोपेसिया अरीटा का कोई मरीज रहा हो उन्हें इसकी शिकायत होने की सम्भावना रहती है। इसके अलावा अगर परिवार में किसी सदस्य को किसी अन्य प्रकार का ऑटोइम्यून रोग जैसे की  थायरॉइडिटिस, या विटिलिगो का इतिहास रहा हो उन्हें भी अलोपेसिया अरीटा होने की सम्भावना रहती है।

बहुमत लोगो का ये मानना है कि अलोपेसिया अरीटा का कारण स्ट्रेस या तनाव भी होता है, परन्तु वैज्ञानिक तथ्यों में इस बात कि पुष्टि नहीं होती है।

यह भी पढ़ेंः प्रेग्नेंसी में दाद की समस्या के कारण और बचाव के तरीके

प्रकार

अलोपेसिया अरीटा कितना सामान्य हैं?

अलोपेसिया अरीटा सामान्य रूप से पुरुषो में देखा जाता है। पर महिलाये और बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं।

अलोपेसिया अरीटा पुरुषो में

पुरुषो में बालो का झड़ना सर के बालो तक ही सीमित नहीं। चेहरे यानि दाढ़ी मुछ के बाल, छाती के बाल, और शरीर के बाकि हिस्सों में भी बालो के झड़ने की शिकायत हो सकती है। शुरुआती दौर में बाल पतले होते जाते है, जो समय के साथ पैचेज और फिर गंजेपन में तब्दील हो जाते हैं।

अलोपेसिया अरीटा महिलाओ में

रिसर्च के हिसाब से, महिलाओ में अलोपेसिया अरीटा होने की सम्भावना पुरुषो से ज्यादा होता है लेकिन इसके कारण के विषय में ज्यादा पुख्ता कारण नहीं है। महिलाओ में सर के साथ भवें और पलकों के बाल भी झड़ते हैं।

अलोपेसिया अरीटा बच्चो में

30 साल की उम्र से कम के किसी भी इंसान में ये समस्या हो सकती है, इसलिए बच्चो को भी ये समस्या का सामना करना पद सकता है।

जिन बच्चो के माता -पिता इस समस्या से जूझ रहे हो, उनके बच्चो में अलोपेसिया अरीटा होने की सम्भावना ज्यादा होती है, उनके मुक़ाबले जिनके माता-पिता को ये समस्या नहीं होती।

बच्चे जिन में अलोपेसिया अरीटा की समस्या होती है, उनमे अस्वस्थ्य नाख़ून की समस्या भी देखि गयी है जैसे की नाखुनो में घाव होने (lesions)या सीढ़ी लकीरे(pitting) दिखाई देना। व्यस्को में भी ये लक्षण हो सकते हैं, पर मुख्य रूप से ये लक्षण बच्चो में ही देखे जाते हैं।

अलोपेसिया अरीटा के प्रकार

अलोपेसिया अरीटा, बाल झड़ने के अनुसार अलग अलग प्रकार में बांटा गया है।

अलोपेसिया अरीटा (patchy)

इस स्थिति में व्यक्ति के सर और शरीर पर छोटे छोटे सिक्को के आकार में बाल झड़ते हैं, जो पैचेज यानी चकतों के जैसे लगते हैं। जब अलोपेसिया अरीटा बढ़ता है तो उसे अलोपेसिया टोटलिस या अलोपेसिया यूनिवर्सलिस के नाम से जाना जाता है

अलोपेसिया टोटलिस (Alopecia totalis)

जब सर के सारे बाल झाड़ जाते हैं उस स्थिति को अलोपेसिया टोटलिस के रूप में जाना जाता है।

अलोपेसिया यूनिवर्सलिस (Alopecia universalis)

अगर कोई व्यक्ति सर के बालो के साथ, बाकि शरीर के बाल भी खो देता है तो उसे अलोपेसिया यूनिवर्सलिस कहते हैं । इसमें चेहरे के बाल, भौवें, पलके, छाती के बाल तथा प्यूबिक हेयर(pubic hair) शामिल हैं।

डिफ्यूज अलोपेसिया यूनिवर्सलिस (Diffuse alopecia areata)

डिफ्यूज अलोपेसिया यूनिवर्सलिस में एक ही जगह बालो की क्षति होने की जगह, पुरे सर के बालो का पतला और कमज़ोर बनता है।

ओफिएसिस अलोपेसिया(Ophiasis alopecia)

इस स्थिति में सर के बगल और पीछे की तरफ से बाल झड़ते हैं।

यह भी पढ़ें: जानें ऑटोइम्यून बीमारी क्या है और इससे होने वाली 7 खतरनाक लाइलाज बीमारियां

उपचार

अलोपेसिया अरीटा का इलाज क्या है?

अलोपेसिया अरीटा का कोई स्थायी इलाज नहीं है। कई लोगो में बाल झड़ना खुदबखुद रुक जाता है, और कुछ समय बाद वापस आ जाता है।   कुछ नियमित इलाज से बालो का गिरना कम जरूर हो जाता है, पर ये जान पाना बहुत मुश्किल है की कौन सा तरीकाअसरदार होगा जब तक कोई परिणाम न दिखाई दे।

इलाज

टोपिकल एजेंट्स

ये वो दवाइयां होती है जो की सीधे सर पर लगायी जा सकती है। ये दवाइया बालो के जड़ो पर असर करती हैं और बाल वृद्धि में सहायक होती हैं।

Minoxidil (Rogaine) एक OTC है जो की सर, भौहों और दाढ़ी पर लगाया जा सकता है। ये इस्तेमाल के लिए पूरी तरह सुरक्षित है, परन्तु इसका असर लम्बे समय के बाद दिखाई देता है।

Anthralin (Dritho-Scalp) भी एक अन्य दवा है जो की बाल की वृद्धि में सहायक है, अलबत्ता इसका इस्तेमाल जलन या उत्तेजना दे सकता है।

टोपिकल इम्मुनोथेरपी (Topical immunotherapy) भी एक तकनीक है जो त्वचा में एलर्जी को कम कर बालो की वृद्धि में सहायता करती है।

इंजेक्शन (injection)

स्टेरॉयड के इंजेक्शन छोटे चकतों के लिए उपयोग किया जाता है। ये इंजेक्शन संक्रमित जगह पर एक छोटी सुई की मदद से दिया जाता है, जो बाल को बढ़ने में सहायक होते हैं।

ये विधि 1 या 2 महीने में एक बार दोहराई जाती है जिससे नए बाल आये, पर ये बालो को   गिरने से नहीं रोक सकती।

यह भी पढ़ेंः Bacterial pneumonia: बैक्टीरियल निमोनिया क्या है?

ओरल ट्रीटमेंट

मुँह से दी जाने वाली टेबलेट्स जैसे की मिथोट्रेक्सेट और सीक्लोस्पोरिन immunosuppressants यानि इम्युनिटी को कम करने वाली दवाइयां हैं, जो की अलोपेसिया अरीटा के इलाज में उपयोग में लायी जाती हैं।

लाइट थेरेपी

फोटोकेमोथेरपी(photochemotherapy) या फोटोथेरपी (phototherapy) एक प्रकार का रेडिएशन थेरेपी है, जिसमे दवाइयों के साथ UV किरणों से इलाज किया जाता है।

प्राकृतिक इलाज

कुछ लोग प्राकृतिक उपाय भी करते हैं जैसे कि

  • अरोमाथेरपी
  • एक्यूपंक्चर 
  • मिक्रोनीडलिंग
  • प्रोबिओटिक्स
  • एलोवेरा शरबत और टोपिकल जेल्स
  • प्याज का रस बाल के जड़ो पर लगाना
  • एसेंशियल ऑयल्स जैसे रोजमेरी, लैवेंडर, और पेपरमिंट का इस्तेमाल
  • विभिन्न प्रकार के तेल जैसे नारियल का तेल, अरंडी का तेल, जैतून का तेल, जोजोबा आयल
  • विशेष प्रकार कि डाइट जो ऑटोइम्यून रोगो को काबू करने के लिए ली जाती हो।
  • सर कि मालिश

इस तरह कि सारी प्राकृतिक नुस्खे इस्तेमाल में सुरक्षित हैं, पर ये वैज्ञानिक रूप से सिद्ध किये हुए नहीं हैं।

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।और पढ़ें:-शॉग्रेंस सिंड्रोम क्या है और इससे कैसे बच सकते हैं?क्या कंधे में रहती है जकड़न? कहीं आप पॉलिमायाल्जिया रूमैटिका के शिकार तो नहीं

ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट क्या है?

एंटी-इंफ्लमेट्री डायट से ठीक हो सकती है ऑटोइम्यून डिजीज

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड

डॉ. पूजा दाफळ

· Hello Swasthya


Mishita sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/06/2020

advertisement iconadvertisement

Was this article helpful?

advertisement iconadvertisement
advertisement iconadvertisement