के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
एश को हिंदी में राख या भभूत कहते हैं। राख का इस्तेमाल दवाओं में किया जाता है। राख को पेड़ों की छाल, लकड़ियों और पत्तियों को जला कर बनाया जाता है। सामान्य भाषा में ये कहा जा सकता है कि पेड़ के हिस्सों को जलाने के बाद जो मुलायम ठोस बचता है उसे राख या एश कह सकते हैं। राख का इस्तेमाल दवाओं में होता है इसलिए हमें कभी भी इसमें भ्रमित नहीं होना चाहिए। इसका इस्तेमाल बुखार, गठिया, वात रोग, कब्ज, फ्ल्यूड रिटेंशन आदि में किया जाता है। इसका उपयोग टॉनिक्स में भी किया जाता है।
राख मानव शरीर में काम कैसे करता है, इसका अभी तक कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है। जोड़ों के दर्द में कभी-कभी गर्म राख को दर्द वाली जगह पर लगाने से राहत मिलती है।
राख का उपयोग कई तरह की बीमारियों में इलाज के लिए किया जाता है :
यह भी पढ़ें : Hawthorn: हॉथॉन क्या है?
अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं तो एश का इस्तेमाल करना आपके लिए सही नहीं हो सकता है। इसके अलावा अगर आप किसी भी तरह के दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो भी इसका सेवन करने से बचे। इसके लिए आप जब भी एश का सेवन करें तो अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से परामर्श जरूर ले लें।
एश के उपयोग से अभी तक किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है। इसलिए आपके लिए सुरक्षित कहा जा सकता है। लेकिन, जब भी इसका सेवन करें तो अपने डॉक्टर की राय ले लें।
अभी तक एश से किसी भी तरह के साइड इफेक्ट की पुष्टि नहीं हुई है। ये पूरी तरह से प्राकृतिक है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि ज्यादा से ज्यादा इसका सेवन किया जाए। किसी भी चीज का ज्यादा सेवन करने से नुकसान होना लाजमी हैं।
यह भी पढ़ें : Guava: अमरूद क्या है?
अभी तक किसी भी दवा के इसका विपरीत प्रभाव नहीं देखा गया है। इसलिए डॉक्टर के निर्देशन में आप इसका सेवन कर सकते हैं।
राख की कितनी खुराक लेनी चाहिए, इसकी पुष्टि हैलो स्वास्थ्य नहीं करता है। लेकिन, आप इसे उम्र, स्वास्थ्य और अन्य जरूरी स्थितिओं के आधार पर ले सकते हैं। अभी तक इसकी खुराक पर किसी भी तरह की वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए अपने फार्मासिस्ट से एक बार जरूर पूछ लें।
ये किन रूपों में उपलब्ध है?
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr Sharayu Maknikar