प्रेग्नेंट महिलाओं को कच्चा अंडा नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे साल्मोनेला इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। इस इंफेक्शन से गर्भवती महिला को उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है। अंडा खाने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह पूरी तरह से पका हुआ हो। इसके अलावा कुछ तरह के सॉस, मायोनीज, सलाद ड्रेसिंग, केक आइसिंग आदि में भी कच्चा अंडा मिला होता है। इन खाद्य-पदार्थों के इस्तेमाल करने से पहले पैकेज पर लगे लेबल को ध्यान से पढ़ें।
4.गर्भावस्था के दौरान खानपान (Food during pregnancy): दूध कर सकता है हार्म
कच्चे दूध और क्रीम वाले दूध से बने पनीर का सेवन गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें लिस्टेरिया, साल्मोनेला नाम के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। इन बैक्टीरिया की वजह से गर्भपात और समय से पहले प्रसव का खतरा बढ़ सकता है। इंफेक्शन के जोखिम को कम करने के लिए गर्भवती महिलाओं को केवल पाश्चुरीकृत दूध का सेवन करने की सलाह दी जाती है। ये भी पढ़ें-
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5. शराब से दूर रहें
गर्भवती महिलाओं को केवल शराब से ही नहीं बल्कि हर तरह के नशे से बिलकुल दूर रहना चाहिए। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सट्रीसियन एंड गाइनेकोलोजिस्ट और अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की रिसर्च के अनुसार शराब से भ्रूण के दिमागी और शारीरिक विकास में बाधा आती है। यहां तक कि विशेषज्ञों का दावा है कि प्रेग्नेंसी के दौरान शराब की एक बूंद भी गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। एल्कोहॉल और सिगरेट पीना मिसकैरिज का कारण बन सकते हैं।
6. गर्भावस्था के दौरान खानपान: कैफीन को कहें न
गर्भावस्था में कैफीन की मात्रा बिलकुल कम कर देनी चाहिए। चाय, कॉफी और चॉकलेट जैसी चीजों में कैफीन होता है। ज्यादा मात्रा में कैफीन लेने से मिसकैरिज का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा कैफीन का ज्यादा सेवन करने से जन्म के समय शिशु का वजन कम रह सकता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान रोजाना 200 मिलिग्राम तक कैफीन के सेवन को सुरक्षित माना गया है।
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