परिचय
काली चाय क्या है?
काली चाय कामेल्या सीनेन्सीस (Camellia sinensis) पौधे से तैयार होती है। ये Theaceae फैमिली से है। इसकी पत्तियां और जड़ों का प्रयोग दवाओं में किया जाता है। इसका इस्तेमाल मानसिक सतर्कता में सुधार और याददाश्त को तेज करने के लिए किया जाता है।
काली चाय का उपयोग किस लिए किया जाता है?
- सिरदर्द से दिलाए निजात
- लो ब्लड प्रेशर की समस्या को करे दूर
- दिल संबंधित परेशानियों को रखे दूर (जैसे धमनियों का अकड़ना, हार्ट अटैक)
- पार्किंसन रोग से बचाता है
- पेट के कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, ओवेरियन कैंसर और स्तन कैंसर के जोखिम को कम करता है
- टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए
- पेट संबंधित परेशानियां जैसे उल्टी, डायरिया
- यूरीन पास करने में करे मदद
- दांतो को सड़ने से बचाए
- पथरी
- वजन कम करने में मददगार
कैसे काम करती है काली चाय?
ब्लैक टी कैसे काम करती है, इस बारे में कोई वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। हालंकि, इसमें 2% से 4% कैफीन होता है जो याद्दाशत, सोचने की क्षमता जैसी दिमाग से जुड़ी क्रियाएं बेहतर होती हैं। इसके सेवन से यूरीन पास होने में मदद होती है साथ ही पार्किंसन रोग के लक्षण भी कम होते हैं। इसमें कुछ ऐसे एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो दिल और रक्त वाहिकाओं को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
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उपयोग
कितना सुरक्षित है काली चाय का उपयोग?
- सीमित मात्रा में ब्लैक टी का सेवन ज्यादातर सभी व्यस्कों के लिए सुरक्षित है। अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन (दिन में 5 कप से ज्यादा) करना नुकसानदायक साबित हो सकता है।
- प्रेग्नेंट और ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए कम मात्रा में ब्लैक टी का सेवन सेफ है। एक दिन में तीन कप से ज्यादा ब्लैक टी न पीएं। तीन कप ब्लैक टी में 200 मिलीग्राम कैफीन होता है। इससे अधिक कैफीन की मात्रा लेने से मिसकैरेज होने का खतरा रहता है।
- एनीमिया के पेशेंट्स ब्लैक टी का सेवन न करें। इससे उनमें आयरन की कमी और ज्यादा हो सकती है।
- एंग्जायटी के पेशेंट्स इसके सेवन से बचें। ब्लैक टी में मौजूद कैफीन आपकी परेशानी को और बढ़ा सकता है।
- जिन लोगों में ब्लीडिंग डिसऑर्डर हो ब्लैक टी में पाए जाने वाला कैफीन रक्त के थक्के को धीमा कर सकता है। अगर आपको ब्लीडिंग डिसऑर्डर है, तो कैफीन का सावधानी से उपयोग करें।
- जिन लोगों को दिल संबंधित परेशानियां हो ब्लैक टी में कैफीन के होने से कुछ लोगों में दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है। यदि आपको कोई हृदय रोग है, तो सावधानी के साथ कैफीन का उपयोग करें।
- डायबिटी पेशेंट्स: काली चाय में कैफीन रक्त शर्करा को प्रभावित कर सकता है।
- डायरिया में इसका सेवन न करें। इसका सेवन से हालत पहले से ज्यादा खराब हो सकती है।
- सीजर्स: कैफीन की उच्च खुराक लेना सीजर्स का कारण हो सकती है। सीजर्स को रोकने के लिए इस्तेमाल कर रहे दवाओं का प्रभाव कम हो सकता है। अगर किसी को दौरे पड़ते हो तो उन्हें कैफीन या कैफीन युक्त सप्लीमेंट्स जैसे काली चाय को उच्च मात्रा में नहीं लेना चाहिए।
- ग्लूकोमा: ग्लूकोमा एक आंखों का रोग है। कैफीन युक्त ब्लैक टी पीने से आंखों में दबाव बढ़ाता है।
- हारमोर्न- स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, डिम्बग्रंथि के कैंसर, एंडोमेट्रियोसिस या गर्भाशय फाइब्रॉएड जैसी गंभी स्थिती में ब्लैक टी एस्ट्रोजन की तरह काम करती है जो आपकी परेशानी बढ़ा सकती है। इसलिए ब्लैक टी का इस्तेमाल न करें।
- जिन लोगों का ब्लड प्रेशर हाई रहता है वो इसका प्रयोग सावधानी के साथ करें। हो सकता है इसके सेवन से ब्लड प्रेशर पहले से ज्यादा हाई हो जाए। हालांकि ऐसा उन लोगों में नहीं देखा जाता जो नियमित रूप से ब्लैक टी का सेवन करते हैं।
- ऑस्टिओपरोसिस: कैफीन युक्त ब्लैक टी पीने से यूरिन में कैल्शिम की मात्रा बढ़ सकती है। इससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। दिन में 300 मिलीग्राम से ज्यादा(2-3 कप ब्लैक टी) कैफीन न लें।
- ओवरएक्टिव ब्लेडर: ब्लैक टी में पाए जाने वाला कैफीन को लेने से ओवरएक्टिव ब्लेडर के विकास होने का खतरा बढ़ सकता है। ब्लैक टी उन लोगों में लक्षणों को बढ़ा सकती है जिनका पहले से ओवरएक्टिव ब्लैडर है।
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साइड इफेक्ट्स
काली चाय से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
काली चाय में कैफीन होता है और इसको ज्यादा मात्रा में लेने से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
- सिरदर्द
- नींद न आना
- उल्टी
- डायरिया
- दिल में जलन होना
- घबराहट होना
- चिड़चिड़ापन
- अनियमित दिल की धड़कन
- चक्कर आना
- कानों में बजना
हालांकि, हर किसी को ये साइड इफेक्ट हो ऐसा जरूरी नहीं है, कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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डोसेज
काली चाय को लेने की सही खुराक क्या है?
- 226 ग्राम ब्लैक टी में 40-120 मिलीग्राम कैफीन होता है। सिरदर्द और मानसिक सतर्कता में सुधार के लिए- 250 मिलीग्राम कैफीन
- हार्ट अटैक और किडनी स्टोन के खतरे को कम करने के लिए- रोजाना एक कप ब्लैक टी
- ऐथिरोस्क्लेरोसिस की रोकथाम के लिए- 1 से 4 कप ब्लैक टी
- पार्किंसन रोग की रोकथाम के लिए- पुरुष जो एक दिन में कुल 421-2716 मिलीग्राम कैफीन लेते हैं(लगभग 5-33 कप ब्लैक टी) उनमें दूसरे पुरुषों की तुलना में पार्किंसन रोग का खतरा बहुत कम होता है। जो पुरुष दिन में 124-208 मिलीग्राम कैफीन (लगभग 1-3 कप ब्लैक टी) लेते हैं उनमें भी पार्किंसन रोग के विकास की संभावना काफी कम है। महिलाओं के लिए 1-4 कप काली चाय लेना सेफ है।
यहां दी हुई जानकारियों का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के विकल्प के रूप में न करें। डॉक्टर या हर्बलिस्ट की राय के बिना इस दवा का इस्तेमाल नहीं करें।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है?
- रॉ ब्लैक टी
- ब्लैक टी एक्सट्रैक्ट कैप्सूल्स
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