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ब्राह्मी एक औषधीय पौधा है जिसके पत्ते, फूल, फल, बीज और जड़ का औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। इसे ब्रेन बूस्टर के नाम से भी जाना जाता है।
ब्राह्मी याद्दाश्त बढ़ाने के लिए नायाब औषधि है। इसे एक तरह का नर्व टॉनिक भी माना जाता है। यह नसों की कोशिकाओं को पोषण भी प्रदान करती है। इसका इस्तेमाल खून से संबंधी विकारों, बुखार, पीलिया, हिस्टीरिया, मिर्गी, उन्माद, खांसी, बाल झड़ने, मूत्राशय से संबंधी विकारों, मेमोरी लॉस के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर को कम करने, नींद नहीं आने की बीमारी और तुतलाहट को दूर करने के लिए भी किया जाता है।
ब्राह्मी का तना और पत्तियां मुलामय और गूदेदार होती हैं और इसके फूल सफेद रंग के होते हैं। यह पौधा नम स्थानों में उगता है। भारत में इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे- सफेद चमनी, सौम्यलता, वर्ण, नीरब्राम्ही, घोल, जल ब्राह्मी, जल नेवरी आदि। इसका वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोनिएरी है।
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ब्राह्मी स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को कम करता है जिससे शरीर में तनाव और चिंता को दूर करने में काफी मदद मिलती है।
एमिलॉइड पाए जाने की वजह से ब्राह्मी अल्जाइमर के इलाज के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसके अलावा अल्जाइमर से दिमाग को होने वाले नुकसान से बचने में भी मदद मिलती है। ब्राह्मी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी व दौरे-रोधी गुण हाेते हैं जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार करने में मदद करते हैं।
ब्राह्मी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो कैंसर सेल्स को बढ़ने में मदद करने वाले तत्वों को जड़ से खत्म करते हैं। यह मस्तिष्क के ट्यूमर की कोशिकाओं को मारने के साथ ही स्तन कैंसर और कोलन कैंसर की कोशिकाओं के विकास को भी रोकने में मदद करती है।
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ब्राह्मी का रोजाना इस्तेमाल डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत करता है। यह विटामिनों और मिनरलों का अच्छा स्राेत है। इसमें मौजूद फाइबर आंतों में से हानिकारक पदार्थों को साफ करता है और पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं। साथ ही पाचन प्रणाली को धीमा करके शरीर को हमेशा फुर्तीला बनाए रखने में मदद करते हैं।
अर्थराइटिस से आराम पाने के लिए ब्राह्मी से बेहतरीन नुस्खा नहीं हो सकता है। यह बॉवेल सिंड्रोम और गैस्ट्रिक अल्सर से भी बचाव करने में मदद करता है।
ब्राह्मी की पत्तियों को चबाकर खाने से तोतलेपन को दूर किया जा सकता है।
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ब्राह्मी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का कार्य करती है जिससे हमारा शरीर विभिन्न प्रकार की बीमारियों से अपना बचाव कर पाता है।
बालों की तमाम तरह की समस्याओं में ब्राह्मी का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा सकता है।
ब्राह्मी के कार्य करने के तरीके को लेकर ज्यादा अध्ययन किए गए हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें। हालांकि, यह सभी जानते हैं कि इसमें एल्केलाइड, ट्राइटरपेन सैपोनिन होते हैं जो दूसरे घटकों के साथ मिलकर शरीर पर मजबूत प्रभाव डालते हैं।
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ब्राह्मी ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है लेकिन कुछ खास स्थितियों में इसके नुकसान भी हो सकते हैं जैसे कि गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करते समय महिलाओं को ब्राह्मी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। अगर आप एस्ट्रोजन से संबंधी कोई भी इलाज करवा रही हैं तो भी ब्राह्मी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें, यदि :
दवाइयों की तुलना में हर्ब्स लेने के लिए नियम ज्यादा सख्त नहीं हैं। बहरहाल, यह कितना सुरक्षित है इस बात की जानकारी के लिए अभी और रिसर्च किए जाने की जरूरत है। इस हर्ब को इस्तेमाल करने से पहले इसके रिस्क और फायदे को अच्छी तरह से समझ लें। हो सके तो अपने हर्बल स्पेशलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे यूज करें।
आमतौर पर ब्राह्मी का लंबे समय तक इस्तेमाल अच्छा नहीं होता है इसलिए डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए। ब्राह्मी के अधिक सेवन करने से मूत्र मार्ग में परेशानी का खतरा बढ़ सकता है। ब्राह्मी पेट और आंत को भी प्रभावित कर सकती है।
हर किसी को ये साइड इफेक्ट्स नहीं दिखते हैं। कुछ ऐसे साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जो ऊपर बताए गई लिस्ट में शामिल नहीं हों। यदि आपको साइड इफेक्ट के बारे में कोई चिंता है, तो कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से परामर्श करें।
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एडल्ट : आधी से एक चम्मच ब्राह्मी पाउडर का सेवन दिन में तीन बार खाली पेट कर सकते हैं। आधी चम्मच ब्राह्मी के पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर लें और स्वाद के लिए इसमें शहद भी मिला कर दिन में तीन 3 बार पिएं। इसके 7 पत्ते चबाकर खाने से भी वही लाभ मिलता है।
बच्चे (2 से 10 वर्ष) : 1/4 से 1/2 चम्मच बच्चों को भोजन से पहले ब्रेन टॉनिक के रूप में दिया जा सकता है।
शिशु (1वर्ष) : 4 से 5 बूंदे 1 वर्ष से अधिक उम्र के शिशुओं को दी जा सकती है।
ब्राह्मी की खुराक हर रोगी के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। जड़ी बूटियां हमेशा सुरक्षित नहीं होती हैं। कृपया अपने उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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ब्राह्मी कई रूपों में मिल सकती है :
अधिक जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से संपर्क करें।
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Chronic effects of Brahmi (Bacopa monnieri) on human memory/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/12093601/Accessed on 2 January, 2020.
Add-on effect of Brahmi in the management of schizophrenia/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3545244/Accessed on 2 January, 2020.
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Chronic effects of Brahmi (Bacopa monnieri) on human memory. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12093601/. Accessed on 3 September, 2020.