परिचय
कपूर क्या है?
कपूर को सिनमोमम कैमफोरा (Cinnamomum Camphora) नाम के एक पेड़ की छाल और लकड़ी से आसवन विधि द्वारा निकाला जाता है। दिखने में ये सफेद रंग के क्रिस्टल के रूप में होता है। इसका प्रयोग क्रीम, लोशन और मलहम में किया जाता है। कपूर ऑयल को कपूर के पेड़ की लकड़ी से निकाला जाता है। इसका इस्तेमाल दर्द, जलन और खुजली से राहत पाने के लिए किया जाता है। कपूर में तेज महक होती है और ये त्वचा में आसानी से अब्सॉर्ब हो जाती है। ऐंटि-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लमेटरी गुणों से भरपूर कपूर का प्रयोग कई परेशानियों से राहत दिलाता है। ये त्वचा संबंधित परेशानियों को दूर करने के साथ यह श्वसन क्रिया में सुधार करने में भी मददगार है।
कपूर का उपयोग किसलिए किया जाता है?
स्किन के लिए फायदेमंद:
कपूर युक्त लोशन और क्रीम का प्रयोग त्वचा की जलन और खुजली को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा, ये त्वचा की ओवरऑल दिखावट में भी सुधार करता है। इसमें मौजूद एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज उपचार में उपयोगी है। 2015 में जानवरों पर किए गए एक शोध के अनुसार, कपूर जख्मों को भरने के लिए अच्छा रहता है। ऐसा शायद इसलिए क्योंकि ये इलास्टिन (elastin) और कोलेजन (collagen) उत्पादन को बढ़ाने की क्षमता रखता है।
दर्द से दिलाए निजात:
कपूर को स्किन पर लगाने से यह त्वचा को सुन्न करने का काम करता है जिससे दर्द और सूजन से राहत मिलती है। इसके अलावा ये त्वचा की लालिमा को भी रोकता है।
स्ट्रेस को करे दूर:
कपूर की तेज खुशबू दिमाग की नसों को रिलैक्स करने का काम करती है। शरीर के रिलैक्स होने के साथ ही तानव भी कम हो सकता है।
गैस्ट्रिक परेशानियों को करे दूर:
कपूर दो तरह का होता है। एक प्राकृतिक और दूसरा सिंथेटिक कपूर। प्राकृतिक कपूर का सेवन किया जा सकता है। ये वात और कफ से निजात दिलाने के लिए लाभकारी है। ये पाचन शक्ति को बढ़ाने के साथ पेट में गैस की परेशानी नहीं होने देता (एसिडिटी के मरीज के लिए यह लाभकारी हो सकता है) ।
त्वचा संबंधित परेशानियों को करे दूर:
यह त्वचा के चकत्ते और लाली का कम समय में इलाज कर सकता है। एक्जिमा का इलाज करने के लिए भी कपूर का प्रयोग किया जाता है। मसूड़ों और नाखूनों में हुए फंगस संक्रमण को भी ये दूर करता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस और बवासीर के इलाज के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
अच्छी नींद:
कपूर की तेज सुगंध मस्तिष्क पर एक शांत प्रभाव डालती है जो, नींद को प्रेरित करती है। अगर आपको अच्छी नींद नहीं आ रही तो आप इसका प्रयोग कर सकते हैं।
बालों की ग्रोथ:
कपूर का तेल बालों के विकास को बढ़ावा देता है। इसके अलावा बालों को मजबूत बनाने के साथ डैमेज होने से भी रोकता है। बालों के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं है। आप चाहें तो इसे नारियल के तेल में मिलाकर बालों की मसाज भी कर सकते हैं। ऐसा करने से डैंड्रफ की समस्या भी दूर हो सकती है।
इन निम्नलिखित बीमारियों को भी करता है दूर:
- दिल संबंधित परेशानियां
- कान में दर्द
- एक्ने
- तिल
- मुंह में छाले
- खराब ब्लड सर्कुलेशन
- पेट फूलना
- डिप्रेशन
- मांसपेशियों की ऐंठन
- अस्थमा
- खसरा
- फ्लू
- मिरगी का दौरा
- एंग्जायटी
- फूड पॉइजनिंग
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कैसे काम करता है कपूर?
कपूर कैसे काम करता है इस पर पर्याप्त अध्ययन नहीं किए गए हैं। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक या किसी अन्य विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। हालांकि कुछ अध्ययनों के अनुसार कपूर में कुछ ऐसे पदार्थ पाए जाते हैं जो इसे स्किन पर लगाने से नर्व एंडिंग्स को स्टीम्युलेट करते हैं और दर्द और खुजली से राहत दिलाते हैं। यहीं नहीं कपूर फंगस से लड़ने में भी मददगार है जो आगे चलकर पैरों के नाखूनों में संक्रमण का कारण बनता है।
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उपयोग
कितना सुरक्षित है कपूर का उपयोग?
कपूर का इस्तेमाल अगर ठीक तरीके से किया जाए तो ये एडल्ट्स के लिए सेफ है। जिन लोशन और क्रीम में कम मात्रा में कपूर होता है उन्हें स्किन पर लगाया जा सकता है।
कपूर का इस्तेमाल करने से पहले एक बार स्किन पैच टेस्ट जरूर कर लें। कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है।
कपूर को कभी भी फटी हुई त्वचा पर या उसके आस-पास नहीं प्रयोग करना चाहिए क्योंकि यह शरीर में प्रवेश कर सकता है। इससे शरीर में जहर फैल सकता है।
आंखों से बचाकर इसका प्रयोग करें।
प्रेग्नेंट और ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाएं इसके प्रयोग से बचें।
दो साल से कम के बच्चों के लिए कपूर वाले प्रोडक्ट्स न इस्तेमाल करें।
लिवर से संबंधित कोई परेशानी है तो इसका इस्तेमाल न करें।
कई बार हर्बल सप्लीमेंट शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। इसलिए कभी भी हर्बल प्रोडक्ट और सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या किसी अन्य विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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साइड इफेक्ट्स
कपूर से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
कपूर एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। हालांकि, आमतौर पर इसके साइड इफेक्ट्स कपूर के गलत या अत्यधिक इस्तेमाल के कारण ही प्रभावित करते हैं। इससे निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे-
- त्वचा पर लाली
- त्वचा पर जलन
- मतली
- गर्मी महसूस होना
- सिर दर्द होना
- उलझन होना
- सिर चकराना
- बेचैनी
ऊपर बताए गए कोई भी दुष्प्रभाव महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
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डोसेज
कपूर को लेने की सही खुराक क्या है?
इसे निम्नलिखित तरह से या डॉक्टर के सलाह अनुसार लेना चाहिए। जैसे-
दर्द के लिए: मलहम जिसमें 3% से 11% कपूर हो उसे दिन में तीन से चार बार लगाएं
कफ के लिए: 4.7% से 5.3% युक्त मलहम को गले और छाती पर लगाएं
भाप में लेने के लिए: स्टीम वेपोराइजर में 250 मिली लीटर पानी में एक टेबल स्पून सोल्यूशन डालें। इससे दिन में तीन बार ले सकते हैं।
हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है?
यह निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है। जैसे-
- 3% से 11% मलहम
- 4.7% to 5.3% कपूर मलहम
- कपूर युक्त क्रीम (32 mg/g)
अगर आप कपूर से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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