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कुटज को आयुर्वेद में करची, कुरची, कोनेस्स ट्री, कुटजा, दूधी, इंद्र जौ और वतसाक के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा एशिया और अफ्रीका के के ट्रॉपिकल औऱ सबट्रॉपिकल क्षेत्रों में पाया जाता है। भारत में यह विशेषकर हिमालय पर्वतमाला में होता है। भारत में पौराणिक समय से इसका इस्तेमाल कई रोगों के इलाज के तौर पर किया जाता है।
इसका वानस्पातिक नाम हौलोरेना ऐन्टिडिसेन्ट्रिका (Holarrhena antidysentrica) है। कफ और पित्त दोष के लिए इसे बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसका इस्तेमाल डायरिया, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) के इलाज के लिए किया जाता है। कुटज के पौधे की छाल, बीज और फलों का इस्तेमाल दवा बनाने के लिए किया जाता है। कई शोध के अनुसार कुटज का फल स्वाद में कड़वा होता है, लेकिन ये त्वचा रोगों, बुखार, हर्पीस, एब्डोमिनल कोलिक पेन, पाइल्स और थकान को दूर करने में मदद करता है। वहीं इसके तने का प्रयोग ब्लीडिंग डिसऑर्डर, इंडायजेशन, स्किन प्रॉब्लम्स, हृदय रोग और गाउट के लिए किया जाता है।
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डायबिटीज में फायदेमंद: कई शोध के अनुसार इसमें एंटीडायबिटिक प्रॉपर्टीज होती हैं। कुटज पाउडर रक्त शर्करा, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड, यूरिया, क्रिएटिनिन और यूरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य करता है। इसमें क्वर्कर्टिन नामक पदार्थ होता है, जो कार्बोहाइड्रेट को अवशोषित होने से रोकता है। कुटज शरीर में ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन को कम करता है, जिससे यह टाइप 2 मधुमेह के पेशेंट्स के लिए फायदेमंद साबित होता है।
स्किन के लिए लाभदायक: इसमें कई ऐसे रसायन होते हैं जो त्वचा के लिए वरदान समान होते हैं। इसलिए इसका प्रयोग कई स्किन क्रीम और फाउंडेशन में भी किया जाता है। कुटज हर्ब में हीलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जिस कारण जख्मों पर इस हर्ब के पेस्ट को लगाया जाता है। कई हीलिंग ओइंटमेंट में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
जोड़ों के दर्द में राहत: कुटज जोड़ों की सूजन को दूर कर दर्द में राहत प्रदान करता है। यही कारण है कि इसे जोड़ों के इलाज के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है।
इंफेक्शन के इलाज में लाभदायक: कुटज शरीर के तापनान को कम कर बुखार में मदद करता है। इसमें एंटी-डेंगू, एंटी-मलेरियल गुण होते हैं। ये कोल्ड, सिरदर्द, जी मिचलाना, उल्टी, कब्ज, पेट फूलना, घबराहट, चक्कर, अनिद्रा और शरीर की कमजोरी को दूर करता है।
कुपोषण को दूर करता है: कुपोषित और कम वजन वाले लोगों के लिए भी इसे बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह भूख बढ़ाने और वजन बढ़ाने में मदद करती है।
डायजेशन को दुरुस्त रखता है: कुटज के फूल में कई ऐसे गुण होते हैं जो डायजेशन में सुधार करने के साथ डायरिया का इलाज में कारगर है। यह पेट के कीड़ों से भी निजात दिलाता है। इसके फूल स्वाद में कड़वे होते हैं और खून को साफ करने का काम करते हैं।
डिलीवरी के बाद महिलाओं को दिया जाता है: प्रसव के बाद महिलाओं की प्रजनन प्रणाली को मजबूत करने और मांसपेशियों को मजबूत करने में यह जड़ी बूटी बेहद लाभदायक मानी जाती है।
कुटज का इस्तेमाल दांत दर्द से राहत पाने के लिए भी किया जा सकता है। इसके लिए कुटज के छाल का काढ़ा बनाकर उससे कुल्ला करने से लाभ मिल सकता है।
खूनी बवासीर में कुटज के सेवन से फायदा मिल सकता है। इसके लिए 10 ग्राम कुटज की छाल के चूर्ण में दो चम्मच शहद या मिश्री मिलाकर उसका सेवन करना चाहिए।
पथरी से राहत पाने के लिए करें कुटज का इस्तेमाल किया जा सकता है। पांच ग्राम कुटज के जड़ की छाल को दही में मिलकर पीने से फायदा मिल सकता है।
कुटज का इस्तेमाल सालों से बीमारियों के इलाज के लिए किया जा रहा है। लेकिन इसे लेकर पर्याप्त वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। आयुर्वेद में इसके गुणों का वर्णन है। फिलहाल इसे लेकर अधिक शोध करने की जरूरत है।
कुटज में एंटीडिसेंट्री, एंटीडायरियल और एंटी-एमोबिक प्रॉपर्टीज होती हैं। यह जड़ी बूटी हायपोटेंसिव, एंटीप्रोटोजोल, हायपोग्लायसेमिक, एंटीस्पास्मोडिक, एंटीफंगल और एंटीकैंसर गुणों से भरपूर होती है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
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कुटज का सीमित मात्रा में सेवन ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है। निम्नलिखित स्थितियों में कुटज का इस्तेमाल करने से परहेज करना चाहिए:
दवाओं की तुलना में हर्ब्स को लेकर रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नही हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त रिसर्च की आवश्यकता है। कुटज से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
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कुटज का सेवन करने से निम्न साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
जरूरी नहीं कुटज का सेवन करने वाले लोगों में उपरोक्त बताए साइड इफेक्ट्स ही हो। हो सकता है आपको इससे अलग कोई दुष्परिणाम हो। यदि आपको किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नजर आता है तो इसका सेवन बंद कर दें। इसे लेकर तुरंत अपने चिकित्सक से कंसल्ट करें।
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कुटज की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। यह आपकी मेडिकल कंडिशन, उम्र व अन्य कई कारकों पर निर्भर करता है। कभी भी इसका सेवन खुद से न करें। आपकी ये छोटी सी गलती स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी साबित हो सकती है। बेहतर होगा कि डॉक्टर ही इसकी खुराक आपके लिए निर्धारित करें।
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कुटज निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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