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लाल चंदन (रेड सैंडलवुड) एक सदाबहार पेड़ है। पेड़ के तने के बीच की लकड़ी जिसे हम हार्डवुड भी कहते हैं, इसका दवाइयों के रूप में भी इस्तेमाल होता है। यह पाचन क्रिया को भी ठीक रखने में मदद करता है। इसके साथ साथ लाल चंदन (रेड सैंडलवुड) फ्लुइड रिटेंशन, कफ और ब्लड प्यूरिफिकेशन में भी काफी मददगार साबित होता है। इसकी लकड़ी का इस्तेमाल शराब में खास तरह के फ्लेवर डालने के लिए भी किया जाता है।
लाल और सफेद चंदन दोनों अलग-अलग प्रजातियां हैं लाल चंदन का वैज्ञानिक नाम टेरोकार्पस सैन्टनस है जबकि सफेद चंदन को सैंटलम अल्बम के नाम से जाना जाता है।
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चंदन की लकड़ी (रेड सैंडलवुड) के इस्तेमाल से बॉडी में वेस्ट मटेरियल का प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जिसकी वजह से यूरिन की फ्रीक्वेंसी बढ़ सकती है और बॉडी से वाटर लॉस की संभावना भी बन सकती है। शरीर से पानी का इस तरह से कम होने की प्रक्रिया को “यूरेटिक इफेक्ट” कहते हैं। इसके विपरीत इसका एक ड्राइंग इफेक्ट भी बॉडी पर होता है जो डायरिया को नियंत्रित करने की स्थिति में काफी मददगार हो सकता है।
आयुर्वेद में लाल चंदन का औषधि के रूप में इस्तेमाल होता है। इसमें कई गुण होते हैं। यह शीतल, शुष्क, कडवा और पोषक तत्वों से युक्त होता है। इससे मानसिक विकारों का इलाज किया जा सकता है।
लाल चंदन थकान, टॉक्सिसिटी, प्यास लगने, बुखार, उल्टी और त्वचा रोगों में फायदेमंद होता है।
अपने शीतल प्रभाव के कारण लाल चंदन गर्म मौसम में खासतौर पर लाभकारी होता है। ये लाल चंदन के कुछ लोकप्रिय और सबसे प्रभावी उपयोग हैं।
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पिंपल्स करे दूर
त्वचा पर पिंपल्स हो गए हैं तो आप लाल चंदन का उपयोग कर सकते हैं। लाल चंदन में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो कील मुहांसों को दूर करने में मदद करते हैं। लाल चंदन में एक चुटकी हल्दी मिलाकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से पिंपल्स से छुटकारा मिल सकता है। यह दाग धब्बों को हल्का करने और पिगमेंटेशन के इलाज में भी उपयोगी हो सकता है।
त्वचा संबंधी समस्याएं
त्वचा रोगों का इलाज करने वाली कई आयुर्वेदिक औषधियों में प्रमुख सामग्री के रूप में लाल चंदन का उपयोग किया जाता है। लाल चंदन त्वचा रोगों को दूर रखने में भी मदद करता है। इसके काढे का खासतौर पर इस्तेमाल मोटापे को रोकने और डायबिटीज के कुछ लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है।
एजिंग के लक्षणों को कम करे
बढ़ती उम्र में दाग धब्बे, झुर्रियां और त्वचा के लटकने की दिक्कत होने लगती है। ये भी एजिंग के लक्षण होते हैं। लाल चंदन और कैमोमाइल को मिलाकर एजिंग के निशानों को दूर करने में मदद मिलती है। ये दोनों ही चीजें एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं और शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और स्किन चमकदार बनती है।
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बुखार का इलाज
लाल चंदन बुखार के इलाज में भी मदद करता है। आयुर्वेदिक औषधि गुडुच्यादि कषायम में प्रमुख सामग्री के रूप में लाल चंदन का प्रयोग किया जाता है। यह दवा बुखार, स्किन जलने और उल्टी के इलाज में मददगार है। पाचन से संबंधी परेशानियों और सांस से संबंधी समस्याओं के इलाज में भी लाल चंदन लाभकारी है। यह खून को भी साफ करता है।
कॉस्मेटिक्स में इस्तेमाल
स्किनकेयर प्रोडक्टस में भी लाल चंदन का इस्तेमाल किया जाता है। आई शैडो या लिपस्टिक जैसे कई कॉस्मेटिक प्रोडक्टस में लाल चंदन का प्रयोग होता है। इसमें लाल रंग देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लाल चंदन ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर स्किन को पर्यावरण में मौजूद फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा प्रदान करता है और स्किन की रंगत को भी निखारता है।
स्किन को पोषण देता है
लाल चंदन में कई ऐसे तत्व होते हैं जो त्वचा को पोषण प्रदान करते हैं और चेहरे की रंगत को निखारने का काम करते हैं। यह स्किन से मृत कोशिकाओं को भी हटाता है। अगर आपकी स्किन धूप से जल गई है और काली पड गई है तो लाल चंदन आपको इस समस्या से निजात दिला सकता है। यह स्किन को नरम और मुलायम भी करता है।
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गर्मी के मौसम में साबुन की जजगह लाल चंदन पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे शरीर की गर्मी कम होती है और शरीर को शीतलता महसूस होती है। यह शरीर से कीटाणुओं को खत्म करने की भी शक्ति रखता है।
अभी तक लाल चंदन की लकड़ियों के इस्तेमाल को लेकर ज्यादा रिसर्च नहीं हुए हैं। अधिक जानकारी के लिए आप अपने हर्बल स्पेशलिस्ट ले सकते हैं।
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आप अपने फार्मासिस्ट और हर्बल स्पेशलिस्ट या फिर डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें यदि
दवाइयों की तुलना में हर्ब्स को लेकर नियम थोड़े कम सख्त होते हैं। लाल चंदन (रेड सैंडलवुड) का प्रयोग दवाइयों के तौर पर कितना सुरक्षित है इस बात को लेकर अभी और भी स्टडीज की जरूरत है। इस हर्ब को इस्तेमाल करने से पहले इसके रिस्क और फायदे को अच्छी तरह से समझ लें। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने हर्बल स्पेस्लि या डॉक्टर से इस बात की सलाह जरूर लें।
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इस चंदन (रेड सैंडलवुड) का सेवन चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। इसलिए इसे निम्नलिखित तरह से उपयोग करें –
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लाल चंदन (रेड सैंडलवुड) ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित हो सकता है। अभी तक इसके संभावित साइड इफेक्ट्स की जानकारी भी न के बराबर है। इसके इस्तेमाल को लेकर यदि आप संदेह में है तो बेहतर होगा अपने हर्बल स्पेशलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे इसका प्रयोग करें।
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग- किसी खास पुख्ता प्रमाण न होने की वजह से लाल चंदन (रेड सैंडलवुड) का इस्तेमाल गर्भावस्था यानी प्रेग्नेंसी और ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान नहीं करना चाहिए। इसलिए बेहतर होगा कि इन खास परिस्थितियों में आप इन के इस्तेमाल से परहेज रखें।
यदि आप की कुछ दवाइयां पहले से चल रही हो या फिर आप के कुछ खास मेडिकल कंडीशन होने पर लाल चंदन आपके शरीर को प्रभावित कर सकता है।
लाल चंदन (रेड सैंडलवुड) का वाटर पिल या डायूरेटिक की तरह प्रभाव हो सकता है। यह हमारे शरीर के लिथियम लेवल पर असर डाल सकता है। लिथियम के बढ़े हुए लेवल से आपके शरीर को घातक परिणाम भी झेलना पड़ सकता है। यदि आप का लिथियम का डोज पहले से ही चालू है तो लाल चंदन के इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर की खास सलाह लेना न भूलें। हो सकता है डॉक्टर को आपके लिथियम के डोज को बदलने की जरूरत हो।
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लाल चंदन की डोज हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। इसकी डोज आपकी उम्र, हेल्थ और कई दूसरी परिस्थितियों पर भी निर्भर करती है। हर्ब्स हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए इसके सही डोज की जानकारी के लिए डॉक्टरी राय जरूर लेनी चाहिए।
कई बार किसी भी हर्बल दवा का सेवन या फिर हर्बल क्रीम को लगाने से एलर्जी की समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए सावधानी रखना बहुत जरूरी है। बिना जानकारी या फिर सलाह के किसी भी हर्बल दवा का सेवन न करें और न ही अन्य लोगों को ऐसा करने की सलाह दें।
लाल चंदन बाजार में दो तरह से उपलब्ध है।
अगर आप लाल चंदन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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