परिचय
फैटी लिवर (Fatty liver) क्या है?
हमारा लिवर शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग होता है, जो कि आपके द्वारा सेवन किए जा रहे आहार और तरल पदार्थों से पोषक तत्व निकालने और खून से हानिकारक तत्वों को निकालने का कार्य करता है, लेकिन कुछ लोगों को फैटी लिवर की समस्या हो जाती है, जिससे लिवर सही से कार्य करना बंद कर देता है। गंभीर होने पर इस समस्या को हेपाटिक स्टीटोसिस (Hepatic Steatosis) भी कहा जाता है, जिसमें लिवर में अत्यधिक फैट जमने और सूजन की वजह से लिवर डैमेज होने लगता है। अनुपचारित फैटी लिवर की समस्या आगे चलकर लिवर फेलियर का कारण भी बन सकती है।
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फैटी लिवर डिजीज (Kidney liver disease) कितने प्रकार की हो सकती है?
फैटी लिवर डिजीज मुख्यतः निम्नलिखित प्रकार की हो सकती है। जैसे-
- नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) की समस्या तब होती है, जब आपके लिवर में शराब के सेवन की हिस्ट्री के बिना भी फैट जमने लगता है और उससे लिवर में सूजन आ जाती है।
- एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD) में शराब के सेवन की हिस्ट्री की वजह से लिवर में फैट जमने लग जाता है और उसकी वजह से लिवर में सूजन आ जाती है।
- इसके अलावा, लिवर की इस बीमारी का एक दुर्लभ प्रकार एक्यूट फैटी लिवर ऑफ प्रेग्नेंसी (AFLP) होता है। जो कि आमतौर पर, तीसरी तिमाही के दौरान होता है और इसके पीछे का असल कारण अभी पता नहीं लग पाया है। अनुपचारित रहने पर यह मां और शिशु के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन जाता है।
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लक्षण
फैटी लिवर के लक्षण क्या-क्या होते हैं? (System of Fatty liver)
लिवर की इस बीमारी की वजह से व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षणों का सामना करना पड़ता है। जैसे-
- शरीर में इंसुलिन (Insulin) के स्तर का बढ़ना
- पेट के बीच में या सीधे हाथ की तरफ हल्का-सा दर्द या भरा हुआ महसूस होना
- लिवर एंजाइम (Liver Enzymes) के स्तर का बढ़ना
- थकान व कमजोरी
- ट्रायग्लिसराइड का स्तर बढ़ना
- उल्टी आना या जी मिचलाना
- आंखों या त्वचा का पीला पड़ना
- भूख न लगना
- पेट दर्द (Stomach pain) होना
- हथेलियों का लाल होना
- त्वचा के नीचे बड़ी नसें दिखना
ध्यान रखें कि, यह जरूरी नहीं कि हर किसी में एक जैसे या सभी लक्षण दिखाई दें। इसके साथ ही लोगों में ऊपर दिए गए लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण भी दिख सकते हैं, जो कि यहां नहीं बताए गए हैं। अगर आपके मन में फैटी लिवर से जुड़े लक्षणों के बारे में कोई शंका या सवाल है, तो अपने डॉक्टर से जरूर चर्चा करें।
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कारण
फैटी लिवर का कारण क्या है? (Cause of Fatty liver)
फैटी लिवर के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे-
- अगर आपके शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस है और शरीर में ब्लड शुगर (Blood sugar) का स्तर अधिक है, तो आपको टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के साथ लिवर में फैट जमने की शिकायत हो सकती है।
- अगर आप रिफाइंड कार्ब्स का अत्यधिक सेवन कर रहे हैं, तो यह लिवर में फैट स्टोर होने की प्रक्रिया को बढ़ा सकता है। इसका ओवरवेट और इंसुलिन रेजिस्टेंट से प्रभावित व्यक्तियों में ज्यादा खतरा होता है।
- अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन।
- अगर आपका शारीरिक भार सामान्य है और आपके पेट के आसपास अत्यधिक फैट है, तो भी आपको फैटी लिवर (Fatty liver) हो सकता है।
- मोटापे में लो-ग्रेड की सूजन शामिल होती है, जिससे लिवर में फैट स्टोर होने की प्रक्रिया बढ़ सकती है। अनुमान है कि 30 से 90 प्रतिशत मोटापे से ग्रसित वयस्कों को नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) का सामना करना पड़ता है।
- गट बैक्टीरिया की समस्याएं होने से भी आपको नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) हो सकती है।
- इसके अलावा, सोडा या एनर्जी ड्रिंक जैसे शुगरयुक्त तरल पदार्थों का सेवन करने से आपको इस बीमारी की समस्या हो सकती है। क्योंकि, इनमें मौजूद फ्रुक्टोज वयस्कों और बच्चों के लिवर में फैट जमने की प्रक्रिया को बढ़ाती है।
- इन कारणों के अलावा, क्रॉनिक वायरल हेपेटाइटिस, उम्र और कुपोषण की वजह से भी फैटी लिवर हो सकता है।
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स्वस्थ रहने के लिए अपने दिनचर्या में योगासन शामिल करें।
निदान
फैटी लिवर का पता किन टेस्ट से चलता है? (Test for Fatty liver)
फैटी लिवर का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक जांच जैसे पेट पर लिवर वाली जगह पर दबाकर देखना आदि के अलावा निम्नलिखित टेस्ट की मदद ले सकता है। जैसे-
- ब्लड टेस्ट (Blood test) की मदद से आपके शरीर में लिवर एंजाइम का स्तर जांचा जाता है। जिसका बढ़ा हुआ स्तर लिवर में सूजन का संकेत होता है, जिसकी वजह से लिवर की इस बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है और डॉक्टर फैटी लिवर से जुड़े अन्य टेस्ट करवाने की सलाह दे सकता है।
- अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई (MRI) टेस्ट की मदद से लिवर की तस्वीरनुमा जांच करवा सकता है। इसके अलावा लिवर की अकड़न का पता करने के लिए वाइब्रेशन-कंट्रोल्ड ट्रांसियंट इलास्टोग्राफी भी करवाई जा सकती है।
- किसी भी लिवर डिजीज (Liver disease) की गंभीरता को जांचने के लिए लिवर बायोप्सी करवाई जा सकती है। इसमें डॉक्टर आपके लिवर के एक टिश्यू को जांच के लिए निकालता है।
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नियंत्रण और सावधानी
फैटी लिवर (Fatty liver) को नियंत्रित कैसे करें?
फैटी लिवर को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं। जैसे-
- अगर आप ओवरवेट (Overweight) हैं, तो अपने वजन को नियंत्रित करें।
- शराब के सेवन से ही फैटी लिवर आमतौर पर होता है। इसलिए, आपको फैटी लिवर (Fatty liver) को नियंत्रित करने के लिए इसका सेवन बंद करना चाहिए।
- नियमित रूप से रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
- शरीर में ब्लड शुगर का लेवल (Blood sugar level) नियंत्रित रखें।
- एक संतुलित और पौष्टिक डायट का सेवन करें। जिसमें फल, हरी सब्जियां, दालें, फलियां आदि शामिल हों और मिठाई, चावल, ब्रेड आदि का सेवन कम करें।
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उपचार
फैटी लिवर का इलाज कैसे होता है? (Treatment of Fatty Liver)
फैटी लिवर के इलाज के लिए अभी कोई प्रामाणिक दवा उपलब्ध नहीं है। हालांकि इसे शुरुआत में ही पहचानकर जीवनशैली में बदलावों की मदद से नियंत्रित या ठीक किया जा सकता है। इसके बाद, अगर यह समस्या आगे चलकर सिरोसिस या लिवर फेलियर के रूप में परिवर्तित हो जाती है, तो फिर लिवर ट्रांसप्लांट एकमात्र विकल्प बचता है।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।