कुछ दिनों पहले मैं अपने कजिन के साथ बच्चों की फिल्म देखने थियेटर गई। वहां कुछ स्कूल के बच्चे भी फिल्म देखने आए थे। मैंने देखा कि वे एक-एक सीन को ऐसे एंजॉय कर रहे थे, मानो सब उनके सामने ही चल रहा हो। वे इतने खुश थे कि उनको देखकर ही कोई भी खुश हो सकता था। इसके बाद मेरी नजर कुछ बड़े लोगों के ग्रुप गई, तो देखा वे सिर्फ थिएटर में बैठे थे। यहां तक कि फनी सीन्स पर भी वे सिर्फ मुस्कुराकर काम चला रहे थे। बच्चे जानते हैं कि खुश कैसे रहा जाता है, लेकिन बड़े किसी तरह खुश रहने की केपेसिटी को खो देते हैं। कुछ स्टडीज में ये बात सामने आई है कि बच्चे दिन में 400 बार हंसते हैं वहीं व्यस्क सिर्फ 15 बार। घर आकर मैंने कई बार ये सोचा बड़े होते-होते हम क्यों खुश रहना भूल जाते हैं। तब मुझे इस बात का एहसास हुआ कि ऐसे कई हैप्पीनेस बैरियर हैं, जो हमारी खुशी हमसे छीन लेते हैं। खुशी पानी की तरह है जिसे सदा बहते रहना चाहिए, लेकिन जैसे ही हम बड़े होते हैं इस पानी के पाइप में ब्लॉकेज आने लगते हैं। अगर आप भी बच्चों की तरह हमेशा खुश रहना चाहते हैं तो आपके लिए हैप्पीनेस बैरियर (happiness barrier) के बारे में जान लेना बेहद जरूरी है।
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1. हमेशा भविष्य की चिंता करना (Worrying about the future)
फ्यूचर में क्या होगा, हमेशा ऐसा सोचते रहना सबसे बड़ा हैप्पीनेस बैरियर (happiness barrier) है। जब आप लगातार किसी बात को लेकर चिंतित रहते हैं तो आप अपने लिए एक तनाव पूर्ण माहौल क्रिएट कर लेते हैं। भविष्य में मेरे साथ ये गलत हो सकता है ऐसा सोचते रहने से आप सुंदर और सुकून देने वाले वर्तमान को जी नहीं पाते और खुशी से दूर हो जाते हैं। इसलिए चिंता छोड़िए जनाब और एंजॉय करना शुरू कर दीजिए हर एक पल को। इसके लिए नीचे दिए गए कोट को भी पढ़ लीजिए।
“मुझे अपने जीवन में बहुत चिंताएं थीं, जिनमें से अधिकांश कभी नहीं हुईं।’ – मार्क ट्वेन
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2. अपने निहित मूल्य को भूल जाना (Forgetting our inherent worth)
आपका मूल्य आपके टाइटल, रिलेशनशिप स्टेट्स, करियर और फाइनेंशियल सिचुएशन पर निर्भर नहीं करता। ये केवल भूमिकाएं हैं जिन्हें आप जीवन में निभाते हैं। एक इंसान के रूप में आप स्वाभाविक रूप से सार्थक और संपूर्ण हैं। इसलिए इन सब चीजों की ज्यादा चिंता ना करें। खुद के वजूद को पहचानें।
महात्मा गांधी के अनुसार, “खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है, दूसरों की सेवा में खुद को खो देना।’
3. तुलना (Comparison)
“अगर हम केवल खुश रहना चाहते हैं तो यह आसान होगा; लेकिन हम अन्य लोगों की तुलना में अधिक खुश रहना चाहते हैं, जो हमेशा लगभग मुश्किल होता है, क्योंकि हम सोचते हैं कि वे ज्यादा खुश हैं। “
चार्ल्स डी मोंटेस्क्यू
किसी ने ठीक कहा है कि ‘कंपेरिजन इज द डेथ ऑफ जॉय’। खुद की लोगों से तुलना या अपने पार्टनर्स के बीच तुलना करना आपके जॉय को ख़त्म कर देता है। इस चीज को स्वीकार करें कि हर इंसान अलग-अलग होता है और इस बात का ध्यान रखें कि डायवर्सिटी और कॉन्ट्रास्ट लाइफ को इंटरेस्टिंग बनाती है। इसे बेवजह की तुलना में ना पड़ें और इस हैप्पीनेस बैरियर को (happiness barrier) पूरी तरह इग्नोर करें।
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4. अपने दिल की सलाह और इंट्यूशन को इग्नोर करना (Ignoring your heart and intuition)
ज्यादातर लोग लाइफ को वैसे जीते हैं, जैसे लोग उनसे जीने की उम्मीद रखते हैं। ना कि जैसे कि वे खुद चाहते हैं। इस बात आगे चल कर सबसे ज्यादा अफसोस होता है। अपने दिल की बात को मानने का साहस रखें और अपने इंट्यूशन पर विश्वास रखें। ये कभी गलत नहीं होते। ये दोनों जीवन के बेहद भरोसेमंद मार्गदर्शक हैं। आपने ऐसा अक्सर महसूस किया होगा कि जो काम करने के लिए आपका दिल गंवारा नहीं करता और फिर भी आप अगर वो काम करते हैं तो उसके परिणाम अच्छे नहीं होते हैं और यह हैप्पीनेस बैरियर (happiness barrier) बन जाता है। मेरे साथ तो अक्सर ऐसा होता है।
5. ईगो (Ego) को हष्ट-पुष्ट बनाना
आपका ईगो या अहंकार, आपका सोशल मास्क है या कहें कि आपकी खुद की एक इमेज है। यह आसानी से लाइफ के इवेंट्स और दूसरों के ओपिनियन से टकरा जाता है। ईगो सबसे बड़ा हैप्पीनेस बैरियर है। इसलिए अहंकार को छोड़कर अपनी आत्मा को महत्व दें। जिसे आप सबसे नीचे रखते हैं। ईगो (Ego) के विपरीत सोल अनकंडशीनली लविंग (unconditionally loving), स्ट्रॉन्ग (strong), वाइज (wise) और एंड्यूरिंग (enduring) है।
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6. कंफर्ट जोन (Comfort zones) से बाहर ना निकलना
हमेशा अपने कंफर्ट जोन में रहना सबसे बड़ा हैप्पीनेस बैरियर (happiness-barrier) है क्योंकि इसमें हम खुद को जोखिम लेने और अपने सपने पूरा करने से रोकते हैं क्योंकि वर्तमान लाइफ में खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। भले ही हम उस कंडिशन में खुश ना हो। हम भूल जाते हैं कि हमारी वर्तमान परिस्थितियां कभी भी बदल सकती हैं। इसलिए कई मायनों में हम अननोन सिचुएशन में नोन सिचुएशन की तुलना में अधिक सुरक्षित नहीं है। इसलिए अपने दायरे को बढ़ाएं खुद को चुनौति दें और कंफर्ट जोन जैसे हैप्पीनेस बैरियर (happiness barrier) से बाहर निकलें।
7. मीडिया (Media)
शायद आपने कभी सोचा नहीं हो, लेकिन ये सच साबित हो चुका है कि आज के समय में मीडिया और सोशल मीडिया दोनों हेप्पीनेस बैरियर (happiness barrier) बन चुके हैं। ढेर सारी नेगेटिव हेडलाइंस हमें डराने के साथ ही चिंतिंत करने का काम करती है। यह कड़वा सच है कि पॉजिटिव की जगह नेगेटिव न्यूज या स्टोरी लोग ज्यादा देखना और पढ़ना पसंद करते हैं। कई बार लोग इन खबरों को इसलिए देखते पढ़ते हैं क्योंकि उनको लगता है कि इसके बाद उन्हें फलां प्रॉब्लम से बचने का सॉल्यूशन दिया जाएगा। ऐसा कभी-कभी होता है तो कभी नहीं भी होता है। ये अस्थाई रूप से हैप्पीनेस बैरियर का काम करती हैं।
इसके साथ ही टीवी पर आने वाले विज्ञापन भी हमारे हेप्पीनेस लेवल पर असर डालते हैं। किसी भी एड को आप देखिए आपको उनमें मुस्कुराते हुए अट्रैक्टिव लोग दिखाई देते हैं। उस एड का एक ही मैसेज होता है कि हमारा प्रोडक्ट खरीदिए आप खुश और सुंदर हो जाओगे। साथ ही इसका मतलब ये भी है कि अगर आप उनके प्रोडक्ट्स नहीं खरीदते हैं तो आप न तो खुश होंगे और ना ही आकर्षक।
8. उन चीजों पर ज्यादा ध्यान देना जो महत्वपूर्ण नहीं है।
जो बातें या काम महत्वपूर्ण या जरूरी नहीं है उन पर ज्यादा ध्यान देना सबसे बड़ा हैप्पीनेस बैरियर (happiness barrier) है। इसकी वजह से हम उन कामों को नहीं कर पाते जो हमारे लिए जरूरी होते हैं और उसकी वजह से बनने वाला दबाव हमारी खुशी को पल भर में गायब कर देता है। जैसे कि लगातार मेल्स को चेक करना या सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते रहना। अपने टाइम और एनर्जी को बचाइए और उसे ऐसे कामों में लगाइए जो आपकी प्रगति में मदद करें।
9.इग्नोरेंस (ignorance)
योग ग्रंथ्रो में अज्ञानता और अविद्या का मतलब होता है वास्तिवकता के बारे में गलत धारणाएं जो खुद के और दुनियां के बारे में सच्चाई को छुपाती हैं। जो एक बहुत बड़ा हैप्पीनेस बैरियर (happiness-barrier)है। अगर इसे आसान भाषा में समझें तो ऐसी चीजों को इग्नोर करना जो आपके लिए हानिकारक है या हो सकती हैं जैसे कि एल्कोहॉल या स्मोकिंग की लत, लगातार जंक फूड खाना। ये ऐसी आदतें हैं जो आगे जाकर आपकी हेल्थ को खराब कर देंगी और हैप्पीनेस बैरियर (happiness barrier) साबित होंगी। इसलिए जानते हुए ऐसी चीजों को मत करिए जो आपके लिए बाद में परेशानी का कारण बन जाएं।
10. हम खुश होने का फैसला नहीं करते
यह भी एक हैप्पीनेस बैरियर (happiness barrier) है। कई लोग ऐसे हैं जो हर हाल में अपने आप को खुश मानते हैं। उन्होंने हमेशा खुश रहने का निणर्य ले लिया है और वे खुद को हैप्पी ही डिफाइन करते हैं। इसका परिणाम यह है कि वे खुश हैं। 99 प्रतिशत लोग सोचते हैं कि कुछ प्राप्त करना या लेना उन्हें खुश कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं होता। खुश रहना एक डिसीजन है जो हम लेते हैं। आठ साल लंबी एक स्टडी में पाया गया कि क्लोज रिलेशनशिप मनी और फेम की तुलना में लोगों की जीवनभर के लिए खुशी देते हैं।
“मनुष्य की इच्छा अमीर बनने की नहीं बल्कि अन्य पुरुषों की तुलना में अमीर बनने की है।’ – जॉन स्टुअर्ट मिल
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उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और हैप्पीनेस बैरियर से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। आशा है कि आप अपने जीवन की खुशियों के बीच आने वाली इन रुकावटों को दूर करके एक खुशहाल जीवन बिताने की कोशिश करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करेंगे।
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