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रिपिटेटिव मोशन इंजरी एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति जब अपने शरीर के एक हिस्से को एक ही तरह से बार-बार इस्तेमाल करता है तो इससे जोड़ों, मांसपेशियों और ऊतकों पर बहुत अधिक तनाव और दबाव पड़ सकता है। जिसके कारण ओवरयूज इंजरी हो सकती है और व्यक्ति के शरीर के उस हिस्से में दर्द, सूजन और टेंडरनेस हो सकता है।
रिपिटेटिव मोशन इंजरी कई तरह की होती है जो आमतौर स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों सहित कंप्यूटर का माउस इस्तेमाल करने, टाइपिंग करने, गेंद फेंकने, फर्श साफ करने जैसी गतिविधियों के बार-बार करने से कोहनी में दर्द और सूजन हो सकता है।
अगर समस्या बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
रिपिटेटिव मोशन इंजरी एक सामान्य समस्या है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में लाखों लोग रिपिटेटिव मोशन इंजरी से पीड़ित हैं। आमतौर पर 50 प्रतिशत स्पोर्ट्स इंजरी रिपिटेटिव मोशन के कारण होती है। इस समस्या के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
रिपिटेटिव मोशन इंजरी हाथ, कलाई, बांह, कोहनी, गर्दन और कंधे सहित शरीर के कई हिस्से को प्रभावित करता है। रिपिटेटिव मोशन इंजरी से पीड़ित व्यक्ति में प्रायः लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं जो बाद में अधिक गंभीर हो जाते हैं। समय के साथ रिपिटेटिव मोशन इंजरी (Repetitive motion injuries) के ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से गोल्फर एल्बो या टेनिस एल्बो के लक्षण नजर आने लगते हैं।
इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी सामने आते हैं :
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर रिपिटेटिव मोशन इंजरी अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
यदि आपको हाथ या पैर मोड़ने में दर्द होता है, जोड़ों में टेंडरनेस (Tenderness) रहता है या ज्वाइंट की स्किन लाल और गर्म महसूस होती है तो डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा यदि दर्द (Pain) के कारण आप नींद से जग जाते हैं और रोजमर्रा के कार्य जैसे ब्रश करना या शॉवर लेने में कठिनाई आ रही हो तो तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें।
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रिपिटेटिव मोशन इंजरी रिपिटेटिव मूवमेंट के कारण होती है। जिससे मांसपेशियां (Muscles) और टेंडन समय के साथ डैमेज हो जाते हैं। एक ही मसल्स पर रोजाना बार-बार स्ट्रेस पड़ने, लंबे समय तक एक ही पॉश्चर में बैठने, लंबे समय तक गलत मुद्रा में अपने सिर या बांह को ऊपर रखने, भारी वस्तु उठाने, एक्सरसाइज (Workout) न करने, कलाई, पीठ (Back) और कंधे में चोट लगने, डेस्क जॉब करने, बॉल फेंकने जैसी गतिविधियों से रिपिटेटिव मोशन इंजरी (Repetitive motion injuries) होती है।
यह समस्या दंत चिकित्सक, कंस्ट्रक्शन वर्कर, सफाई कर्मचारी, रसोइयों, बस चालकों और म्यूजिशियन को हो सकती है।
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रिपिटेटिव मोशन इंजरी एक गंभीर बीमारी है। इससे पीड़ित व्यक्ति के कई अंग कमजोर हो सकते हैं और गंभीर दर्द (Pain) की समस्या हो सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं रिपिटेटिव मोशन इंजरी रोजमर्रा के कार्यों पर भी असर डाल सकता है और सामान्य जीवन को प्रभावित कर सकता है। रिपिटेटिव मोशन इंजरी से होने वाली समस्याओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
रिपिटेटिव मोशन इंजरी का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
इसके अलावा डॉक्टर रिपिटेटिव मोशन इंजरी का निदान करने के लिए पीड़ित व्यक्ति से उसके काम और अन्य गतिविधियों से जुड़े सवाल पूछते हैं और वर्क एनवॉयरमेंट जैसे कि व्यक्ति कंप्यूटर पर काम करता है, स्पोर्ट्स से जुड़ा है या किस तरह के काम करता है, आदि के बारे में जानते हैं। इसके अलावा प्रभावित क्षेत्र में टेंडरनेस, सूजन की जांच करके समस्या का निदान किया जाता है।
रिपिटेटिव मोशन इंजरी का इलाज संभव है। कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में रिपिटेटिव मोशन इंजरी के असर को कम किया जाता है। रिपिटेटिव मोशन इंजरी के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :
इसके अलावा मरीज को नियमित हल्की एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। इलाज के बावजूद जब रिपिटेटिव मोशन इंजरी ठीक नहीं होती है तो सर्जरी एकमात्र विकल्प बचा रहता है।
अगर आपको रिपिटेटिव मोशन इंजरी (Repetitive motion injuries) है, तो आपके डॉक्टर कुछ दिनों के लिए सभी गतिविधियों को बंद करके रेस्ट करने के लिए बताएंगे। इसके साथ ही डेस्क वर्क से हर घंटे उठकर थोड़ी देर बांह, पीठ और उंगलियों को स्ट्रेच करने की सलाह देंगे।
सिर्फ इतना ही नहीं आंखों की मांसपेशियों को आराम देने के लिए लगातार पलकों को झपकाते रहें और रोजाना एक्सरसाइज करें ताकि शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर तरीके से हो सकते। सिर्फ इतना ही नहीं सही पोजीशन में बैठने की आदत डालें और लंबे समय तक एक ही जगह बैठने से बचें। टाइपिंग करते समय हल्के हाथों से कीबोर्ड चलाएं और माउस को बहुत टाइट न पकड़ें।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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