के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
ग्रंथियों की सूजन या लिंफ नोड्स में सूजन को लिंफडेनोपैथी के नाम से भी जाना जाता है। लिंफ नोड्स अंडे के आकार गांठे होती हैं, जो आपकी चिन या गर्दन, बगलों और पेट और जांघों के बीच के हिस्से में बड़ी संख्या में पाई जाती हैं। ग्रंथियों की सूजन यह संकेत देती हैं कि आपकी बॉडी संक्रमण से लड़ रही है। आमतौर पर ग्रंथियों की सूजन अपने आप दो से तीन सप्ताह में ठीक हो जाती हैं।
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इन ग्रंथियों को लिंफ ग्लैंड्स के नाम से भी जाना जाता है। यह मटर के आकार जैसी अंडे के आकार होती हैं। इसमें मौजूद ऊत्तकों में सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं। यह कोशिकाएं बैक्टीरिया, वायरस और संक्रमण के अन्य किसी कारण से लड़ने में मदद करती हैं। लिंफ नोड्स हमारे प्रतिरक्षा तंत्र का एक अहम हिस्सा होती हैं, जो कि पूरी बॉडी में पाई जाती हैं। लिंफ नोड्स एक मिलिट्री चेकप्वॉइंट के रूप में कार्य करती हैं। जब कोई बैक्टीरिया, वायरस और बीमार कोशिका लिंफ चैनल के जरिए जाती है तो यह इन्हें लिंफ नोड्स पर रोक देती हैं। वहीं, संक्रमण या बीमारी के संपर्क में आने पर यह लिंफ नोड्स कचरा जैसे बैक्टीरिया और मृत कोशिकाओं को इक्कट्ठा कर लेती हैं।
यह एक सामान्य समस्या है, जो अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन जैसे सामान्य सर्दी की वजह से भी इनमें सूजन आ जाती है। इसकी सूजन की विस्तृत जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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इसकी सूजन के कुछ अन्य लक्षण:
उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी ग्रंथियों की सूजन के कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है।
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निम्नलिखित स्थितियों में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
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आमतौर पर हल्के वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से ग्रंथियों की सूजन की समस्या होती है, जो निम्नलिखित हैं:
प्रभावित हिस्से में ग्रंथियां अचानक नाजुक हो जाती हैं या इनमें दर्द होने लगता है। आपको कुछ अतिरिक्त लक्षण भी नजर आ सकते हैं। यह लक्षण गले में खराश, खांसी या बुखार हो सकते हैं। बेहद ही कम मामलों में निम्नलिखित परिस्थितियों ग्रंथियों में सूजन आ जाती है:
निम्नलिखित स्थितियों में ग्रंथियों में सूजन का कारण कैंसर भी होता है:
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आमतौर पर इंफेक्शन या किसी भी प्रकार के बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) से ग्रंथियों की सूजन का खतरा रहता है। कई बार इसके पीछे कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं, जिनकी उचित समय पर जांच आवश्यक है। इस संबंध विस्तृत जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
आवश्यकता पड़ने पर ग्रंथियों की सूजन के कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करा सकता है। ब्लड टेस्ट (Blood test), अल्ट्रसाउंड (Ultrasound) या कंप्यूटर टोमोग्राफी (सीटी स्कैन), और बायोप्सी (सूजे हुए हिस्से से फ्लूड का एक नमूना लिया जाता है और इसकी जांच की जाती है।)। कुछ मामलों में अतिरिक्त जांच की आवश्यकता पड़ सकती है। लिंफ बायोप्सी में कैंसर कोशिकाओं की जांच की जाती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्रंथियों की सूजन का कारण कैंसर कोशिकाएं तो नही हैं। सूजन दूर करने के लिए दवा भी दी जा सकती है।
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आमतौर पर ग्रंथियों की सूजन अपने आप ठीक हो जाती है। धीरे-धीरे सूजी हुई ग्रंथियां अपने सामान्य आकार में वापस आ जाती हैं। संभवतः आपको दर्दनाशक दवा जैसे पैरासिटमोल या इबूप्रोफेन (16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को न दें) का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है।
निम्नलिखित दिनचर्या और घरेलू उपाय आपको ग्रंथियों की सूजन से लड़ने में मदद कर सकते हैं:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
डिस्क्लेमर
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