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Swollen Glands: ग्रंथियों की सूजन क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपचार

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/12/2021

Swollen Glands: ग्रंथियों की सूजन क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपचार

परिचय

ग्रंथियों की सूजन (Swollen glands) या लिंफ नोड्स में सूजन क्या है?

ग्रंथियों की सूजन या लिंफ नोड्स में सूजन को लिंफडेनोपैथी के नाम से भी जाना जाता है। लिंफ नोड्स अंडे के आकार गांठे होती हैं, जो आपकी चिन या गर्दन, बगलों और पेट और जांघों के बीच के हिस्से में बड़ी संख्या में पाई जाती हैं। ग्रंथियों की सूजन यह संकेत देती हैं कि आपकी बॉडी संक्रमण से लड़ रही है। आमतौर पर ग्रंथियों की सूजन अपने आप दो से तीन सप्ताह में ठीक हो जाती हैं।

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इन ग्रंथियों को लिंफ ग्लैंड्स के नाम से भी जाना जाता है। यह मटर के आकार जैसी अंडे के आकार होती हैं। इसमें मौजूद ऊत्तकों में सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं। यह कोशिकाएं बैक्टीरिया, वायरस और संक्रमण के अन्य किसी कारण से लड़ने में मदद करती हैं। लिंफ नोड्स हमारे प्रतिरक्षा तंत्र का एक अहम हिस्सा होती हैं, जो कि पूरी बॉडी में पाई जाती हैं। लिंफ नोड्स एक मिलिट्री चेकप्वॉइंट के रूप में कार्य करती हैं। जब कोई बैक्टीरिया, वायरस और बीमार कोशिका लिंफ चैनल के जरिए जाती है तो यह इन्हें लिंफ नोड्स पर रोक देती हैं। वहीं, संक्रमण या बीमारी के संपर्क में आने पर यह लिंफ नोड्स कचरा जैसे बैक्टीरिया और मृत कोशिकाओं को इक्कट्ठा कर लेती हैं।

ग्रंथियों की सूजन (Swollen glands) होना कितना सामान्य है?

यह एक सामान्य समस्या है, जो अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन जैसे सामान्य सर्दी की वजह से भी इनमें सूजन आ जाती है। इसकी सूजन की विस्तृत जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

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लक्षण

ग्रंथियों की सूजन के क्या लक्षण हैं? (Symptoms of Swollen glands) सूजन के लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • लिंफ ग्लैंड्स का बैक्टीरिया या बीमारी से प्रतिक्रिया करके अपने आकार से बड़ा हो जाना।
  • इसमें सूजन आने पर इनका आकार मटर के बराबर या इससे अधिक चैरी के बराबर हो सकता है।
  • इसकी सूजन में ग्लैंड्स को छूने पर दर्द (Pain) का अहसास हो सकता है या मूवमेंट करते वक्त असहजता हो सकती है।
  • चबाते वक्त या सिर को अन्य दिशा में घुमाते वक्त ग्रंथियों में दर्द होना।
  • चलने या मुड़ने पर लिंफ नोड्स में दर्द होना।

इसकी सूजन के कुछ अन्य लक्षण:

उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी ग्रंथियों की सूजन के कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है।

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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

निम्नलिखित स्थितियों में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:

  • ग्रंथियों की सूजन कुछ हफ्तों के भीतर ठीक न होने पर या इनका आकार बड़ा होना।
  • इनमें अकड़न का अहसास या दबाने पर इनका मूव न करना।
  • यदि आपको गले में खराश (Throat Infection) है और निगलने या सांस लेने में परेशानी आ रही हो।
  • यदि आपके वजन में अनकही गिरावट आई हो, रात में पसीना आना या लगातार तापमान बढ़ना (बुखार)।
  • यदि आपको कोई संक्रमण न हो और आपको स्वस्थ न महसूस होता हो।

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कारण

ग्रंथियों की सूजन का क्या कारण है? (Cause of Swollen glands)

आमतौर पर हल्के वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से ग्रंथियों की सूजन की समस्या होती है, जो निम्नलिखित हैं:

प्रभावित हिस्से में ग्रंथियां अचानक नाजुक हो जाती हैं या इनमें दर्द होने लगता है। आपको कुछ अतिरिक्त लक्षण भी नजर आ सकते हैं। यह लक्षण गले में खराश, खांसी या बुखार हो सकते हैं। बेहद ही कम मामलों में निम्नलिखित परिस्थितियों ग्रंथियों में सूजन आ जाती है:

  • खसरा (रुबेला): यह एक वायरल इंफेक्शन है, जिसमें लाल गुलाबी स्किन रैश पड़ जाते हैं।
  • मीजिल्स (Measles): बेहद ही संक्रामक वायरल बीमारी है, जो त्वचा पर विशिष्ट प्रकार के लाल या भूरे रंग के धब्बों का कारण बनती है।
  • साइटोमेगालोवायरस (Cytomegalovirus) (CMV): यह एक सामान्य वायरस है, जो बॉडी फ्लूड जैसे सलाइवा और यूरिन के जरिए फैलता है।
  • टीबी: यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो लगातार खांसी आने पर फैलता है।
  • सिफिलिस: यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है। यह आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स करने पर फैलता है।
  • केट स्क्रेच डिजीज: यह एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो संक्रमित बिल्ली से खंरोच लगने पर होता है।
  • एचआईवी: यह एक वायरस है, जो इम्यून सिस्टम पर हमला करता है और संक्रमण से लड़ने की शक्ति को कमजोर कर देता है।
  • लुपुस (Lupus): इस बीमारी में इम्यून सिस्टम जोड़ों, स्किन, रक्त कोशिकाओं और अन्य अंगों पर हमला करना शुरू कर देते हैं।
  • रयूमेटाइड अर्थराइटिस: इस बीमारी में इम्यून सिस्टम जोड़ों के ऊत्तकों के अस्तर पर हमला करना शुरू कर देता है।
  • सारकॉइडोसिस (Sarcoidosis): इस बीमारी में छोटे लाल पैचेस पड़ जाते हैं और ऊत्तक सूज जाते हैं। इसे ग्रेनुलोमास (Granulomas) कहा जाता है, जो शरीर के अंगों पर विकसित हो जाते हैं।

निम्नलिखित स्थितियों में ग्रंथियों में सूजन का कारण कैंसर भी होता है:

  • ग्रंथियों की सूजन कुछ हफ्तों में न ठीक होना और धीरे-धीरे बढ़ना।
  • ग्रंथियों में दर्द न होना और छूने पर सख्त हो जाना।
  • अन्य लक्षणों जैसे रात में पसीना आना और वजन घटने के साथ सामने आना।

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जोखिम

किन कारकों की वजह से ग्रंथियों की सूजन (Swollen glands) का खतरा रहता है?

आमतौर पर इंफेक्शन या किसी भी प्रकार के बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) से ग्रंथियों की सूजन का खतरा रहता है। कई बार इसके पीछे कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं, जिनकी उचित समय पर जांच आवश्यक है। इस संबंध विस्तृत जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

उपचार

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

ग्रंथियों की सूजन का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Swollen glands)

आवश्यकता पड़ने पर ग्रंथियों की सूजन के कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करा सकता है। ब्लड टेस्ट (Blood test), अल्ट्रसाउंड (Ultrasound) या कंप्यूटर टोमोग्राफी (सीटी स्कैन), और बायोप्सी (सूजे हुए हिस्से से फ्लूड का एक नमूना लिया जाता है और इसकी जांच की जाती है।)। कुछ मामलों में अतिरिक्त जांच की आवश्यकता पड़ सकती है। लिंफ बायोप्सी में कैंसर कोशिकाओं की जांच की जाती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्रंथियों की सूजन का कारण कैंसर कोशिकाएं तो नही हैं। सूजन दूर करने के लिए दवा भी दी जा सकती है

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ग्रंथियों की सूजन का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment of Swollen glands)

आमतौर पर ग्रंथियों की सूजन अपने आप ठीक हो जाती है। धीरे-धीरे सूजी हुई ग्रंथियां अपने सामान्य आकार में वापस आ जाती हैं। संभवतः आपको दर्दनाशक दवा जैसे पैरासिटमोल या इबूप्रोफेन (16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को न दें) का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है।

घरेलू उपाय

जीवन शैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे ग्रंथियों की सूजन को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

निम्नलिखित दिनचर्या और घरेलू उपाय आपको ग्रंथियों की सूजन से लड़ने में मदद कर सकते हैं:

  • बॉडी को पर्याप्त आराम देना।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीना (डिहाइड्रेशन (Dehydration) से बचने के लिए)।

इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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