के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
क्लस्टर हेडेक एक दुर्लभ प्रकार का सिरदर्द है जो सिर के एक हिस्से और आंख के आसपास के क्षेत्र को प्रभावित करता है। क्लस्टर हेडेक का अटैक बार-बार और लगातार होता है। यह आमतौर पर 15 मिनट से तीन घंटे तक रोजाना या हफ्ते और महीने तक नियमित होता है। इसलिए इसे क्लस्टर पीरियड कहते हैं। क्लस्टर सिरदर्द हर साल एक ही समय जैसे वसंत या पतझड़ के मौसम में होता है। क्लस्टर अचानक नजर आता है और लगभग एक घंटे तक रहता है और फिर अचानक गायब हो जाता है।
अटैक या क्लस्टर पीरियड के दौरान लगातार सिरदर्द होता है। जबकि रिमिशन पीरियड के दौरान सिरदर्द अपने आप समाप्त हो जाता है और कई महीने या वर्षों तक नहीं होता है। क्लस्टर हेडेक होने पर आंखों में आंसू आने के साथ आंखें लाल, पलकें भारी हो जाती हैं और नाक जाम हो जाती है। क्लस्टर हेडेक माइग्रेन, साइनस हेडेक और टेंशन हेडेक से अधिक गंभीर होता है। अगर समस्या की जद बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है। इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
क्लस्टर हेडेक एक रेयर डिसॉर्डर है। यह किशोरों, वयस्कों सहित किसी भी उम्र के लोगों को प्रभाव डाल सकता है। हालांकि क्लस्टर हेडेक महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है। पूरी दुनिया में लाखों लोग क्लस्टर हेडेक से पीड़ित हैं। यह 1000 लोगों में से 1 व्यक्ति को प्रभावित करता है। क्लस्टर हेडेक आमतौर पर 30 वर्ष की उम्र से पहले शुरु होता है जो कुछ महीनों या सालों में पूरी तरह गायब हो जाता है लेकिन बिना किसी संकेत के यह दोबारा शुरु हो सकता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
क्लस्टर हेडेक शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। क्लस्टर हेडेक से पीड़ित व्यक्ति में प्रायः यह बीमारी बिना किसी संकेत के तेजी से अटैक करती है और शुरुआत में माइग्रेन की तरह मितली और उल्टी होती है। । धीरे-धीरे क्लस्टर हेडेक के ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से व्यक्ति को तेज बेचैनी और घबराहट होती है।
इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी सामने आते हैं :
क्लस्टर हेडेक प्रायः आंखों के चारों ओर शुरु होता है और यह फिर गर्दन, चेहरे, कंधों सहित सिर के अन्य भागों में फैल जाता है। क्लस्टर हेडेक होने पर रोजाना रात में एक ही समय पर व्यक्ति की नींद खुल सकती है। प्रत्येक क्लस्टर 15 मिनट से कुछ घंटों तक रहता है लेकिन समान्यतः एक घंटे से अधिक नहीं रहता है। हर दिन एक से तीन क्लस्टर हो सकता है।
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर क्लस्टर हेडेक अलग प्रभाव डाल सकता है। सिर में गंभीर दर्द, बुखार, मितली और उल्टी, गर्दन में अकड़न, चक्कर, बोलने में परेशानी, सुन्नता आदि लक्षण नजर आने किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
क्लस्टर हेडेक का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है। लेकिन हाइपोथैलमस में कई गतिविधियों के कारण यह समस्या होती है। हाइपोथैलमस मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो शरीर के तापमान, भूख और प्यास को कंट्रोल करता है। इसके अलावा मस्तिष्क के इसी हिस्से में रसायनों का स्राव होता है जो रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर देते हैं और मस्तिष्क में रक्त का अधिक प्रवाह होने लगता है।
अधिक एल्कोहल का सेवन करने, अचानक शरीर का तापमान बढ़ने और गर्म वातावरण में एक्सरसाइज करने के कारण क्लस्टर हेडेक अटैक करता है। क्लस्टर हेडेक का साइक्लिक नेचर हाइपोथैलमस में मौजूद बायोलॉजिकल क्लॉक से जुड़ा होता है। क्लस्टर हेडेक के दौरान मस्तिष्क में मेलाटोनिन और कॉर्टिसोल का स्तर असामान्य हो जाता है। सिर्फ यही ही नहीं क्लस्टर हेडेक चेहरे के ट्राइजेमिनल तंत्रिका में शरीर द्वारा अचानक हिस्टामिन और सेरोटोनिन के स्राव के कारण भी होता है।
क्लस्टर हेडेक जानलेवा बीमारी नहीं है। यह आमतौर पर मस्तिष्क में स्थायी परिवर्तन नहीं करती है। लेकिन लंबे समय तक इस बीमारी का इलाज न कराने से सिरदर्द गंभीर हो सकता है और रक्त वाहिकाएं डैमेज हो सकती हैं। इसके अलावा यह हाइपोथैलमस को भी प्रभावित कर सकता है। क्लस्टर हेडेक से पीड़ित व्यक्ति के कामकाज और जीवन पर असर पड़ सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
क्लस्टर हेडेक का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
कुछ मरीजों में क्लस्टर हेडेक में एक अलग तरह का दर्द और अटैक होता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर मरीज के सिर या आंखों के प्रभावित हिस्से, गंभीरता और इससे जुड़े लक्षणों के आधार पर बीमारी का निदान करते हैं। क्लस्टर अटैक के दौरान शारीरिक परीक्षण करके डॉक्टर हार्नर सिंड्रोम यानी पलकों पर भारीपन और पुतली सिकुड़ने की समस्या का निदान करते हैं।
क्लस्टर हेडेक का कोई सटीक इलाज नहीं है। लेकिन, कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में क्लस्टर हेडेक के असर को कम किया जाता है। क्लस्टर हेडेक के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :
दवा से क्लस्टर हेडेक के लक्षण कम न होने पर सर्जरी से इस बीमारी का इलाज किया जाता है। सर्जरी के बाद व्यक्ति को स्थायी रुप से क्लस्टर हेडेक से छुटकारा मिल जाता है। डॉक्टर स्फेनोपैलेटिन गैंगलियॉन स्टीमूलेशन से न्यूरोट्रांसमुलेटर को प्रत्यारोपित करके सर्जरी करते हैं जिससे सिरदर्द के लक्षण समाप्त हो जाते हैं। इसके अलावा नॉन इनवेसिव वेगस नर्व स्टीमूलेशन सर्जरी का एक दूसरा विकल्प है। इसमें त्वचा के माध्यम मे वेगस नर्व को इलेक्ट्रिकल स्टीमूलेशन प्रदान करने के लिए हाथ से एक कंट्रोलर का यूज किया जाता है।
अगर आपको क्लस्टर हेडेक है तो आपके डॉक्टर धूम्रपान और एल्कोहलिक पेय पदार्थ जैसे बीयर और वाइन से परहेज के लिए कहेंगे। इसके साथ ही शरीर के तापमान को मेंटेन रखने की सलाह देंगे। सिर्फ इतना ही नहीं नियमित समय पर सोने और रात में 7 से 8 घंटे की नींद लेने से भी क्लस्टर हेडेक के लक्षण कम होते हैं। क्लस्टर हेडेक से बचने के लिए तंबाकू, कोकीन, गर्म पानी से स्नान, सूअर का मांस, प्रिजर्व मीट, हॉट डॉग से भी पूरी तरह परहेज करना चाहिए और कोई भी ऐसा फूड नहीं खाना चाहिए जो सिरदर्द के लक्षणों को बढ़ाते हैं। इसके साथ ही ताजे फलों का जूस, हरी पत्तेदार सब्जियां, फाइबर, स्प्राउट्स और अन्य पोषक तत्वों को अपने डायट में शामिल करना चाहिए। क्लस्टर हेडेक से पीड़ित व्यक्ति को निम्न फूड्स का सेवन करना चाहिए:
इसके अलावा रोजाना शांत वातावरण में बैठकर मेडिटेशन, योग एवं एक्सरसाइज करने से भी क्लस्टर हेडेक के लक्षण कम होते हैं। जीवनशैली में बदलाव और संतुलित आहार से भी इस बीमारी से बचा जा सकता है।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
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