बीएचयू में आंदोलन की जांच का आश्वासन हर बार दिया जाता है लेकिन, आखिर तब क्या किया जाए? जब शिक्षक ही इस तरह की घटनाओं में शामिल हो। विश्वविद्यालय में महिलाओं के हॉस्टल के नियम सबसे सख्त हैं। इसके बावजूद भी कई इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। इन मामलों की वजह से छात्राओं में डर बन जाता है और वे असुरक्षित महसूस करती हैं।
कई बार इस तरह की घटनाओं ने कुछ छात्राओं को शिक्षा बीच में ही छोड़कर वापस जाने पर भी मजबूर किया है।
बीएचयू में आंदोलन पर क्या था पूरा मामला?
पिछले वर्ष जूलॉजिकल एक्सकर्शन (Study Tour) पर गई कुछ छात्राओं ने प्रोफेसर एसके चौबे के खिलाफ यौन उत्पीड़न और अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया था। बीएचयू में आंदोलन का यह दल नंदनकानन पार्क गया था। 12 अक्टूबर, 2018 को वापस आने के बाद छात्राओं ने कुलपति को लिखित शिकायत भेजी जिसके बाद कार्यवाही शुरू हुई।
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