परिभाषा
दांत और मसूड़ों के अंदर जब किसी कारणवश पस बनने लगता है तो उसे ही डेंटल एब्सेस या एब्सेस्ड टूथ कहते हैं। यह पस बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण बनता है और कई बार बहुत दर्दनाक होता है। डेंटल एब्सेस के कारण, लक्षण और उपचार क्या है जानिए इस आर्टिकल में।
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डेंटल एब्सेस क्या है?
डेंटल एब्सेस जिसे दांत का फोड़ा कहते हैं, अक्सर बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है। इसमें दांत या मसूड़ों में पस (मवाज) जमा हो जाता है। बैक्टीरिया आपके प्लाक में जमा हो जाता है और यह भोजन के कण, लार आदि के जरिए मुंह में पहुंचता है। यदि आप नियमित रूप से ब्रश और फ्लॉसिंग के जरिए इसे साफ नहीं करते हैं तो बैक्टीरिया पस बनाता है और दांत में फोड़े की समस्या हो जाती है। डेंटल एब्सेस में दर्द थोड़ा या ज्यादा हो सकता है और कई बार यह कान और गर्दन तक पहुंच जाता है। यदि सही समय पर दांत के फोड़े का इलाज नहीं करवाया जाए तो यह गंभीर और जानलेवा साबित हो सकता है।
डेंटल एब्सेस के प्रकार क्या हैं?
डेंटल एब्सेस दांत और मसूड़ों के अलग-अलग हिस्से में होता है और इसी के आधार पर इसे अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है। दांत का फोड़ा के सामान्य प्रकार इस तरह हैः
पेरियापिकल एब्सेस- यह फोड़ा दांत की जड़ों के ऊपरी हिस्से पर होता है।
पेरियोडोन्टल एब्सेस- यह फोड़ा दांत की जड़ों के आगे मसूड़ों में होता है और यह आसपास के ऊतकों और हड्डियों तक भी फैल सकता है।
जिंजिवल एब्सेस- जब फोड़ा मसूड़ों पर होता है तो उसे जिंजिवल एब्सेस कहते हैं।
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कारण
डेंटल एब्सेस के कारण क्या हैं?
आपके दांत बाहर से भले ही सख्त दिखते हैं, लेकिन अंदर से यह पल्प जो नर्वस से बने होते है, से भरा होता है, इसके अलावा इसमें कई कनेक्टिंग टिशू, ब्लड वेसल आदि होते हैं। दांत अंदर से कई बार संक्रमित हो जाते हैं और यह संक्रमण कई कारणों से हो सकता है जैसे-
- कैविटी या दांतों की सड़न
- मसूड़ों की बीमारी जिसे पेरियोडॉन्टल डिसीज कहते हैं
- दांतों में क्रैक
यदि आप इंफेक्शन का इलाज नहीं करते हैं तो यह पल्प को मारकर फोड़ा बन जाता है। एक साथ आपको एक से अधिक डेंटल एब्सेस हो सकते हैं, इसके अलावा एक ही फोड़ा हड्डियों के जरिए कई जगह फैल सकता है।
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लक्षण
डेंटल एब्सेस (दांत का फोड़ा) के लक्षण क्या हैं?
डेंटल एब्सेस के लक्षणों में शामिल हैः
- गंभीर रूप से लगातार दांत में दर्द होना जो धीरे-धीरे मसूड़ों, गर्दन और कान तक पहुंच जाता है
- गर्म और ठंडी चीजों से सेंसिटिविटी
- कोई चीज चबाने या काटने पर सेंसिटिविटी होना
- बुखार
- चेहरे या गाल पर सूजन
- गर्दन या जबड़े के लिम्फ नोड्स में सूजन
- अचानक मुंह से बदबू आना, यदि फोड़ा फूट जाता है तो मुंह से नमकीन तरल पदार्थ आने लगता है और दर्द से राहत मिलती है
- सांस लेने और निगलने में परेशानी
- प्रभावित हिस्से में को छूने या उधर से कुछ काटने पर दर्द होना
- मुंह खोलने में परेशानी होना
- बीमार महसूस करना
- इन्सोमेनिया
डेंटल एब्सेस का मुख्य लक्षण है दर्द। यह दर्द आमतौर पर अचानक शुरू होता है और कुछ ही घंटों या दिनों में गंभीर हो जाता है। कुछ मामलों में दर्द कान, जबड़े और कान तक पहुंच जाता है।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
यदि आपको डेंटल एब्सेस के कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। यदि आपको बुखार चेहरे पर सूजन हैं तो डॉक्टर से परामर्श लें। यदि सांस लेने में परेशानी हो या निगलने में दिक्कत हो तो अस्पताल के आपात नंबर पर फोन करें। क्योंकि यह लक्षण बताते हैं कि इंफेक्शन मसूड़ों और आसपास के ऊतकों तक गंभीर रूप से फैल गया है।
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बचाव
डेंटल एब्सेस (दांत के फोड़े) से बचाव के लिए क्या करें?
दांत का फोड़ा न हो इसके लिए बहुत जरूरी है दांतों को सड़ने से बचाना। इसके लिए दांतों की सही देखभाल करेः
- फ्लोराइड ड्रिंकिंग वॉटर का इस्तेमाल करें
- दिन में दो बार फ्लोराइट टूथपेस्ट से दांतों को ब्रश करें
- दातों के बीच के गैप को साफ करने के लिए नियमित रूप से फ्लॉस करें
- हर 3-4 महीने में अपना टूथब्रश बदल लें या जब भी ब्रश के ब्रिसल्स खराब हो जाएं
- हेल्दी फूड खाएं। खाने के बीच में अधिक मीठा खाने से बचें।
दांतों के नियमित चेकअप और सफाई के लिए डेंटिस्ट के पास जाएं
निदान
डेंटल एब्सेस का निदान क्या है?
डेंटल एब्सेस का लक्षण दिखने पर जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह आपके दांत और आसपास के हिस्से की जांच करता है आपका डेंटिस्ट-
दांतों पर टैप करता है, क्योंकि आमतौर पर प्रभावित दांत छूने/प्रेशर देने पर सेंसिटिव हो जाते हैं।
प्रभावित हिस्से की अंदर से जांच के लिए डॉक्टर एक्स-रे की करेगा ताकि फोड़ा कहां है और कितना गंभीर है इसका पता लगाया जा सके। यदि संक्रमण फैल चुका है तो इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर सीटी स्कैन करता है।
उपचार
डेंटल एब्सेस का उपचार क्या है?
एब्सेस कितना गंभीर है इसके आधार पर डॉक्टर उपचार करता है। उपचार के तरीकों में शामिल हैः
फोड़े से पस निकालना- डॉक्टर आपके एब्सेस यानी फोड़े पर कट लगाकर पस बाहर निकालता है और उसके बात स्लाइन सॉल्यूशन से उस हिस्से की सफाई करता है।
रुट कैनल- इस तरीके में प्रभावित दांत में ड्रिलिंग करके फोड़े में भरे पस को निकाला जाता है और यदि कोई संक्रमित पल्प है तो उसे भी बाहर निकाल दिया जाता है। इसके बाद डेंटिस्ट पल्प चैंबर को भरकर सील कर देता है। दांतों को मजबूत बनाने के लिए उसके ऊपर कैप लगाया जाता है।
दांत निकालना- यदि दांत बहुत खराब हो चुका है तो डेंटिस्ट दांत निकालने के बाद फोड़े से पस निकालता है।
इसके अलावा संक्रमण यदि फोड़े वाला स्थान से बाहर भी फैल गया है या आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो डॉक्टर आपको ओरल एंटीबायोटिक्स देता है जिससे इंफेक्शन ठीक हो जाए।
डेंटल एब्सेस के लिए घरेलू उपचार
यदि दांतों में फोड़ा होने पर आप तुरंत डॉक्टर के पास नहीं जा सकते, तो दर्द से राहत के लिए इन घरेलू तरीकों का इस्तेमाल करेः
- बहुत अधिक ठंडा या गर्म खाने/पीने से परहेज करें
- जिस तरफ एब्सेस नहीं है उस साइड से ही कुछ चबाएं, इससे दर्द कम होगा
- प्रभावित हिस्से की तरफ फ्लॉस न करें
- सॉफ्ट ब्रिसल्स वाला टूथब्रश इस्तेमाल करें
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इन तरीकों से कुछ समय के लिए आपको दर्द से राहत मिल सकती है, लेकिन बेहतर यही होगा कि जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर के पास जाएं।
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