चार महीने शिशु और माता-पिता दोनों के लिए स्वीट टाइम है, जब शिशु अपने आसपास की दुनिया को डिस्कवर कर रहा होता है। इसके साथ ही पेरेंट्स के लिए शिशु की मुस्कुराहट और शरारतें हर गम भुलाने के लिए काफी है। शिशु के जन्म के बाद वो बहुत अधिक सोता है लेकिन धीरे धीरे उसके स्लीप शेड्यूल में परिवर्तन आने लगता है। आज हम बात करने वाले हैं 4 महीने के शिशु का स्लीप शेड्यूल (4 Month Old’s Sleep Schedule) कैसा होता है इस बारे में। “4 महीने के शिशु का स्लीप शेड्यूल (4 Month Old’s Sleep Schedule)” में सबसे पहले जान लेते हैं कि इस उम्र का शिशु कितना सोता है?
4 महीने का शिशु कितना सोता है?
अपने शिशु के चार महीने के होने पर आप यह नोटिस करेंगे कि आपका शिशु अब उतना नहीं सोता है जितना वो पहले सोता था। अब आपका बच्चा अधिक एक्टिव होता है और आपने आसपास की दुनिया को एक्सप्लोर करने में अधिक रुचि दिखाता है। हालांकि, हर बच्चा अलग होता है ऐसे में 4 महीने के शिशु का स्लीप शेड्यूल (4 Month Old’s Sleep Schedule) भी अलग हो सकता है। चार महीने के शिशु को दिन में लगभग 12 से 17 घंटे सोना चाहिए।
इसमें नाइट टाइम स्लीप और तीन या चार नैप भी शामिल है। लेकिन, हर शिशु की सोने की जरूरतें अलग होती है और अगर आपका शिशु इससे अधिक या कम सोता, तो ऐसा होना भी सामान्य है। इस उम्र के शिशु रात में छह से आठ घंटे सोने में सक्षम होते हैं। अब जानिए 4 महीने के शिशु का स्लीप शेड्यूल (4 Month Old’s Sleep Schedule) कैसा होना चाहिए?
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4 महीने के शिशु का स्लीप शेड्यूल (4 Month Old’s Sleep Schedule) कैसा होना चाहिए?
इस महीने के बच्चे अधिक प्रीडिक्टेबल शेड्यूल में सेटल होना शुरू कर देते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि स्लीप रिग्रेशन (Sleep regression) कुछ समय के लिए उनमें खराब नींद का कारण बन सकती है। उनके नैप्स 30 मिनट से दो घंटे के बीच ही रह जाते हैं और शिशुओं के लिए चार से तीन बार नैप लेना भी आम बात है। अगर आपका शिशु दिन में चार बार नैप लेता है, तो उसका स्लीप शेड्यूल इस प्रकार हो सकता है:
- 7 am- उठना
- 8:30 am- नैप
- 9:30 am- उठना
- 11:15 am- नैप
- 12:30 pm- उठना
- 2:15 pm- नैप
- 3:15 pm- उठना
- 4:30 pm- नैप
- 5:15 pm- उठना
- 8:30 pm- सोना
4 महीने के शिशु का स्लीप शेड्यूल (4 Month Old’s Sleep Schedule) ऐसा तब हो सकता है, अगर आपका शिशु चार बार नैप लेता है। अगर वो तीन बार नैप लेता है तो यह शेड्यूल थोड़ा अलग हो सकता है। यह स्लीपिंग पैटर्न हर शिशु के लिए अलग हो सकता है। यह केवल आपको समझाने के लिए एक उदाहरण है। अब जानिए क्या चार महीने के शिशु को सही समय पर सोने के लिए ट्रेंड किया जा सकता है?
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क्या 4- महीने के शिशु को सही समय पर सोने के लिए ट्रेंड किया जा सकता है?
हालांकि, इस उम्र के बच्चे को सोने के लिए किसी ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होती। लेकिन, पेरेंट्स ऐसा मानते हैं कि कुछ तरीकों से आपका शिशु रात में अच्छी नींद लेता है। हालांकि, इस उम्र का बच्चा खुद बिना किसी की मदद के सो सकता है। शिशु को स्लीप ट्रेनिंग देने का कोई सही तरीका भी नहीं है। लेकिन इसके लिए कुछ तरीकों को क्राय इट आउट (cry it out), चेयर मेथड (chair method) आदि के नाम से जाना जाता है।
ध्यान रखें ऐसा जरूरी नहीं है कि स्लीप ट्रेनिंग नाइट वीनिंग के समान ही हो और आपके 4 महीने के बच्चे को अभी भी रात में कम से कम एक बार फीड करने की जरूरत हो सकती है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए शिशु के डॉक्टर से बात करें। 4 महीने के शिशु का स्लीप शेड्यूल (4 Month Old’s Sleep Schedule) कैसा होना चाहिए, इसके साथ ही आपको स्लीप रिग्रेशन (Sleep regression) के बारे में जानकारी होना भी जरूरी है।
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4 महीने के शिशु का स्लीप शेड्यूल (4 Month Old’s Sleep Schedule) और स्लीप रिग्रेशन (Sleep regression)
स्लीप रिग्रेशन (Sleep regression) वो फेज है जब शिशु रात को अधिक जागता है और उसे दिन में नैप लेने में परेशानी होती है। पेरेंट्स के लिए 4 मंथ स्लीप रिग्रेशन खासतौर पर चैलेंजिंग हो सकती है। स्लीप रिग्रेशन अक्सर शिशु के डेवलपमेंटल माइलस्टोन के जैसी लगती है। चार महीने का शिशु अपने आसपास के माहौल के प्रति अधिक सचेत हो जाता है। ऐसे में, वो रात को जागता है और उसे फिर से सोने में मुश्किल हो सकती है। लेकिन, स्लीप रिग्रेशन (Sleep regression) सामान्य है और अधिक देर तक नहीं रहती हैं। अगर आप शिशु के बेड टाइम रुटीन को पूरी तरह से फॉलो करती हैं तो यह समस्या जल्दी ही दूर हो जाती है। अब पाए इसके लिए कुछ टिप्स।
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4 महीने के शिशु का स्लीप शेड्यूल (4 Month Old’s Sleep Schedule) के लिए कुछ स्लीप टिप्स
इस उम्र में आपके लिए शिशु में कुछ हेल्दी स्लीप हैबिट्स पर फोकस करना बेहद जरूरी है। यह हेल्दी स्लीप हैबिट्स इस प्रकार हैं:
टमी टाइम के लिए समय निकालें
शिशु में स्लीप रिग्रेशन (Sleep regression) की समस्या तब होती है, जब वो नए डेवलपमेंट माइलस्टोन प्राप्त कर रहा हो। चार महीने में शिशु रोल और फ्लिप होना सीखता है। ऐसे में ध्यान रखें कि इसका पेट भरा हुआ हो और उसे भरपूर पोषण मिले।
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बेड टाइम रूटीन का पालन करें
यह जरूरी है कि आप रोजाना एक ही बेड टाइम रूटीन का पालन करें। लाइट्स ऑफ करने से पहले शिशु को नहलाना, उसे आरामदायक कपड़े पहनना और उसे म्यूजिक या स्टोरी सुनाने से आपका शिशु अच्छे से सोएगा और यह उस के लिए सिग्नल की तरह होगा कि अभी सोने का समय है।
हर रात एक ही समय एक जैसे रूटीन से शुरुआत करें
हर बच्चा सोने में कुछ समय लेता है। अगर आपका बच्चा सात बजे सोता है तो उसकी रूटीन की शुरुआत आधा घंटा पहले ही शुरू कर दें। लेकिन, नैप के लिए आपको तीस मिनट पहले बेड पर जाने की जरूरत नहीं है। अब जानिए 4 महीने के शिशु का स्लीप शेड्यूल (4 Month Old’s Sleep Schedule) में शिशु को क्या समस्याएं हो सकती हैं?
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4 महीने के शिशु की स्लीप प्रॉब्लम्स
4 महीने के शिशु को कई स्लीप प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। इसमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- आपका शिशु रात को असहज हो सकता है। ऐसे में आप थोड़ा समय ले। अगर वो रो रहा है तो उसे चेक करें लेकिन गोद में न उठाएं। लाइट्स ऑन कर दें और उसके साथ खेलें। अगर वो फिर भी रो रहा है या बेचैन है, तो हो सकता है कि उसेभूख लगी हो या उसका डायपर गीला हो।
- आपका शिशु जितने उसे नैप लेने चाहिए, उतने नहीं ले रहा हो, तो यह भी एक समस्या हो सकती है। जैसे-जैसे शिशु बड़े होते हैं उनकी नैप लेने की संख्या कम होती जाती है। हालांकि हर शिशु अलग होता है।
- 4 मंथ स्लीप रिग्रेशन नैप प्रॉब्लम्स का कारण भी हो सकता है। अगर आपका शिशु कम नैप ले रहा है। लेकिन, अधिक तंग कर रहा है तो उसे न सोने दें और उसका ध्यान भटकाने की कोशिश करें। उसे तभी सुलाएं जब वो नींद आने के लक्षणों दिखाए जैसे झमाई लेना, आंखों को मलना आदि।
- आपके शिशु को रात में सोने में परेशानी हो रही है, तो ऐसा 4 मंथ स्लीप रिग्रेशन (Sleep regression) या शिशु का दिन में अधिक थक जाने के कारण भी हो सकता है। ऐसे में शिशु के डेटाइम नैप्स और बेड टाइम रूटीन को लेकर कंसिस्टेंट रहें।
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यह तो थी 4 महीने के शिशु का स्लीप शेड्यूल (4 Month Old’s Sleep Schedule) कैसा होना चाहिए, इस बारे में जानकारी। इस बात का ध्यान रखें कि हर बेबी अलग होता है और उनका स्लीप शेड्यूल भी अलग हो सकता है। बेड टाइम रूटीन का पालन करना और स्वस्थ नींद की आदतों को बनाए रखने से आपको और शिशु को अच्छी नींद आने में मदद मिलेगी। अगर आपके मन में इस बारे में कोई भी सवाल है तो इसे शिशु के डॉक्टर से अवश्य पूछें।
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