बच्चों के लिए इंस्ट्रक्शनल स्कैफोल्डिंग एक ऐसा मेथड माना जाता है, जो बच्चों को नई स्किल्स को समझने में मदद करता है। इस मेथड के अंतर्गत बच्चों को उनके स्किल सेट से आगे निकलकर कामों को करना सिखाया जाता है। इसके लिए उन्हें किसी मेंटोर की जरूरत पड़ती है, जो उनके स्किल्स को इंप्रूव कर सके और उनकी स्थिति को समझते हुए उन्हें नई चीजें सिखा सके। यह मेथड क्लास रूम में अलग-अलग विषयों के साथ अपनाई जा सकती है, जिसमें भाषा, गणित और विज्ञान की मदद भी ली जा सकती है। बच्चों में प्रॉक्सिमल डेवलपमेंट (Proximal Development in kids) के लिए स्कैफोल्डिंग (Scaffolding) क्लास के बाहर भी इस्तेमाल की जा सकती है। इसमें स्पोर्ट्स और एथलीट मोटर स्किल्स का इस्तेमाल किया जाता है। बच्चों में प्रॉक्सिमल डेवलपमेंट के लिए स्कैफोल्डिंग अलग-अलग तरह के वातावरण का निर्माण करती है, जिसमें बच्चा अपने सवालों के जवाब बेहतर रूप से पा सकता है। आइए अब जानते हैं क्लासरूम के अंतर्गत बच्चों में प्रॉक्सिमल डेवलपमेंट (Proximal Development) के क्या उदाहरण पाए जा सकते हैं और इसका इस्तेमाल बच्चों में प्रॉक्सिमल डेवलपमेंट के लिए किस तरह किया जा सकता है।
बच्चों में प्रॉक्सिमल डेवलपमेंट के लिए स्कैफोल्डिंग (Scaffolding) का इस्तेमाल ऐसे किया जा सकता है –
बच्चों में प्रॉक्सिमल डेवलपमेंट को ठीक ढंग से परफॉर्म करने के लिए स्कैफोल्डिंग टेक्निक अपनाई जाती है, जिससे बच्चों की उन प्रॉब्लम्स का निदान किया जा सके, जो उनकी कैपेबिलिटी के बाहर हो। आइए जानते हैं बच्चों में प्रॉक्सिमल डेवलपमेंट (Proximal Development in kids) के लिए स्कैफोल्डिंग किस तरह अपनाई जा सकती है।
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बच्चों में प्रॉक्सिमल डेवलपमेंट (Proximal Development in kids) में स्कैफोल्डिंग के उदाहरण –
आमतौर पर किंडरगार्डन में बच्चों को दो नंबरों को जोड़ना सिखाया जाता है। यह नंबर यदि 10 की गिनती से छोटे हो, तो बच्चे आसानी से इन्हें जोड़ पाते हैं। लेकिन 10 की गिनती से ज्यादा वाले नंबर जोड़ना बच्चों के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है। इस मुश्किल को आसान करने के लिए टीचर बच्चों को बड़े नंबरों को जोड़ना सिखा सकते हैं। इसके लिए वे बच्चों को बड़े नंबर जोड़ने के लिए दे सकते हैं और जहां बच्चा मुश्किल में आता है, वहां उसे हिंट दे कर गणित को सॉल्व करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
इसका दूसरा उदाहरण है – जब प्रीस्कूल के दौरान बच्चा त्रिकोण बनाना सीखना है, तो टीचर बच्चे को इसकी पूरी प्रक्रिया 2 से 3 भाग में सिखा सकते हैं। सबसे पहले वे उन्हें दो सीधी लकीरें खींचना सिखाते हैं, उसके बाद इन्हीं लकीरों को वर्टिकल लाइन में तब्दील करना सिखाते हैं और इस तरह हिंट देकर वे बच्चों को त्रिकोण बनाने में मदद कर सकते हैं। बच्चों में प्रॉक्सिमल डेवलपमेंट (Proximal Development) के लिए स्कैफोल्डिंग (Scaffolding) का इस्तेमाल आमतौर पर आसानी से किया जा सकता है। लेकिन कई मामलों में इसमें टीचर्स को चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। आइए जानते हैं बच्चों में प्रॉक्सिमल डेवलपमेंट (Proximal Development in kids) के लिए स्कैफोल्डिंग के दौरान आने वाली चुनौतियों के बारे में।