खिलौने बच्चों के साथी हैं। डॉ श्रीनिवास कहते हैं, कि बच्चे अकेले होने पर अधिकतर या तो सो रहे होते हैं, या फिर खिलौनों करे साथ खेल रहे होते हैं। एक साल की उम्र के बच्चे अपनी कल्पना का उपयोग अधिक करते हैं। इसलिए सुनिश्चित करें, कि आप उन्हें जो बेबी टॉयज दे रहे हैं, वे इसे प्रोत्साहित करते हैं ! मसलन, अगर कुछ बिल्डिंग ब्लॉक खरीदेंगे, तो बच्चा जो उसे इधर-उधर बिखेर कर कोई आकृति बनाने की कोशिश करेगा। इससे उनकी रचनात्मकता को बढ़ने का मौका देता है।
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बच्चे की उम्र के अनुसार हो खिलौने
खिलौने इस प्रकार खरीदें कि, उनके मूल में यह बात छिपी हो कि खिलौने बच्चों की उम्र के साथ ढलते चले जाएंगे। जितनी छोटी उम्र हो, उतने हल्के खिलौनें देना उनके लिए ज्यादा मनोरंजक होता है। ज्यादा वजनी खिलौनो से बच्चे के लिए खेलना मुश्किल होता है। एक ही बार में खिलौनो पर अपना सारा पैसा लगाने के बजाए इनपर सोचने का समय लें। क्योंकि, एक बार में बहुत से खिलौनो से आपको तसल्ली मिल सकती है, लेकिन बच्चों को संतुष्टि नहीं होगी। यह कुछ महीनों के लिए आपके बच्चे को खुश कर देगा। थोड़ी पेशेंस से काम लें और जैसे-जैसे बच्चे की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे उनके लिए खिलौनो की चुनाव करें।