‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ (Good touch and bad touch) में सामने वाले के सिर्फ नीयत का अंतर होता है। ‘टच’ सिर्फ मकसद से गुड या बैड बन जाता है। एक शख्स आपके बच्चों को किस नीयत से छू रहा है, किस तरीके से छू रहा है.. इस से पता चल जाता है कि वह ‘गुड टच’ है या ‘बैड टच’, लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी यह भी है कि हम अपने बच्चों के साथ खुल कर बात करने की आदत डालें। ताकि बच्चे अगर इस तरह की घटना से जूझ रहे हों तो डरने की बजाए बेझिझक आपसे बताएं।
साल 2017 में गुडगांव के एक बड़े स्कूल में एक छात्र के साथ हुई सेक्शुअल हरासमेंट और फिर बेदर्दी से की गई उसकी हत्या ने पूरे देश को चौंका दिया था। उसके बाद मीडिया से लेकर हर जगह इस पर बहस होती रही कि जब बच्चे स्कूल में ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आखिर कहां और कैसे उन्हें सुरक्षित समझा जाए? इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है। हो सकता है वह हमारी आंखों के सामने भी सुरक्षित न हों, लेकिन हम उन्हें बहुत हद तक इन घटनाओं से बचा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले हमे अपने बच्चों को ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ के बारे में बताना होगा।
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गुड टच (Good touch) क्या है?
बच्चों को यह हिदायत दें कि घर के सदस्यों जैसे मम्मी, पापा, दीदी, भाई गले लगाते हैं, तो वह गुड टच होता है। इस तरह के टच से उन्हें कोई नुकसान नहीं है। परिवार के सदस्य में से कोई उन्हें चूमता है वह प्यार से किया जाता है। इसके अलावे कोई बाहरी आपसे हाथ मिलाता हो, सिर पर हाथ रखता है तो यह गुड टच है।
बैड टच (Bad touch) क्या है ?
अपने बच्चों से बैड टच के बारे में बात करना आपको थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन जरूरी है। बच्चों को ये समझने में थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन उन्हें इस तरह से समझाएं कि शरीर के जिन अंगों को मां नहलाते समय साफ करती है वहां आपकी मम्मी या आया के अलावा कोई और टच करें तो तुरंत इस बारे में घर के लोगों या टीचर को बताए। इन जगहों पर अगर कोई टच करता है तो वो बैड टच होता है।
बच्चों को जानवरों का उदाहरण दे कर भी समझा सकते हैं। जैसे किसी जानवर को गलत तरीके से छूने पर वो काटने दौड़ता है या चिल्लाता है। वैसे ही अगर कोई उनके साथ ऐसा व्यवहार करता है तो आप भी वैसे ही उसका विरोध करें।
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भाषा का हमेशा ध्यान रखें
जब भी अपने बच्चों से इस विषय पर बात करें तो भाषा का ख्याल जरूर रखें। याद रखें कि भले ही आप कितने भी गुस्से में हों लेकिन, अपने बच्चे से बात कर रहे हैं, भाषा की मर्यादा में रहकर उसे गुप्तांगों आदि के बारे में उसे बताएं। अभिभावक (Parents) होने के नाते आप उन्हें एक महिला और पुरुष की शारीरिक संरचना (Body structure) पर भी सहजता से बात करें। एक अच्छे नीयत और बुरी नीयत से छूने में क्या फर्क होता है। यह खुल कर समझाएं।
मजबूती से सामना करने का हौसला बढाएं
लड़की या लड़का चाहे जो भी हो, ऐसी घटनाओं के बारे में उन्हें इंट्रोड्यूस कराते रहें। साथ ही ऐसी स्थिति आने पर डट कर सामना करने के लिए तैयार करें। इस तरह की घटनाएं बहुत सेंसिटिव होती है और बच्चों को ऐसी बातें समझाना मुश्किल होता है। इसलिए अगर इन बातों को आप अपने बच्चे को अच्छे से नहीं समझा पाए तो ख्याल रखें की बच्चे आपकी बातों से कहीं डरने न लगे।
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रिएक्शन और जवाब देने का जज्बा बढाएं
बच्चों को समझाएं कि अगर कोई उन्हें बैड टच करने की कोशिश करता है तो उसे हिम्मत से काम लेना चाहिए। सामने वाले से किसी भी तरह के लालच में उलझने के सिवाए वहां से बचना चाहिए। बच्चे ऐसी स्थिति में अगर थोड़ा सा हिम्मत दिखाते हैं, तो वह व्यक्ति घबरा जाएगा। आसपास में मदद मिलने का चांस हो तो चिल्लाएं और उसे धोखा देकर वहां से भाग जाएं।
बच्चों के पास घर का फोन नंबर रखें
कई बार बच्चा घर के बाहर होता है, ऐसी स्थिति में किसी भी तरह के सिचुएशन से बचने के लिए उसे घर का फोन नंबर जरूर याद कराएं। उसके बैग या पॉकेट में फोन नंबर लिखकर डाल रखें। अगर इस तरह की घटना उसके स्कूल के किसी मेंबर द्वारा किया जा रहा है तो उसे टीचर या प्रिंसिपल के पास जाने को बोलें। हो सके तो आप खुद बच्चे के साथ उनसे मिलें और इस तरह की घटना की जानकारी दें।
एक शख्स आपके बच्चों को किस तरीके से छू रहा है, सिर्फ इस बात से पता चल जाता है, कि वह ‘गुड टच’ है या ‘बैड टच’? लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी यह भी है कि हम अपने बच्चों के साथ खुल कर बात करने की आदत डालें, ताकि बच्चे अगर इस तरह की घटना से जूझ रहे हों तो डरने की बजाए बेझिझक हमसे बताएं।
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बच्चों को उनके शरीर के बारे में पूरी जानकारी दें। बच्चों को बताएं कि उनके निजी अंग कौन से हैं। बच्चों को बताएं कि शरीर के इन हिस्सों को किसी को न छूने दे। यहां तक कि बच्चों को जानकारी देने के बाद आप भी बच्चों के शरीर के उन हिस्सों को न छूएं। इससे उन्हें एहसास होगा कि वाकई इन्हें किसी को भी छूने नहीं देना चाहिए।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में बच्चों को गुड टच बैड टच में अंतर समझाने के तरीके बताए गए हैं। यदि आपको इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी चाहिए तो आप अपने सावाल को कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके सवालों का जवाब दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।
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