कई बार मां को बच्चे को स्तनपान कराने के दौरान स्तनों में दर्द महसूस होता है। अगर आप पहली बार मां बनी हैं तो शुरू में हल्का दर्द सबको होता है। लेकिन, अगर यह दर्द हमेशा बना रहे तो इसका इलाज कराना चाहिए। स्तन में होने वाले दर्द के कारण कुछ मां बच्चे को स्तनपान कराना बंद कर देती हैं, जोकि सही उपाय नहीं है। इस बारे में वाराणसी के चंद्रा हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कुसुम चंद्रा ने हैलो स्वास्थ्य को बताया कि दर्द के कारण स्तनपान बंद करना गलत है।
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स्तनपान के दौरान क्यों स्तनों में दर्द है
डॉ. चंद्रा ने कहा कि अमूमन दर्द नहीं होना चाहिए। जब बच्चा पहली बार मां के स्तनपान करता है तो स्तनों में खिंचाव के कारण हल्का दर्द महसूस होता है। जिसे लेटडाउन रिफ्लेक्स कहते हैं। यह एक ऐसी प्रतिक्रिया होती है। जिसमें स्तनों में झुनझुनाहट और दर्द महसूस होता है। जब मां अपने बच्चे को स्तनपान कराती हैं तो लेटडाउन रिफ्लेक्स के कारण ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन उत्प्रेरित होता है। जिसे लव हॉर्मोन (Love Hormone) भी कहते है। यह हार्मोन शरीर में दूध बनाने में भी मदद करता है।
स्तनपान के दौरान स्तनों में असामान्य दर्द होने के कई कारण हैं
स्तनपान के दौरान असामान्य दर्द होने के कई कारण हैं, जैसे कि
ज्यादा मात्रा में दूध के उत्पादन से दर्द :
कुछ महिलाओं को डिलीवरी के बाद ज्यादा मात्रा में दूध बनता है। इसलिए स्तनपान के दौरान जब ज्यादा दूध निकलता है, तो स्तनों में दर्द महसूस होता है। ऐसी मां को बच्चे को लगातार थोड़े-थोड़े समय पर स्तनपान कराते रहना चाहिए। ऐसा करने से दर्द से धीरे-धीरे राहत मिल जाती है। ज्यादा ब्रेस्ट मिल्क होने पर आप ब्रेस्ट पंप के द्वारा दूध को निकाल कर संग्रहित भी कर सकती हैं। लेकिन, दूध स्टोरेज के भी अपने कुछ नियम होते हैं।
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स्तनों में सूजन होने से :
डिलिवरी के बाद नवजात शिशु काफी कम मात्रा में दूध पीता है। जिससे मां के स्तनों में दूध भर जाता है। साथ ही स्तनों में रक्त प्रवाह भी बढ़ जाता है। ऐसे में स्तनों में सूजन आ जाती है और स्तन में जगह-जगह गांठ महसूस होने लगती है। जिससे मां को दर्द होता है। डॉ. कुसुम चंद्रा के अनुसार स्तनों में दूध का भरा होना सामान्य बात है। ये स्थिति तब भी आती है जब मां बच्चे को स्तनपान कराने में कोताही बरतती है। इसलिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए मां को हर दो घंटे के अंतराल पर शिशु को स्तनपान कराते रहना चाहिए। ऐसा करने से सूजन के कारण होने वाले दर्द को आराम होगा ।
निप्पल में दरारें आने से दर्द :
स्तनपान कराने के दौरान बच्चों के मसूड़ों के दबाव से निप्पल में दरारें आ जाती हैं। जो कि दर्द भरा होता है। डॉ.चंद्रा ने कहा कि अगर मां ने ध्यान नहीं दिया तो यह आगे चल कर घाव बन जाता है। जिससे मां के स्तनों और बच्चे को संक्रमण होने का खतरा रहता है। इसके लिए मां को डॉक्टर से मिल कर क्रैक निप्पल का इलाज कराना चाहिए।
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कैसे पाएं स्तनपान के दौरान होने वाले स्तनों में दर्द से निजात
स्तनपान के दौरान होने वाले दर्द से निजात पाना काफी आसान है। जब स्तनों में दर्द हो तो स्तनों पर ठंडा या गर्म पानी का पानी का तौलिया लपेट लें। इससे स्तनों में होने वाले दर्द से राहत मिलेगा। दर्द के कारण मां को स्तनपान कराना बंद नहीं करना चाहिए वरना तकलीफ कम होने के बजाए बढ़ जाएगी। कभी कभार दर्द होने के कारण मां को बुखार आ जाता है। ऐसे में मां को डॉक्टर के परामर्श पर ही दवाएं लेनी चाहिए। इसके अलावा स्तनों को हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए। खासकर के निप्पल के आसपास के हिस्से की सफाई का बहुत ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा आप स्तनों में दर्द के लिए निम्न नुस्खे भी अपना सकती हैं :
स्तनों पर लगाएं गोभी के पत्ते :
अमेरिकी और यूरोपीय देशों में महिलाएं ब्रेस्ट में दर्द से राहत पाने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल करती हैं। गोभी के पत्ते स्तनों में आई सूजन को कम करते हैं और दर्द से भी राहत दिलाते हैं। सबसे पहले गोभी को ठंडे स्थान पर रख दें। उसके दो पत्ते लें और स्तनों के ऊपर रख कर टाइट कपड़े पहन लें, ताकि पत्ते अपनी जगह से खिसक न सकें। पत्तों को 20 मिनट तक स्तनों पर लगा रहने दें। उसके बाद अगर आप चाहेंं तो उन पत्तों को बदल कर नए पत्ते भी लगा सकती हैं। या फिर आप इस तरीके का इस्तेमाल रात को सोते समय भी कर सकती हैं।
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सही साइज के ब्रा का चयन करें :
गलत साइज के ब्रा पहनने से भी स्तनों में दर्द हो सकता है। इसलिए, हमेशा सही साइज का ही चुनाव करें।
नियमित स्तनपान कराएं :
अगर आप बच्चे को नियमित स्तनपान कराएंगी, तो बच्चे को इसकी आदत हो जाएगी, जिससे वो बिना निप्पल्स को काटे ही दूध पीने की आदत डाल सकता है।
हॉट ऑयल मसाज :
ब्रेस्ट में दर्द होने पर थोड़ी-सी मात्रा में नारियल तेल या जैतून का तेल लें। उसे हल्का गर्म करें और फिर इससे अपने स्तनों की 15 मिनट तक मसाज करें। इससे स्तनों में आई सूजन कम होगी। दर्द भी दूर होगा और ब्रेस्ट में ब्लड फ्लो भी बढ़ेगा।
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गर्म पानी से सिकाई करें :
ब्रेस्ट में दर्द होने पर किसी बर्तन में गर्म पानी लें। उसमें कॉटन का कपड़ा भिगोएं। अब कपड़े को पानी से बाहर निकाले और उससे पानी निचोड़ लें। इस कपड़े को अब अपने स्तनों पर रखें। ऐसा करने से आपको दर्द से राहत मिलेगी।
तुलसी के पत्तों का पेस्ट लगाएं :
तुलसी में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया और इन्फेक्शन दूर करते हैं। साथ ही यह घाव भी भरने में मददगार होते हैं। इसके लिए तुलसी के पेस्ट को स्तनों पर 10 से 15 मिनट के लिए लगा कर रखें। इस प्रक्रिया को आप हफ्ते में चार बार अपना सकती हैं।
एलोवेरा जेल :
एलोवेरा जेल कई तरह से फायदेमंद है। इसका इस्तेमाल त्वचा से लेकर बालों को अच्छा करने के लिए किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि एलोवेरा ब्रेस्ट में दर्द को दूर करने में भी मदद करता है। अगर आपको भी ब्रेस्टफीडिंग कराने के बाद ब्रेस्ट में दर्द रहने की शिकायत रहती है, तो आप एलोवेरा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप ताजे एलोवेरा की पत्ती से जेल निकालें। उसे स्तनों और निप्पल पर 5 से 10 मिनट तक लगा रहने दे। इससे आपको काफी आराम मिलेगा।
टी ट्री ऑयल :
टी ट्री ऑयल स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। टी ट्री ऑइल में हीलिंग प्रॉसेज के गुण पाए जाते हैं। यह किसी भी घाव को बहुत जल्दी भरता है। इसके लिए आप रात में सोते समय निप्पल पर टी ट्री ऑयल की दो-दो बूंद लगाएं। इससे घाव भी भरेगा और दर्द भी दूर होगा।
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