बेबी, मम्मा का तरफ देखों ! अरे थोड़ा सा हंस दो। बहुत सारा पेशेंस और 100 क्लिक के बाद एक अच्छी फोटो। ऐसा बहुत से पेरेंट्स के साथ होता होगा। बच्चे को अलग-अलग पोज में बैठाना और उनके चेहरे के एक्सप्रेशन को कैद करना वाकई कठिन काम होता है। बच्चे के हर मूवमेंट को कैमरे में कैद करना और फिर बच्चों के बड़े हो जाने पर उन्हें देखना माता-पिता के लिए किसी सुखद एहसास से कम नहीं होता है। बच्चे की फोटोग्राफी करना टेढ़ी खीर से कम नहीं है। बच्चे फोटोग्राफी अच्छी तरह से हो, इसके लिए कुछ लोग एक्सपर्ट का भी सहारा लेते हैं। अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो बच्चे की फोटोग्राफी अच्छी तरह से हो सकती है।
बच्चे की फोटग्राफी करते समय उनके साथ किसी भी प्रकार की जबरदस्ती सही नहीं होती है। बच्चा हर समय एक जैसे मूड में नहीं होता है। जब भी फोटोग्राफी करनी हो, पहले बच्चे का मूड चेक कर लें। फिर अपने कैमरे का जादू दिखाने के लिए तैयार हो जाए।
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बच्चे की फोटोग्राफी के लिए सॉफ्ट लाइट
बच्चे की फोटोग्राफी करते समय अच्छी लाइट यानी नैचुरल लाइट बहुत मायने रखती है। नैचुरल लाइट दिन के समय तेज होती है। बच्चे की फोटोग्राफी करते समय घर में ऐसी जगह का चुनाव करें, जहां रोशनी के साथ ही कुछ छांव भी हो। तेज रोशनी में फोटो के खराब होने का खतरा हो सकता है। इनडारेक्ट लाइट बच्चे के स्किन की सॉफ्टनेस को बेहतरीन ढंग से शो करेगा। रात में भी अच्छी फोटोग्राफी हो सकती है लेकिन नैचुरल लाइट में अलग इफेक्ट होता है। एक बार इसे भी ट्राई करके देखे।
बच्चे की फोटोग्राफी करते समय चुनें हल्के कपड़े
बच्चे की फोटोग्राफी करते समय हल्के कपड़े चुनना बेहतर रहेगा। भारी कपड़े पहनाने के बाद बच्चा अजीब महसूस कर सकता है। हो सकता है कि कपड़ों के कंफर्टेबल न होने के कारण बच्चा रोने लग जाए। ऐसे में अच्छी फोटोग्राफी की कल्पना नहीं की जा सकती है। अगर आप बच्चे की स्किन को ही कवर करना चाहते हैं तो उसके लिए स्कर्ट, स्मॉल पैंट या फिर सिर्फ डायपर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। अगर बच्चा सो रहा है तो बच्चे की स्किन का अच्छा फोटो कैप्चर किया जा सकता है। बच्चे के जागने पर उसके पोज बेहतरीन आ सकते हैं, लेकिन सोने पर स्किन की क्लैरिटी लाजवाब हो सकती है।
पहले से कर लें तैयारी
बच्चे की फोटोग्राफी करते समय अगर किसी भी तरह का प्रॉप यूज करना चाहते हैं तो इसकी तैयारी पहले से कर लें। जब सब तैयारी हो जाए, तब बच्चे को कमरे में लेकर आए। अगर तैयारी पहले से नहीं होगी और बच्चा कमरे में होगा, तो वो परेशान भी कर सकता है। बच्चों का मूड खराब होने में जरा सा भी समय नहीं लगता है। रूम में लाने से पहले टेम्परेचर को सेट करना बहुत जरूरी है। न तो रूम ज्यादा ठंडा हो, न ही बहुत गरम। अगर बच्चा सो रहा है तो प्रॉप पहनाने के बाद फोटोग्राफी करते समय किसी खास पल का इंतजार किया जा सकता है। बच्चे सोते में अचानक से आंख खोल देते हैं, हंसने लगते हैं या फिर जम्हाई लेतें हैं। ऐसे में बच्चे का बेहतरीन पिक कैप्चर किया जा सकता है।
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जितनी पिक्चर, उतना बढ़ जाएगा लक
ये कहना गलत नहीं होगा कि बच्चे की फोटोग्राफी में लक बहुत काम करता है। जब आप उम्मीद करेंगे कि बच्चा अच्छा पोज दें, तब शायद ऐसा न हो। अचानक से बच्चा बेहरीन पोज दे सकता है। 100 फोटो क्लिक करने के बाद एक फोटो ऐसी होती है, जिसे देखकर सारी मेहनत वसूल हो जाती है। ऐसे पल का इंतजार करना बहुत जरूरी होता है। बच्चे की फोटोग्राफी में धैर्य की बहुत जरूरत होती है। बच्चे से जबरदस्ती वाले पोज तो बिल्कुल न कराएं। अगर प्रॉप का यूज कर रहे हैं तो बच्चे को प्रॉप से खेलने की इजाजत दें। शायद कोई अच्छा पोज क्लिक हो जाए।
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आउटडोर शूट के समय रखें ध्यान
बच्चे की फोटोग्राफी अगर आउटडोर करनी है तो भी लाइट का सही इफेक्ट जरूरी होता है। गोल्डन टाइम में फोटोशूट करना बेहतर रहेगा। सनराइज के बाद और समसेट के पहले के समय को फोटोग्राफी के लिहाज से गोल्डन टाइम कहा जा सकता है। सुबह के समय लाइट सॉफ्टर और वॉर्म रहती है। साथ ही शैडो भी लॉन्ग बनते हैं। इस कारण पिक्चर मैजिकल हो जाते हैं। आउटडोर शूट में ग्रीनरी और सी साइड के पिक अच्छे आ सकते हैं। बच्चे को जगह के हिसाब से तैयार करना पिक्चर में चार चांद लगा देगा।
बच्चे के साथ खेले खेल
बच्चे की फोटोग्राफी करते समय उनके अच्छे पोज के लिए हंसाना या फिर फेस बनाकर उनसे बेहतरीन पोज लेना आपके हुनर की पहचान करवाता है। अगर फोटोग्राफी के समय बच्चे के साथ खेलेंगे तो अच्छे पोज आने के चांसेज बढ़ जाते हैं। बच्चे की बाथ टब में नहाते या फिर खेलते हुए फोटो अक्सर अच्छी आती है। ज्यादा जानकारी के लिए ऑनलाइन फोटो भी एक बार चेक कर लें। ऐसा करने से बेहतरीन आइडियाज भी आसानी से मिल जाएंगे।
जरूरी नहीं है पूरा कवर करना
ये जरूरी नहीं है कि बच्चे की फोटोग्राफी करते समय सभी फोटो में बच्चा पूरा ही नजर आए। अपसाइड डाउन, अप इन द एयर या फिर आप जो भी एंगल अपनाना चाहे, ले सकते हैं। ऐसा करने से एंगल भी अलग हो जाएगा और बच्चे की फोटो भी अच्छी आएगी। फैमिली एल्बम में डिफरेंट एंगल के बेबी फोटो सभी को अच्छे लगेंगे।
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फोटो लेते समय मिरर का यूज
बच्चे की फोटोग्राफी करते समय अगर अंधेरा महसूस हो रहा है तो लाइट को रिफ्लेक्ट करने के लिए मिरर का यूज करें। मिरर से होते हुए सनलाइट जब बच्चे तक पहुंचेगी, तो फोटो में अलग इफेक्ट आएगा। इस तरह की फोटो में भी कई तरह के एंगल लिए जा सकते हैं। ये बात ध्यान रखें कि रिफ्लेक्शन के दौरान बच्चे को किसी प्रकार की दिक्कत महसूस न हो रही हो।
प्रेग्नेंसी के दौरान भी कर सकते हैं शुरुआत
प्रेग्नेंसी के दौरान फोटशूट कराने का चलन अब बढ़ गया है। बच्चे के आने के पहले उसकी फोटोग्राफी शुरु हो जाती है। प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में मां को फोटोशूट और फिर बच्चे की फोटोग्राफी बेहतरीन ऑप्शन हैं। एल्बम तैयार करते समय मां के पेट में बच्चा और फिर बच्चे की एक दिन, एक महीने और एक साल की फोटो का कॉम्बो बहुत अच्छा लेगेगा। बच्चे की फोटोग्राफी के समय एक्सपेरिमेंट करना भी अच्छा रहेगा।
बच्चे की फोटोग्राफी करना माता-पिता के लिए सुखद अनुभव होता है। बच्चे की फोटोग्राफी के समय ध्यान रखें कि उसे किसी बात की समस्या न हो। बच्चे के लिए सभी चीजें सुविधाजनक होंगी तो काम आसान हो जाएगा।
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