सभी पेरेंट्स खास कर कि माएं शिशु को पसीने और डायपर से होने वाले वाले रैशेज से बचाने के लिए बेबी पाउडर का इस्तेमाल करती हैं। कई बार यह बिलकुल जरूरी नहीं होता है कि जिस महंगे बेबी पाउडर का आप इस्तेमाल कर रहे हैं, उसका कोई नुकसान न हों। इसलिए जब भी नवजात शिशु के लिए आप पाउडर खरीदें, तो उसके इंग्रिडियंट को जरूर देख व समझें। बच्चों के लिए बेबी पाउडर के इस्तेमाल के बारे में डॉ गीता सिन्हा (PMCH) बताती हैं, ‘ बहुत से शिशु रोग विशेषज्ञों का मानना है कि बेबी पाउडर का प्रयोग करने में चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन वे इसके बहुत सावधानी से इस्तेमाल किए जाने पर जोर देते हैं। क्योंकि बहुत से लोग इसे गलत तरीकों से इस्तेमाल करते हैं, जो शिशु के लिए खतरनाक हो सकते हैं। दरअसल, अधिकांश बेबी पाउडर टैल्क नाम के एक मुलायम खनिज (Minerals) से बनाया जाता है।
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सांस लेने में मुश्किल हो सकती है
शिशु को अगर पाउडर लगाने से उसे कोई समस्या होती है तो काफी सावधानी बरतनी चाहिए। शिशु को ज्यादा मात्रा में बेबी पाउडर लगाने से बचना चाहिए। क्योंकि, उससे शिशु को सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। शिशु सांस लेता है तो पाउडर की धूल नाक और मुंह में जाती है और फिर ये बलगम (Mucus) के रूप में जमने लगती है। जिसके कारण शिशु को सांस लेने में दिक्कत आ सकती है।
फेफड़े में हो सकती है समस्या
शिशु को अधिक बेबी पाउडर लगाने के कारण जो छोटे-छोटे कण शिशु की सांस के द्वारा अंदर जाते हैं, उससे उन्हें फेफड़ो से जुड़ी परेशानियां घेर सकती है। शिशु के गले में जलन की समस्या भी हो सकती है, क्योंकि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) बहुत विकसित नहीं हुई होती है। जिससे कारण वे बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।
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शिशु को यूं लगाएं बेबी पाउडर
शिशु को बेबी पाउडर से होने वाली समस्याओं से सुरक्षित रखने के लिए इसे इस्तेमाल करने के तरीकों में बदलाव करने की जरूरत है। डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि कभी भी बच्चे के शरीर पर बेबी पाउडर को डायरक्ट नहीं लगाना चाहिए। इसे लगाने के लिए पाउडर अपने हाथ पर लें और फिर इसे अपने हाथों पर मल लें। इसके बाद बेबी के शरीर पर लगाएं। इससे इसके कण हवा में नहीं उड़ेंगे और शिशु को परेशानी भी नहीं होगी।
इन बातों को भी ध्यान में रखना जरूरी
- शिशु को कभी भी पाउडर का डिब्बा बजाने या मुंह में भरने के लिए न दें।
- शिशु के गीली त्वचा पर पाउडर न लगाएं। त्वचा को पूरी तरह से सूखने के बाद ही पाउडर का इस्तेमाल करें, नहीं तो पाउडर त्वचा पर चिपक जाएगी।
- बच्चे को पाऊडर का डिब्बा न दें।
- छोटे बच्ची (लड़की) के प्राथमिक अंगों के पास पाउडर बिल्कुल न लगाएं, क्योंकि इससे उनमे ओवरियन कैंसर का खतरा हो सकता है।
- पाउडर लगाने के लिए ‘पफ’ का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे पाउडर उड़ने लगता है।
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