भारत में कोविड-19 यानी कि कोरोना वायरस के केस फिर से लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में कई लोगों को पहली और दूसरी वैक्सीन की डोज लग चुकी है। वहीं दूसरी ओर 15 से 18 साल के बच्चों को भी कोरोना की वैक्सीन लगना शुरू हो चुकी है। इस महामारी से बचने का एकमात्र उपाय सावधानी रखना और वैक्सीनेशन कराना है। बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन (Covid Vaccine For Kids) बहुत जरूरी है। टीकाकरण की प्रक्रिया में अभी सभी उम्र के लोगों ने भाग नहीं लिया है। यानी कि अभी सभी लोगों को टीके नहीं लगे हैं। ऐसे में कुछ लोगों के मन में सवाल है कि आखिर छोटे बच्चों को टीका कब लगेगा? हम आपको जानकारी दे दें कि भले ही भारत में अभी 5 साल के बच्चों को टीकाकरण ना शुरू हुआ हो लेकिन विदेशों में 5 साल से अधिक के बच्चों को टीका लगना शुरू हो गया है। यह पूरी तरीके से सुरक्षित है। अगर आपके भी मन में बच्चों के टीकाकरण से संबंधित सवाल हैं, तो आपको यह आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए।
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बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन (Covid Vaccine For Kids)
बच्चों के जन्म के बाद से ही टीकाकरण की प्रक्रिया (Vaccination process) शुरू हो जाती है। किसी बीमारी के लिए वैक्सीन उस बीमारी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। जिस तरह से बच्चों के लिए अन्य टीके जरूरी हैं, ठीक उसी प्रकार से बच्चों के लिए कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन भी बहुत जरूरी है। अगर बच्चों को समय पर कोरोनावायरस का टीका लग जाता है, तो उनके शरीर में इस वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ जाएगी। ऐसा जरूरी नहीं है कि बच्चों को टीकाकरण के बाद वायरस का खतरा नहीं रहता है। अगर बच्चे को टीके लग चुके हैं, तो भी संभावना है कि बच्चों को कोरोनावायरस का संक्रमण हो जाए। लेकिन यह पहले की अपेक्षा घातक नहीं होगा। इसके बहुत थोड़े ही लक्षण नजर आएंगे, जो कि आसानी से जा सकते हैं। कोरोना महामारी का खतरा सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों को भी है। आइए जानते हैं बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन (Covid Vaccine For Kids) सुरक्षित है या फिर नहीं।
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बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine For Kids) सुरक्षित है नहीं?
बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine For Kids) पूरी तरह से सुरक्षित है। किसी भी वैक्सीन को देने से पहले उसका ट्रायल किया जाता है। कोरोनावायरस वैक्सीन का ट्रायल किया जा चुका है और साथ ही सभी स्टडीज भी हो गई हैं। रिजल्ट यही आया है कि यह वैक्सीन बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। यू. एस. में करीब मिलियन बच्चों को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है और साथ ही बच्चों में किसी प्रकार की भी समस्या भी नहीं हुई है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है और सभी बच्चों को दी जा सकती है। अगर फिर भी आपको कोरोना वैक्सीन को लेकर कोई प्रश्न हो, तो एक बार अपने डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं।
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बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine For Kids) की कितनी डोज होती हैं जरूरी?
बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine For Kids) की दो खुराक की सलाह दी जाती है। इन दो खुराक के बीच करीब 3 सप्ताह का अंतर रखा जाता है। जिन बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है, उन्हें तीसरे डोज की भी जरूरत पड़ सकती है। तीसरा वैक्सीन डोज दूसरे डोज के 28 दिनों के बाद दिया जा सकता है। कुछ वैक्सीन लगवाने के बाद धीमे-धीमे उनका असर कम होने लगता है और बूस्टर डोज (Booster dose) की जरूरत पड़ती है। कोरोना वैक्सीन बच्चों को लगवाने के बाद भी बूस्टर डोज की जरूरत पड़ सकती है। बूस्टर डोज की हेल्प से ज्यादा सुरक्षा मिलती है। प्रारंभिक वैक्सीन के 5 महीने बाद बूस्टर शॉट मिल जाता है। आपको डॉक्टर से जानकारी लेनी होगी कि बच्चे को वैक्सीन लगवाने के कितने महीने बाद बूस्टर शॉट की जरूरत है।
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बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine For Kids) के क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
कई टीकों की कोरोना वैक्सीन को लगवाने के बाद भी हल्के दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट्स पैदा हो सकते हैं। कुछ दुष्प्रभाव जैसे कि हाथ में दर्द, शरीर में दर्द, सिरदर्द, बुखार, थकान का एहसास आदि। अगर वैक्सीन लगवाने के बाद ये लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। जरूरी नहीं है कि सभी बच्चों में वैक्सीन के बाद साइड इफेक्ट्स दिखाई पड़ें। वैक्सीन के बाद दुष्प्रभाव दिखने का मतलब होता है कि इम्यून सिस्टम वैक्सीन के प्रति रिस्पॉन्स कर रहा है और साथ ही प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो रही है। अगर साइड इफेक्ट्स या दुष्प्रभाव एक-दो दिन में नहीं जाते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और बच्चों में होने वाली परेशानी के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
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क्या प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कोरोना वैक्सीन लेने पर बच्चे पर पड़ सकता है बुरा असर?
कोरोना के टीकाकरण की शुरुआत में लोगों के मन में यह प्रश्न था कि गर्भवती महिलाओं को या फिर बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं को कोविड-19 वैक्सीन लेनी चाहिए या फिर नहीं। यह साफ किया जा चुका है कि प्रेग्नेंट महिलाओं को या फिर ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को कोरोना वैक्सीन से कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। टीकाकरण मां के साथ ही होने वाला बच्चे को भी गर्भ में सुरक्षित रखता है। अगर मां के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, तो इसका अच्छा प्रभाव पेट में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है। अगर फिर भी आपको लगता है कि इस बारे में आपको अधिक जानकारी चाहिए तो आप डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।
बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन ( Kids): संक्रमित बच्चे क्या ले सकते हैं वैक्सीन?
ये सच है कि अगर शरीर में कोई संक्रमण हो जाए, तो शरीर उस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देता है। लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि उस बीमारी के खिलाफ वैक्सीन नहीं लेना चाहिए। आपके बच्चों को कोरोनावायरस का संक्रमण हो चुका है, तो भी आप बच्चे को वैक्सीन लगवा सकते हैं। अगर बच्चे का संक्रमण खत्म हो चुका है, तो डॉक्टर से जानकारी लें कि कितने दिनों बाद उसे कोरोना वायरस का टीका लगना चाहिए। वैक्सीन के बाद बच्चे की तबियत पर भी ध्यान दें।
इस आर्टिकल में हमने बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine For Kids) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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