- प्रॉब्लेम सॉल्विंग स्किल ट्रेनिंग (Problem solving skills training)
- कॉग्नेटिव थेरिपी बिहेवियरल (Cognitive behavioral therapy)
- बिहेवियरल फेमली इंटरवेंशन (Behavioral Family Intervention)
- फेमिली थेरिपी (Family therapy)
- एडोलेसेंट थेरिपी (Adolescent therapy)
इन ऊपर बताये तरीकों के अलावा पेरेंट्स को भी पेरेंट मैनेजमेंट ट्रेनिंग (Parent management training) लेने की सलाह दी जाती है। पेरेंट मैनेजमेंट ट्रेनिंग की सलाह इसलिए दी जाती है कि कहें अनजाने में माता-पिता नेगेटिव पेरेंटिंग तो नहीं कर रहें हैं। दरअसल नेगेटिव पेरेंटिंग या बैड पेरेंटिंग के कारण भी बच्चों में एंटी सोशल बिहेवियर नजर आ सकते हैं। ऐसी स्थिति बच्चों में सहानिभूति की कमी आने लगती है।
नोट: बच्चों में एंटी सोशल स्वभाव होना सामान्य भी हो सकता है, लेकिन अगर बच्चों में एंटी सोशल स्वभाव ज्यादा हो तो ऐसे में डॉक्टर से कंसल्टेशन आवश्यक हो जाता है।
ये तो हुई डॉक्टरी सलाह से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, लेकिन पेरेंट्स को भी कम उम्र से ही बच्चों को लोगों से घुलना-मिलना और मैनर्स को बताना या मैनर्स के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
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बच्चों में एंटी सोशल स्वभाव से कैसे बचाव करें? (Preventing antisocial behavior in kids)
बच्चों में एंटी सोशल स्वभाव ना हो या ऐसे लक्षण नजर आने पर पेरेंट्स निम्नलिखित तरह से बचाव कर सकते हैं। जैसे:
स्टेप 1. प्राइमरी प्रिवेंशन (Primary prevention)
स्टेप 2. सेकेंडरी प्रिवेंशन (Secondary prevention)
स्टेप 3. टर्शियरी प्रिवेंशन (Tertiary prevention)