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सेल्फ रेगुलेशन स्किल्स के साथ समस्याएं (Problems with self-regulation)
समय-समय पर, अलग-अलग चीजें आपके बच्चे की आत्म-नियमन की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। इसके लिए पेरेंट्स को भी कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। कई चीजें बच्चे को प्रभावित कर सकते हैं। शुरुआत में हो सकता है कि बच्चे इसे मेंटली स्वीकार नहीं कर पाएं, लेकिन धीरे-धीरे वो इसे समझने लगेंगे। हो सकता है कि बच्चा थकान, बीमारी और आपके बच्चे की दिनचर्या में बदलाव सभी आपके बच्चे की प्रतिक्रियाओं और व्यवहार को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। कई बच्चों के लिए काफी मुश्किल होता है, वो इसे स्वीकार नहीं पाते हैं, उन्हें बदलाव को आदत को धीरे-धीरे स्वीकार करना होगा। जब बच्चा इसे पूरी तरह से स्वीकार लेता है, तो फिर सब सही हो जाता है। यह सिकल्स बच्चे की लाइफ के लिए अच्छा है। हो सकता है कि शुरूआती दौर में पेरेंट्स को भी बच्चे के साथ कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन ऐसे में पेरेंट्स को भी धैर्य रखने की आवश्यकता होती है। सेल्फ रेगुलेशन स्किल्स बच्चे के विकास में काफी प्रभावकारी है, केवल छोटे में ही नहीं, बल्कि पूरी लाइफ उनके काम आती है। जो बच्चे मेंटली अपने गुस्से पर भी काबू नहीं पा पाते हैं, वो आदत भी बच्चे की सही हो जाती है। इसके अलावा, यदि आपको इस स्किल्स को लेकर गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, तो ऐसे में बच्चे के लिए आप काउंसलर से मिल सकते हैं। इससे आपको बच्चे को यह सिकल्स समझाने में काफी आसानी होगी।
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यसेल्फ रेगुलेशन स्किल्स के बारे में आपने जाना यहां, यह पेरेंटिंग के सफर में काफी मददगार हो सकता है। बच्चों के लिए यह काफी प्रभावकारी होता है। इसलिए भी जरूरी है कि आप बच्चों को इसके बारे में पेरेंट्स को बताना और समझाना चाहिए। ताकि बच्चे जरूरत पड़ने पर बच्चे इसे असानी से स्वीकार कर पाएं। सेल्फ रेगुलेशन स्किल्स की अधिक जानकारी के लिए आप चाइल्ड काउंसलर से संपर्क करें, ऐसा तब करें, जब आपको लगे कि स्थिति गंभीर हो रही है और बच्चे को इसकी जरूरत है। इसी के साथ ही पेरेंट्स भी कुछ बातों का ध्यान रखें और अलर्ट रहें।