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गर्मियों में बच्चों की देखभाल कैसे करें: ये टिप्स आपकी करेंगे मदद

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Mousumi dutta द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/09/2021

    गर्मियों में बच्चों की देखभाल कैसे करें: ये टिप्स आपकी करेंगे मदद

    सर्दी हो या गर्मी बच्चे के लिए हर मौसम किसी न किसी परेशानी परेशानियों का कारण बन जाता है। कहने का मतलब यह है कि हर मौसम में कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जो बच्चे को बीमार कर ही देती हैं, जैसे- जाड़ा और बरसात के मौसम में सर्दी-खांसी की समस्या तो गर्मी के मौसम में पेट संबंधी समस्या या स्किन संबंधी परेशानियां आदि। इस मामले में मैंने अपनी अनुभवी मां को कहते हुए सुना था कि मौसम कोई भी हो शिशु हो या बच्चा दोनों के लिए मौसम के हिसाब से एडजस्ट करना थोड़ा मुश्किल होता है, जबतक कि वह 10-12 साल का न हो जाए। क्योंकि 10-12 साल तक उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से मजबूत नहीं हो पाती हैं।  इसलिए वह जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। कोई बात नहीं! हम इस आर्टिकल में गर्मी के मौसम से जुड़ी समस्याओं के बारे में बात करेंगे। जिससे पहली बार जो महिलाएं मां बनी हैं, उनको थोड़ी-सी मदद मिल जाए। गर्मियों में बच्चों की देखभाल करने के बारे में कुछ ऐसे आसान उपायों के बारे में बताएंगे, जिसकी सहायता से आप बच्चों को बीमार होने से बचा सकती हैं। आपकी थोड़ी सचेतनता आपके बच्चे को बहुत सारी समस्याओं से बचा सकती है। 

    गर्मियों में बच्चों की देखभाल- कपड़ा या फैशनेबल ड्रेस

    1- ढीले-ढाले कपड़े पहनाएं

    अक्सर मां जाड़े के मौसम में भारी स्वेटर पहनाने की आजादी से खुश होकर शिशु हो या बच्चा उसको हर स्टाइल के कपड़े पहनाने लगती हैं। इसके  फलस्वरूप तेज गर्मी के कारण घमौरी जैसी आम स्किन संबंधी समस्याओं से बच्चों को परेशान होना पड़ता है। गर्मी के मौसम में हमेशा ढीले-ढाले और मुलायम कपड़े पहनाने चाहिए ताकि उनकी नाजुक त्वचा को किसी प्रकार का नुकसान न हो। 

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    2- सूती कपड़े पहनाएं

    सिंथेटिक या टेरिकॉट कपड़े देखने में तो अच्छे लगते हैं, लेकिन इससे बच्चों की नाजुक त्वचा को तकलीफ होती है। सिंथेटिक या टेरिकॉट कपड़े शरीर से गर्मी बाहर निकलने नहीं देते हैं, जिसके कारण घमौरी या रैशेज बच्चों के शरीर में निकलने लगते हैं। इसलिए हमेशा सूती और मुलायम कपड़े ही पहनाने चाहिए।

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    गर्मियों में बच्चों की देखभाल- टैलकम पाउडर और मसाज ऑयल का इस्तेमाल

    1- टैलकम पाउडर का इस्तेमाल

    अक्सर माता-पिता ये सोचते हैं कि गर्मी के दिनों में बच्चे को फ्रेश रखने के लिए बहुत सारा टैलकम पाउडर का इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन यह बिल्कुल गलत है। हद से ज्यादा टैलकम पाउडर का इस्तेमाल करने से स्किन के पोर्स बंद हो जाते हैं, जिनसे उनको स्किन एलर्जी आदि हो सकती हैं। 

    2- मसाज के लिए सही तेल का करें चुनाव

    गर्मी के दिनों में कौन-सा तेल लगाना शिशु के लिए अच्छा होता है, इस बारे में डॉक्टर से पूछ लेना सेफ होता है। लेकिन तेल लगाकर लंबे समय तक यूं ही न रखें तुरन्त अच्छी तरह से नहला दें ताकि त्वचा के रोम छिद्र खुले रहें।

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    3- केमिकल फ्री साबुन या शैंपू का करें इस्तेमाल

    बच्चे के लिए हमेशा गर्मी हो या सर्दी केमिकल फ्री साबुन या शैंपू का इस्तेमाल ही करना चाहिए। इससे उनकी स्किन को नुकसान नहीं पहुँचता है। 

    गर्मियों में बच्चों की देखभाल- एसी या नॉन एसी वातावरण

    1- नॉन एसी वातावरण

    बच्चे के लिए हमेशा कमरे का तापमान नॉर्मल रखने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि अत्यधिक ठंड या गर्मी दोनों ही उसके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। गर्मी के मौसम में धूप में ज्यादा देर के लिए बाहर न ले जाएं, जिससे कि सूरज की तेज रोशनी से उसकी त्वचा को क्षति न पहुंचे। सुबह हल्की धूप में उन्हें बाहर घुमाकर लाएं ताकि उन्हें विटामिन-डी भी मिल जाए और सूरज की रोशनी भी मिले। सुबह 11 बजे से पहले और शाम 4 बजे के बाद ही बच्चे को घर से बाहर ले जाना चाहिए। अगर तेज धूप में ले जाना ही पड़ रहा है तो डॉक्टर से पूछकर उनको सनस्क्रीन लगा देनी चाहिए ताकि घमौरी या स्किन रैशेज न हो।

    इस वीडियो से जानिए नवजात के लिए जरूरी टीकों के बारे में-

    2- एसी वातावरण

    आजकल तो हर घर में एसी लगा होता है। गर्मी शुरू हुई नहीं कि खुद को एसी में बंद कर लेते हैं। बच्चों को भी एसी में ही ज्यादा देर तक रखते हैं, जिससे उनका शरीर एसी में ही एडजस्ट हो जाता है। एसी से बाहर ले जाने पर वह बेचैन हो जाते हैं या बाहर की गर्मी से उनके शरीर में रैशेज निकलने लगते हैं। इसके अलावा एसी के अंदर और बाहर के वातावरण में उनको बार-बार करने की गलती न करें, इससे बच्चे को सर्दी-खांसी की समस्या हो सकती है। एसी में भी तापमान को ज्यादा बढ़ाकर न रखें।

    गर्मियों में बच्चों की देखभाल- डायपर रैशेज

    डायपर रैशेज

    गर्मी के मौसम में शिशुओं को डायपर रैशेज की परेशानी होना बहुत कॉमन समस्या है। इससे बचने के लिए मां को सिर्फ बाहर निकलने पर ही बच्चे को डायपर पहनानी चाहिए ताकि त्वचा ज्यादातर समय सांस ले सके। डायपर रैशेज निकलने पर प्रभावित जगह को पानी से धोकर उस पर डायपर रैशेज की क्रीम या नारियल तेल भी लगा सकते हैं। इससे जलन और खुजली से बच्चे को आराम मिलता है।

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    गर्मियों में बच्चों की देखभाल- डायट

    खाने-पीने के (की) तरफ दें ध्यान

    जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आहार से पेट का रिश्ता सीधा जुड़ा होता है। खाना सही होगा तो पेट भी ठीक रहेगा। गर्मी के मौसम में बच्चों को दस्त, उल्टी, पेट दर्द और बदहजमी जैसी समस्याएं बहुत होती हैं, इसलिए इन बातों का रखें ध्यान

    पानी पर्याप्त मात्रा में पिलाएं

    शिशु हो या बच्चा उसको हमेशा हाइड्रेट रखने की कोशिश करें। उसको हमेशा पानी, घर का बना फलों का रस आदि देते रहें। बच्चों को हमेशा उबला हुआ ही पानी पिलानी (पिलाना) चाहिए ताकि उसमें किसी भी प्रकार की अशुद्धता न हों। कितना भी फिल्टर किया हुआ पानी हो, उसको उबालकर ठंडा करने के बाद ही पिलाएं।

    खाना हल्का और सुपाच्य हो

    गर्मी के मौसम में बच्चों को हमेशा पौष्टिक और आसानी से हजम हो जाने वाला खाना खिलाना चाहिए, इससे उनको पेट संबंधी समस्याओं से बचाया जा सकता है। अगर बच्चा माँ (मां) का दूध पीता है, तो स्तनपान जरूर कराएं इससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। 

    फल और हरी सब्जियों को करें डायट में शामिल

    बच्चों का आहार ऐसा होना चाहिए, जिसमें सभी प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स, फाइबर और पोषक तत्व हों। इसलिए उन्हें हमेशा घर का बना खाना खिलाएं, जिसमें सभी प्रकार की सब्जियां और अनाज हो। इसके साथ रोजाना मौसमी फलों को भी आहार में शामिल करें।

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    फॉर्मूला मिल्क के (की) जगह पर ब्रेस्टमिल्क देने की कोशिश करें

    इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि शिशु या बच्चे को ब्रेस्टमिल्क ही देना चाहिए। क्योंकि इससे बच्चे की इम्यूनिटी पावर बढ़ती है। गर्मी के दिनों में होने वाली आम बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

    गर्मियों में बच्चों की देखभाल- कीड़े- मकौड़ों से बचाएं

    गर्मी के मौसम में कीड़े-मकौड़े बहुत निकलते हैं। कमरे या घर के बाहर किसी भी कोने में दुबक कर बैठे रहते हैं और फिर पास आने पर काट लेते हैं। बच्चों की त्वचा वैसे भी नाजुक होती है, इसलिए कीड़ों का विष संपर्क में आते ही भयानक रूप धारण कर लेती हैं। इसी कारण डॉक्टर से पुछकर घर पर हमेशा एंटीसेप्टिक क्रीम रखें, जिसका समय आने पर तुरन्त इस्तेमाल कर सकें। 

    इन बातों से आप समझ ही गए होंगे कि गर्मियों में बच्चे की देखभाल करने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी घरेलू उपचार, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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