आज के समय में अधिकतर पेरेंट्स वर्किंग हैं, जिसकी वजह से बच्चे को पेरेंट्स का जो समय मिलना चाहिए, वो नहीं मिल पाता है। कई बार बच्चे अपनी परेशानी किसी को बता नहीं पाते हैं और धीरे—धीरे मानसिक तनाव का शिकार होने लगते हैं। बच्चों में मानसिक तनाव (Mental stress in children) के बारे में लखनऊ मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डा. सौमिल गुप्ता ने हैलो स्वास्थ्य को बताया कि तीन से दस वर्ष के बीच के बच्चों में बहुत जल्दी मानसिक बदलाव होने लगते हैं। कई बार बच्चों के दिमाग में छोटी—छोटी बाते घर कर जाती हैं। इसलिए पेरेंट्स का बच्चों की मानसिक स्थिति को समझना बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले उन कारणों को जानने की कोशिश करें, जिसकी वजह से बच्चा मानसिक तनाव का शिकार हो रहा है।
बच्चों के मानसिक तनाव को दूर करने के उपाय
1- बच्चों पर एक्स्ट्रा एक्टिविटीज का प्रेशर न डालें
बच्चों में मानसिक तनाव (Mental stress in children) एक्ट्रा एक्टिविटीज का प्रेशर डालने के कारण भी हो सकता है। माता-पिता में बच्चों की परवरिश से जुड़ी एक आम धारणा बन गयी है कि बच्चा जितनी तरह की एक्सट्रा एक्टिविटीज में भागिदार होगा, उसका भविष्य उतना ही अच्छा होगा। इसमें कोई दो राय भी नहीं कि बच्चे को पढ़ाई के अलावा खेलों और अन्य एक्टिविटीज में भाग लेने को उत्साहित करने से उनके साइकोलॉजी में काफी बदलाव आता है। लेकिन, बच्चे के सैड्यूल में स्कूल, ट्यूशन और होमवर्क करने में ही उसका सारा समय निकल जाता है। इसके अलावा, एक्स्ट्रा एक्टिविटीज डाल दी जाती है, तो बच्चे को खुद के लिए भी समय नहीं मिल पाता है और कई बार उनकी नींद भी पूरी नहीं हो पाती है।
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2. मानसिक तनाव के कारणों को जानें
बहुत से माता-पिता अपने बच्चों में मानसिक तनाव (Mental stress in children) को सही तरह से कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। बड़े-बूढ़ों को जब मानसिक तनाव होता है तो वे अपनी समझदारी से उसे नियंत्रित कर सकते हैं लेकिन, बच्चों में जब मानसिक तनाव आता है, तो वह रोने-चीखने लगते हैं। जमीन पर लेट-लेट कर जोर-जोर से पैर मारने लगते हैं। कई बार बच्चों में मानसिक तनाव (Mental stress in children) इतना बढ़ जाता है कि वे खुद को चोट पहुंचाने से भी नहीं डरते हैं। ऐसी स्थिति में आपको सबसे पहले अपने बच्चों के साथ दोस्त जैसा व्यवहार करने की आदत डालनी होगी। ताकि बच्चों में आपका भय नहीं, बल्कि आपके प्रति झुकाव हो कि आप उनकी समस्या से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। बच्चों को खुले मन से अपने विचार और भावों को व्यक्त करने दें।
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3. मेंटल हेल्थ के लिए सही डायट चार्ट है जरूरी
जब खाने-पीने और नींद की रूटीन गड़बड़ा जाती है, ऐसे में शरीर का ‘शुगर’ लेवल कम हो जाता है, परिणामस्वरूप बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है। अपनी बातों को व्यक्त करने के लिए वो अति-उत्साहित हो जाते हैं, धीरे-धीरे उन्हें अपनी भावनाओं को एक्सप्रेस करने के लिए गुस्सा और चिड़चिड़ापन का सहारा लेना पड़ता है। बच्चों में मानसिक तनाव (Mental stress in children) को कम करने के लिए उसे पौष्टिक आहार खिलाएं (Feed nutritious food) और साथ ही तय समय पर ही रोजाना सुलाएं।
4. टीवी, मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में उनके एक्सेस की निगरानी करें
आपको अपने बच्चों के टीवी और मोबाइल के एक्सेस पर कड़ी निगरानी रखनी होगी। सोशल मीडिया, समाचार व अन्य प्रसारण बच्चे के मन में तनाव पैदा कर सकते हैं। कुछ बच्चे हिंसक हो जाते हैं। तो वहीं कुछ कठोर भाषा का इस्तेमाल करने लगते हैं। टीवी और मोबाइल के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए बच्चों को इनकी लत न होने दें।
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5. बच्चे से साथ समय बिताना भी है जरूरी
आज कल ज्यादातर पेरेंट्स वर्किंग (Parents working) है जिस वजह से वे अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं। लेकिन अपने टाइमटेबल में बच्चों के लिए भी समय निर्धारित करें। उनके लिए एक कंफरटेबल एन्वायरोमेंट बनाएं जहां वे अपनी किसी भी परेशानी के बारे में चर्चा करने में संकोच न करें। बच्चे अपनी हर दुविधा के बारे में आपसे खुलकर बात करें। बच्चे की परेशानी को समझें और उसे दूर करने की कोशिश करें। अपने बच्चे के तनाव को दूर करने के लिए आपको समझदारी से कदम उठाना होगा।
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6. घर का वातावरण अच्छा रखें
बच्चों में मानसिक तनाव (Mental stress in children) न हो, इसके लिए आपको घर का वातावरण बेहतर बनाने की जरूरत है। ऐसा देखा जाता है कि बच्चों के बाल-मन पर घर का माहौल से भी बहुत प्रभाव पड़ता है। इस बात को घर के सदस्य और माता-पिता कभी-कभी हल्के में ले लेते हैं और यही बाद में बच्चों की परेशानी का सबब बन जाती है। घर के अंदर या बच्चों के समीप ऐसी कोई बात न करें, जिससे उन्हें आपके गुस्से में होने का आभास हो। पेरेंट्स को बच्चे के सामने अपने तनाव और एंग्जायटी पर कंट्रोल रखना चाहिए। पेरेंट्स अच्छे मूड में रहेंगे तभी वे बच्चों की परेशानी को अच्छी तरह से समझ पाएंगे। जिस घर में चार बरतन है वहां उनके बजने की आवाज भी होगी लेकिन जितना हो सके उतना घर के वातावरण को अच्छा बनाकर रखने की कोशिश करें और आपको कुछ ही दिनों में बदलाव दिखेगा।
7.बच्चों को आत्मनिर्भर होने में मदद करें
बेहतर होगा कि आप अपने बच्चों को ऐसी स्थिति से खुद निपटना सिखाएं। अक्सर देखा गया है कि माता-पिता बच्चों से अपनी बचपन का तुलना करने लगते हैं। आप उनकी समस्या को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं,न कि आपको उनसे श्रेष्ठ बनने की कोशिश करना है। बच्चे गुस्से में कभी-कभी खुद को चोट पहुंचाने का भी कदम उठा लेते हैं। ध्यान रखें, बच्चों की इन उग्र स्वभावों को बातचीत या दवा से कम किया जा सकता है। यदि आपका बच्चा गुस्से औरचिढ़न पर काबू करना सीख जाएगा तो भविष्य में उसे इस परेशानी का सामना करने की नौबत नहीं आएगी। बच्चों में मानसिक तनाव (Mental stress in children) कम करने का ये आसान उपाय हो सकता है।
बच्चों के मानसिक तनाव दूर करने के लिए जरूरी है कि आप उनकी मानसिक स्थिति को समझें और उनसें बात करें। ऐसा करने से उनका तनाव कम होगा। बच्चों में मानसिक तनाव (Mental stress in children) अगर कुछ उपाय अपनाने बाद भी कम न हो रहा हो, तो इस बात को हल्के में न लें और डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर मानसिक तनाव का कारण पता लगाने की कोशिश करेंगे और साथ ही उसे दूर भी करेंगे। टेंशन का कारण पता चलने के बाद उसे दूर करने की सलाह भी दी जाएगी। आप बिन देरी किए बच्चे का ट्रीटमेंट जरूर कराएं।
यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप अपना सवाल कमेंट कर पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके सवालों का जवाब दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे। डॉक्टर से परामर्श के बाद ही किसी ट्रीटमेंट को अपनाएं। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको बच्चों में मानसिक तनाव (Mental stress in children) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी।
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